कोलकाता, 14 अगस्त (आईएएनएस)। छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत के मामले में पुलिस और जादवपुर विश्वविद्यालय की एक आंतरिक समिति द्वारा एक साथ चल रही जांच के बीच, मामले के मुख्य आरोपी को मिले बाहरी संरक्षण पर कई सवाल उठ रहे हैं।
विश्वविद्यालय के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, जिन छात्रों से पुलिस और आंतरिक समिति दोनों ने पूछताछ की है, उनमें से कुछ ने कहा कि गिरफ्तार आरोपी सौरव चौधरी ने छात्रावास को वस्तुतः अपनी पैतृक संपत्ति में बदल दिया था, जहां नए लोगों के लिए आवास की व्यवस्था करने का वह निर्णय लेता था।
वह गर्व से अपने संबंधों का प्रचार भी करता था। इसके कारण विश्वविद्यालय के अधिकारियों में से कोई भी उसको रोकता नहीं था।
सूत्रों ने कहा कि व्यवहार के इस पैटर्न ने अक्सर कई छात्रों और यहां तक कि प्रशासनिक कर्मचारियों के एक वर्ग को प्रेरित किया है कि चौधरी को निश्चित रूप से कुछ प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है, जिसने वह इतना बेपरवाह बना रहा ।
चौधरी के अलावा, द्वितीय वर्ष के दो छात्रों, दीपशेखर दत्ता (19) और मनोतोष घोष (20) को भी गिरफ्तार किया गया है।
इन सभी को 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
कुंडू का शव 10 अगस्त की सुबह छात्रों के छात्रावास की बालकनी के सामने बरामद किया गया था और जांच में इस त्रासदी के पीछे रैगिंग का पहलू सामने आया था।
इस बीच, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की एंटी-रैगिंग सेल की एक टीम मामले की जांच के लिए कोलकाता आने वाली है।
–आईएएनएस
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