तिरुवनंतपुरम, 21 अगस्त (आईएएनएस)। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनके परिवार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सीपीआई (एम) की केरल इकाई में फुसफुसाहट अब तेज सुगबुगाहट में बदल रही है।
सीपीएम को ध्यान अब मुख्यमंत्री के दामाद पी.ए.मोहम्मद रियास पर केंद्रित हो गया है, जिन्हें वीणा विजयन के साथ शादी के तुरंत बाद लोक निर्माण राज्य मंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था।
रियास ने 2020 में कोविड के चरम पर विजयन की बेटी वीणा विजयन से शादी की और तब से उनकी ताकत में भारी वृद्धि हुई है, इससे पार्टी में कई लोग हैरान हैं।
रियास छात्र राजनीति से उभरे और जब शादी (दोनों के लिए दूसरी) हुई तो वह पार्टी के युवा विंग के शीर्ष नेता थे। जल्द ही, उन्हें 2021 के विधानसभा चुनावों में कोझिकोड जिले के बेपोर में सीपीआई (एम) से एक सुरक्षित सीट दी गई, इससे उन्हें आसान जीत मिली।
उनके लिए सबसे बड़ा आश्चर्य तब था, जब पहली बार विधायक बनने पर उन्हें लोक निर्माण और पर्यटन विभाग का मंत्री बनाया गया। इससे कई लोगों की भौंहें तन गईं, क्योंकि कई अनुभवी विधायक बाहर रह गए थे।
सुगबुगाहट तब शुरू हुई जब दो बार के विधायक ए.एन.शमसीर से मंत्री पद से वंचित हो गए। वह रियास को मंत्री बनाए जाने से नाराज थे। कुछ मौकों पर उन्होंने रियास की आलोचना की। चीजों को शांत करने के लिए, हाल ही में शमसीर को अध्यक्ष बनाया गया।
जब चीजें शांत होती दिखीं, तो आयकर विभाग की रिपोर्ट सामने आई। इसमेें कोच्चि स्थित खनन कंपनी-सीएमआरएल द्वारा वीना की आईटी फर्म एक्सलॉजिक को भुगतान करने के बारे में की गई फाइलिंग में गंभीर खामियों का पता चला।
इस मुद्दे को तुरंत कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनाडेन ने भुनाया, जिन्होंने अपनी कंपनी द्वारा दायर बयानों के आंकड़े जारी किए, जिससे कई लोग हतप्रभ रह गए।
हालांकि सीपीआई (एम) के राज्य सचिव एम.वी.गोविंदन और कुछ शीर्ष नेता दृढ़तापूर्वक वीना का बचाव किया। कांग्रेस और भाजपा ने मांग की है कि विजयन और रियास या वीना खुद आईटी बयानों पर स्पष्टीकरण दें।
पांच बार के विधायक के.बी.गणेश कुमार – सत्तारूढ़ वाम दल की सहयोगी पार्टी केरल कांग्रेस (बी) के एकमात्र विधायक – सार्वजनिक निर्माण विभाग के संचालन को लेकर रियास पर हमला करने वाले पहले व्यक्ति थे।
सोमवार को रियास के पूर्ववर्ती – वरिष्ठ और लोकप्रिय सीपीआई (एम) नेता जी.सुधाकरन की बारी थी, जो अपनी स्पष्टवादिता के लिए जाने जाते हैं। शायद, वह एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर अपनी नाराजगी व्यक्त करके रियास को सार्वजनिक रूप से आड़े हाथों लिया है।
सुधाकरन को 2021 में करारा झटका तब लगा, जब वह अंबालापुझा विधानसभा सीट से लगातार चौथी जीत दर्ज करने में असफल रहे।
अपने फेसबुक पोस्ट में, उन्होंने बताया कि बुनियादी ढांचे का विकास एक सतत प्रक्रिया है और अब जो दिखता है, वह यह है कि जब इसके बारे में खबरें सामने आती हैं, तो सरकार के प्रयास क्या होते हैं?
पिछली सरकार का उल्लेख नहीं है और यह अच्छा संकेत नहीं है।
सुधाकरन ने अपने गृह जिले में शुरू की गई और हाल ही में पूरी हुई विभिन्न परियोजनाओं के कुछ उदाहरण दिए।
इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन ने सोमवार को रियास की आलोचना की
और कहा कि वह विजयन के कार्यालय में एक समूह का नेतृत्व कर रहे हैं और गृह विभाग भी चला रहे हैं और ऐसा प्रतीत होता है कि वह सबसे शक्तिशाली मंत्री के रूप में उभरे हैं।”
सतीशन ने यह भी बताया कि विपक्ष की सबसे बड़ी सफलता यह है कि वे विजयन को चुप कराने में सक्षम है, जिन्होंने पिछले छह महीनों में एक शब्द भी नहीं बोला है। उन्होंने कहा, “हम उन पर लगाए गए आरोपों पर उनकी प्रतिक्रिया सुनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।”
यह देखना बाकी है कि गुरुवार को पुथुपल्ली उपचुनाव में एक चुनावी रैली को संबोधित करने वाले विजयन इस पर क्या प्रतिक्रिया देंगे।
–आईएएनएस
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