कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल सरकार को बुधवार को एक और झटका लगा, जब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पूर्वी मिदनापुर जिले के कोंटाई में हुए कथित टेंडर घोटाले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने का आदेश दिया।
मामले की सीबीआई जांच का निर्देश देते हुए न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के करीबी रामचंद्र पांडा को भी जमानत दे दी, जिन्हें पिछले साल 28 दिसंबर को घोटाले के सिलसिले में राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
रामचंद्र पांडा को उनकी पत्नी काकोली पांडा, जो एक स्थानीय सहकारी समिति की अध्यक्ष हैं, की शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया था। रामचंद्र पांडा के वकील ने बुधवार को अदालत में दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की स्थानीय इकाई ने काकोली पांडा पर उनके पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का दबाव डाला था, जिन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है।
काकोली पांडा भी एकल-न्यायाधीश पीठ के सामने पेश हुईं और दावा किया कि उन्हें एक कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया और फिर अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन ले जाया गया। दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति मंथा ने रामचंद्र पांडा को जमानत दे दी और यह भी आदेश दिया कि दंपति को केंद्रीय सशस्त्र बलों की सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
मामले की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए न्यायमूर्ति मंथा ने राज्य पुलिस को शिकायत की एक प्रति सौंपने का निर्देश दिया, जिसके आधार पर रामचंद्र पांडा को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने सीबीआई को अगले पांच सप्ताह के भीतर अपनी जांच की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया।
–आईएएनएस
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