अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
–आईएएनएस
केसी/एसजीके
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
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आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
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आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
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तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
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चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
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–आईएएनएस
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
–आईएएनएस
केसी/एसजीके
अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
–आईएएनएस
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
–आईएएनएस
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
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आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।
–आईएएनएस
केसी/एसजीके
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अमरावती, 5 जनवरी (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के कुप्पम शहर में बुधवार को उस वक्त तनाव पैदा हो गया, जब पुलिस ने तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू को रोड शो करने और जनसभा को संबोधित करने से रोक दिया।
आंध्र-कर्नाटक सीमा के पास पेद्दुरु गांव में हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ, सड़कों पर सभाओं पर रोक लगाने के पिछले दिन जारी एक सरकारी आदेश का हवाला देते हुए पुलिस ने नायडू के काफिले को रोक दिया।
पूर्व मुख्यमंत्री की एक पुलिस अधिकारी से तीखी बहस हुई और उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने किस कानून के तहत आदेश जारी किया है। विपक्ष के नेता ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार की चित्तूर जिले में उनके विधानसभा क्षेत्र कुप्पम की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने के लिए आलोचना की। इस दौरान तेदेपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने बल प्रयोग किया।
शाम करीब चार बजे बेंगलुरु से जेपी कुटुरु गांव पहुंचे नायडू का बड़ी संख्या में तेदेपा समर्थकों ने स्वागत किया। इसके बाद वह एक काफिले के साथ निकले, लेकिन उन्हें पेद्दुरु गांव में रोक दिया गया। डीएसपी सुधाकर रेड्डी ने तेदेपा नेता को बताया कि रोड शो और रैली की अनुमति नहीं है। नाराज नायडू अपनी कार से उतरे और पुलिस अधिकारी के साथ तीखी बहस की।
तेदेपा कार्यकर्ताओं ने काफिले को रोकने के लिए पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को हटाने की कोशिश की। वह पुलिस से भिड़ गए, जिसके बाद लाठी चार्ज किया गया। मीडियाकर्मियों से बात करते हुए, नायडू ने जगन मोहन रेड्डी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि इसके दिन गिने हुए हैं। लोग चाहते हैं कि तेदेपा राज्य को बचाने की जिम्मेदारी ले। वह गांवों में सभा करेंगे।
उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार को याद दिलाया कि वह कुप्पम से सात बार जीते हैं और उन्होंने पुलिस को अपनी यात्रा के बारे में बहुत पहले ही सूचित कर दिया था। उन्होंने बताया, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने मंगलवार को राजमुंदरी में एक बैठक आयोजित की, जहां सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए अवकाश घोषित किया गया और निजी परिवहन, आरटीसी, स्कूल और कॉलेज बसों द्वारा लोगों को जबरन उनकी बैठक में लाया गया।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, सत्ता पक्ष के नेताओं की बैठकों में शामिल नहीं होने पर लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि जो अस्वस्थ हैं उन्हें भी नहीं छोड़ा जाता है। उन्होंने पूछा कि जीओ जारी होने के बाद कैसे वाईएसआरसीपी नेताओं ने विजयनगरम में एक बैठक आयोजित की?
जैसा कि जनता में बहुत जागरूकता है कि वह अब बड़े पैमाने पर टीडीपी की बैठकों में भाग ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि जगन के घर जाने का समय आ गया है। वह फिर से नहीं जीतेंगे और उन्हें घर जाना होगा। लोग अब तेदेपा में विश्वास जता रहे हैं कि यह एकमात्र पार्टी है जो अब राज्य को राहत दे सकती है।
पुलिस ने तेदेपा के प्रचार वाहन (प्रचार राधम) और साउंड सिस्टम ले जाने वाले दूसरे वाहन को जब्त कर लिया। नायडू के रोड शो को रोकने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया। यह राज्य सरकार द्वारा सड़कों पर जनसभाओं पर रोक लगाने के आदेश जारी करने के एक दिन बाद हुआ है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार ने 28 दिसंबर को नायडू के रोड शो के दौरान कंदुकुर में हुई भगदड़ के मद्देनजर यह कदम उठाया, जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई थी।
जनसभाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार पूरे विपक्ष के निशाने पर आ गई है और उन्होंने इसे असंतोष की आवाज को दबाने का प्रयास बताया।