नई दिल्ली, 12 अगस्त (आईएएनएस)। स्कूली पाठ्य पुस्तकें तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई है। इस ‘राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति’ में कई शिक्षाविद्, अर्थशास्त्री व विशेषज्ञ शामिल हैं।
इनमें इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय, प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य संजीव सान्याल, प्रसिद्ध संगीतकार व गायक शंकर महादेवन समेत अन्य सदस्य हैं।
महेश चंद्र पंत इस 19 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष बनाए गए हैं। वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड प्लानिंग इन एडमिनिस्ट्रेशन के चांसलर हैं।
समिति की सह-अध्यक्षता प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मंजुल भार्गव को सौंपी गई है। समिति में चामू कृष्ण शास्त्री भी शामिल हैं। वह भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए केंद्र की उच्चाधिकार प्राप्त, भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष भी हैं।
‘राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और शिक्षण सामग्री समिति’ एक स्वायत्त समिति होगी और इसका कार्य कक्षा 3 से 12वीं तक के छात्रों का सिलेबस तैयार करना है।
गौरतलब है कि समिति में शामिल सुधा मूर्ति, इंफोसिस के अध्यक्ष नारायण मूर्ति की पत्नी और इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सास हैं। उनके अलावा इस महत्वपूर्ण समिति में सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज के अध्यक्ष एमडी श्रीनिवास, गणितज्ञ सुजाता रामदोराई और बैडमिंटन खिलाड़ी यू विमल कुमार भी शामिल हैं।
एनसीईआरटी द्वारा जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक हाई पावर वाली ‘नेशनल सिलेबस और टीचिंग लर्निंग कमेटी’ को तीसरी क्लास से 12वीं तक के लिए स्कूल पाठ्यक्रम विकसित करने और कक्षा 2 से 3 तक जरूरी परिवर्तन सुनिश्चित करने के लिए कक्षा 1 से 2 की मौजूदा पाठ्यपुस्तकों को संशोधित करने का अधिकार होगा।
एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों को विकसित करने के लिए यह समिति बनाई है।
गौरतलब है कि हाल ही में नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क को 21 सदस्यीय स्टीयरिंग पैनल द्वारा अंतिम रूप दिया गया है। इसकी अध्यक्षता भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन ने की थी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक समिति द्वारा विकसित की जाने वाली पाठ्यपुस्तकें और अन्य शिक्षण सामग्री एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित की जाएंगी।
शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि प्रचलन में मौजूद एनसीईआरटी की स्कूली पाठ्य पुस्तकें वर्ष 2005 के नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क के आधार पर तैयार की गई हैं।
गौरतलब है कि एनसीईआरटी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि वह सभी कक्षाओं के लिए नई पाठ्यपुस्तक लाने जा रही है। एनसीईआरटी युवा शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक उनके द्वारा लाई जा रही यह नई पुस्तकें राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों पर आधारित होंगी।
–आईएएनएस
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