नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को कहा कि प्रौद्योगिकी का गुरुत्वाकर्षण केंद्र आखिरकार ओपन सोर्स सिस्टम की ओर बढ़ रहा है और देश में युवा स्टार्टअप अब सामान्य को बदल रहे हैं।
मंत्री ने बेंगलुरु में जी20 ‘डिजिटल इनोवेशन अलायंस’ शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्टार्टअप की रुचि तीन प्रकार के ट्रेंड्स में है जो नवाचार अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं।
उन्होंने सभा को बताया, “तकनीक का गुरुत्वाकर्षण का केंद्र, जो पहले कुछ देशों में ही हुआ करता था और कुछ ही कंपनियों के आसपास केंद्रित था, ओपन सोर्स सिस्टम की ओर बढ़ रहा है और युवा तथा युवा स्टार्टअप सामान्य को बदल रहे हैं।”
मंत्री ने कहा, “ये रुझान देश में बढ़ते डिजिटलीकरण और तेजी से डिजिटलीकरण की व्यापक प्रवृत्ति का लाभ उठा रहे हैं।”
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 14,903 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी थी।
रेलवे, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि फ्यूचरस्किल्स प्राइम कार्यक्रम के तहत 6.25 लाख आईटी पेशेवरों को फिर से कुशल और उन्नत किया जाएगा।
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम पहली बार केंद्र द्वारा 2015 में शुरू किया गया था और अब इसके दायरे में, सूचना सुरक्षा और शिक्षा जागरूकता चरण कार्यक्रम के तहत 2.65 लाख लोगों को सूचना सुरक्षा में प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की सराहना की, जो विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है।
मोदी ने कहा था, “हमारी नीतियां युवा शक्ति को और अधिक ताकत दे रही हैं। उनकी ताकत ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने में मदद की है।”
इस साल अप्रैल तक, सरकार द्वारा 98,119 संस्थाओं को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई थी।
–आईएएनएस
एकेजे