रांची, 22 अगस्त (आईएएनएस)। झारखंड की स्वर्णरेखा नदी पर चांडिल डैम के निर्माण से विस्थापित हुए लोगों की समस्याओं को लेकर डैम में कूदकर जान देने जा रहे युवक गुरुचरण साव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
उसने चांडिल डैम परियोजना के प्रबंधन से मांग की थी कि विस्थापित हुए लोगों के मुआवजे का पूरी तरह भुगतान किया जाए और उनके संपूर्ण पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। जब तक ऐसा नहीं होता, तब तक चांडिल डैम का जलस्तर 180 मीटर रखा जाए।
उसने इन मांगों को लेकर परियोजना प्रबंधन को 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। अल्टीमेटम की अवधि सोमवार रात खत्म हो गई थी।
मंगलवार की सुबह गुरुचरण साव जैसे ही चांडिल डैम के पास स्थित एक होटल पहुंचा, पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
चांडिल थाना की पुलिस ने मंगलवार सुबह से ही चांडिल डैम और आसपास के क्षेत्र में कड़ी निगाह रखी थी। डैम के ऊपर किसी के भी जाने की मनाही थी।
थाना प्रभारी दिनेश ठाकुर ने बताया कि गुरुचरण साव पुराने मामले में भी वांछित था। उसे न्यायालय में पेश करने के बाद मेडिकल जांच करायी गयी। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया।
गुरुचरण साव ने कहा कि चांडिल डैम के नाम पर अनुमंडल क्षेत्र के 116 गांव के लोगों का सबकुछ छीन लेने के बाद भी वादे के अनुसार संपूर्ण पुनर्वास नहीं हुआ है।
नौकरी और मुआवजा के वादे भी पूरे नहीं हुए हैं। इसके बावजूद परियोजना प्रशासन डैम में जल भंडारण कर विस्थापितों को बेघर कर रही है। डैम में 183 मीटर जल भंडारण करने से डूब क्षेत्र के 43 गांव जलमग्न हो जाएंगे।
उन्होंने कहा था कि विस्थापितों को जबरन डुबाकर बेघर किए जाने के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करने के लिए चांडिल डैम के ऊपर से छलांग लगाएंगे। अगर इसमें उनकी जान चली जाती है तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
–आईएएनएस
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