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Home ताज़ा समाचार

गोंडा में डीएम ने स्कूल पर मारा छापा, 89 लड़कियां गैरहाजिर थीं, वार्डन समेत 4 के खिलाफ एफआईआर

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August 23, 2023
in ताज़ा समाचार
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गोंडा, 23 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक स्कूल से बड़ी संख्या में लड़कियों के गैरहाजिर होने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई ।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

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जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

–आईएएनएस

विकेटी/एसजीके

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गोंडा, 23 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक स्कूल से बड़ी संख्या में लड़कियों के गैरहाजिर होने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई ।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

–आईएएनएस

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गोंडा, 23 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक स्कूल से बड़ी संख्या में लड़कियों के गैरहाजिर होने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई ।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

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जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

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जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

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गोंडा, 23 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक स्कूल से बड़ी संख्या में लड़कियों के गैरहाजिर होने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई ।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

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गोंडा, 23 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक स्कूल से बड़ी संख्या में लड़कियों के गैरहाजिर होने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई ।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

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जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

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गोंडा, 23 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक स्कूल से बड़ी संख्या में लड़कियों के गैरहाजिर होने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई ।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

–आईएएनएस

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गोंडा, 23 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक स्कूल से बड़ी संख्या में लड़कियों के गैरहाजिर होने का मामला सामने आया है। इस लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई ।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सोमवार को देर रात परसपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। विद्यालय परिसर में अव्यवस्थाओं को देखकर जिलाधिकारी ने जिम्मेदारों की जमकर फटकार लगाई। इस दौरान जिलाधिकारी ने छात्राओं से बात की और विद्यालयों में मिल रही सुविधाओं का जायजा लिया।

जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

आवागमन पंजिका में छात्राओं के बाहर जाने के संबंध में सूचना अंकित नहीं की गई। इस निरीक्षण के दौरान कई छात्राओं के अभिभावकों से दूरभाष पर वार्ता की गई, जिसमें अभिभावकों द्वारा छात्राएं बीती 19 अगस्त को ही घर चले जाने की जानकारी दी गई। जबकि वार्डन द्वारा उनके उसी दिन (21 अगस्त) को घर जाने की जानकारी दी गई थी।

फोन पर वार्ता के दौरान पाया गया कि छात्राएं अपने-अपने घर पर हैं। जिला समन्वयक बालिका शिक्षा ने बताया कि छात्राओं की सुरक्षा का दायित्व विद्यालय के वार्डेन, पूर्ण कालिक शिक्षिका, चौकीदार एवं पीआरडी जवान का होता है, लेकिन यहां जिम्मेदारों द्वारा अपने दायित्व का निर्वाहन नहीं किया गया है, जिसके चलते वार्डेन सरिता सिंह, पूर्ण कालिक शिक्षिका सुषम पाल, चौकीदार विष्णु प्रताप सिंह और पीआरडी जवान दिलीप कुमार मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

स्कूल से 89 छात्राएं गायब मिलने का खुलासा भी तब हुआ, जब जिले की जिलाधिकारी नेहा शर्मा सोमवार रात मौके पर अचानक जांच करने पहुंचीं। इतनी बड़ी लापरवाही पाए जाने के बाद डीएम के आदेश पर कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के वार्डन, टीचर और गेटमैन पर केस दर्ज कर लिया गया है।

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जिलाधिकारी के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक बालिका शिक्षा भी देर रात विद्यालय पहुंचे। निरीक्षण में अधिकारियों को विद्यालय में 100 के सापेक्ष सिर्फ 11 छात्राएं ही उपस्थित मिलीं। शेष छात्राओं के संबंध में वार्डेन द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। उपस्थिति पंजिका में कक्षा 07 और कक्षा 8 की छात्राओं की उपस्थिति बीते 17 अगस्त के बाद से नहीं दर्ज की गई। जबकि, वार्डेन द्वारा प्रेरणा पोर्टल पर फर्जी उपस्थिति दिखाई गई और उसके सापेक्ष धनराशि का समायोजन/भुगतान कराया गया।

विद्यालय में वित्तीय अनियमितता, निरीक्षण के दौरान मिली अव्यवस्थाओं और लापरवाही को देखते हुए वार्डन समेत चार के खिलाफ परसपुर थाने में देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई । जिला समन्वयक बालिका शिक्षा द्वारा बताया गया कि वार्डेन को स्पष्ट निर्देश हैं कि अगर कोई बालिका विद्यालय परिसर से बाहर जाती है तो उनका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाना चाहिए। परसपुर विद्यालय में वार्डन के स्तर पर इस संबंध में लापरवाही बरती गई है।

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