बीजिंग, 16 अगस्त (आईएएनएस)। मूंगा चट्टानें समुद्र तल के दो हजारवें हिस्से से भी कम को कवर करती हैं, लेकिन करीब तीस प्रतिशत समुद्री प्रजातियों को आवास प्रदान करती हैं।
मूंगा चट्टानें समुद्री पारिस्थितिक स्थिति के बैरोमीटर के रूप में जानी जाती है। जलवायु परिवर्तन और मानव गतिविधि के कारण कुछ क्षेत्रों में मूंगा चट्टानों की पारिस्थितिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा।
हाल के वर्षों में चीन ने कई तटीय क्षेत्रों में प्राकृतिक बहाली और कृत्रिम पुनर्स्थापना के सहारे मूंगा चट्टानों की पारिस्थितिक व्यवस्था का संरक्षण बढ़ाया।
दक्षिण चीन के हाईनान प्रांत के सानया शहर स्थित वुचीचो द्वीप में चीन का पहला उष्णकटिबंधीय समुद्री खेत मौजूद है। स्थानीय कर्मचारियों ने समुद्र में मूंगा का प्रत्यारोपण और मछली चट्टान में समायोजन किया।
पांच साल से अधिक समय तक अब वुचीचो द्वीप के समुद्री क्षेत्र में 35 हजार से ज्यादा मूंगा का प्रत्यारोपण किया गया और करीब 50 हजार वर्ग मीटर मूंगा चट्टानों की बहाली हुई।
इससे मूंगा चट्टान, मछली, झींगा, शंख और अन्य समुद्री जानवरों से गठित संपूर्ण समुद्री जीवमंडल स्थापित हो चुका है।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस