मुंबई, 18 अगस्त (आईएएनएस) । भारत के भाला फेंक के स्टार खिलाड़ी और ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा काफी समय से 90 मीटर का आंकड़ा पार करने की कोशिश कर रहे हैं। 30 जून, 2022 को स्टॉकहोम (89.94) में वो इस आंकड़े के बेहद करीब पहुंच चुके थे।
ओलंपिक चैम्पियन, डायमंड लीग फाइनल विजेता, राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता और विश्व चैम्पियनशिप के रजत पदक विजेता चोपड़ा को पिछले कई महीनों से सवालों का सामना करना पड़ रहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में 90 मीटर की दूरी कब पार कर पाएंगे।
हंगरी के बुडापेस्ट में 2023 एथलेटिक्स विश्व चैंपियनशिप से पहले एक बार फिर यह सवाल खड़ा हो गया है।
चोपड़ा ने कहा कि वह इस उपलब्धि को हासिल करने के करीब हैं और इसे हासिल करने के लिए सिर्फ एक सही दिन की जरूरत है।
जियोसिनेमा के साथ बातचीत में नीरज चोपड़ा ने कहा, “निश्चित रूप से, मैं इस लक्ष्य के करीब हूं। मुझे बस अनुकूल परिस्थितियों के साथ बस एक अच्छे दिन की जरूरत है।”
25 वर्षीय चोपड़ा ने कहा कि वह बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप में कोई लक्ष्य नहीं रख रहे हैं और उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं भी निर्धारित की हैं, चाहे वह ओलंपिक के लिए उनकी तैयारियों के बारे में हो या घी से बने उनके पसंदीदा खाने के बारे में।
हरियाणा के आर्मीमैन ने कहा कि वह किसी भी चीज का दबाव महसूस नहीं कर रहे हैं। “मैं कुछ हद तक दबाव से निपटने का आदी हो गया हूं। हालांकि, जब मैं हर दो से चार साल में एक बार होने वाली प्रतियोगिताओं (जैसे विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक) में भाग लेता हूं, तो निस्संदेह जिम्मेदारी की भावना होती है। लेकिन मैं हमेशा अपना बेस्ट देता हूं।”
चोपड़ा, जो चोट के बाद वापसी कर रहे हैं। उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण इवेंट मिस करे और बुडापेस्ट इवेंट के लिए उन्हें ज्यादा तैयारी करने का समय नहीं मिला है। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि वो अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे।
“दुनिया के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों के खिलाफ मुकाबला करना चुनौतीपूर्ण है। साल की शुरुआत में, मैंने काफी अच्छी तैयारी की थी, लेकिन फिर मैं चोटिल हो गया जिसके कारण मुझे कुछ प्रतियोगिताओं से बाहर होना पड़ा। हालांकि उसके बाद, मैंने वापसी की और लुसाने डायमंड लीग में भाग लिया, जहां मेरा प्रदर्शन अच्छा था। तब से, सब कुछ बेहतर हो गया है और मैं अपने प्रदर्शन और प्रशिक्षण से खुश हूं।
चोपड़ा ने कहा, “मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात चुनौती के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना है, यह जानते हुए कि विश्व चैंपियनशिप निकट आ रही है और मैं वहां अच्छा प्रदर्शन करना चाहता हूं। मेरे दिमाग में कोई तय लक्ष्य या मेडल नहीं है, लेकिन महत्वपूर्ण बात यह है कि जब मैं वहां प्रतिस्पर्धा करता हूं – मैं अपने मन में चोट या किसी और चीज का डर नहीं रखना चाहता। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहता हूं, और अगर ऐसा होता है, तो मैं पहले से बेहतर वापसी करूंगा।”
–आईएएनएस
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