deshbandhu

deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
deshbandu_logo
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Menu
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर
Facebook Twitter Youtube
  • भोपाल
  • इंदौर
  • उज्जैन
  • ग्वालियर
  • जबलपुर
  • रीवा
  • चंबल
  • नर्मदापुरम
  • शहडोल
  • सागर
  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
ADVERTISEMENT
Home Today's Special News

तिब्बत में कोविड से होने वाली मौतों की संख्या में बढ़ोतरी

by
January 5, 2023
in Today's Special News, अभिमत, इंदौर, उज्जैन, खेल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, जानकारी, तकनीकी, ताज़ा समाचार, नर्मदापुरम, ब्लॉग, भोपाल, मनोरंजन, रीवा, लाइफ स्टाइल, विचार, शहडोल, सागर
0
तिब्बत में कोविड से होने वाली मौतों की संख्या में बढ़ोतरी
0
SHARES
1
VIEWS
Share on FacebookShare on Whatsapp
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया के कई देशों के साथ चीन कोरोना वायरस से जूझ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को काबू करने के उद्देश्य से सख्त लॉकडाउन लगया गया, जिसके बाद चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र के मुताबिक, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 7 दिसंबर को बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आरएएफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2 जनवरी को माल्ड्रो गोंगकर के ड्रिगुंग शमशान में 64, त्सेमोनलिंग कब्रिस्तान में 30, सेरा शमशान में 17 और 15 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सूत्र ने कहा कि इससे पहले ल्हासा क्षेत्र के इन शमशानों में हर दिन केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

READ ALSO

क्या RCB बिकने वाली है? पूर्व IPL प्रमुख ललित मोदी ने फ्रैंचाइज़ी के भविष्य पर अपनी राय रखी

मध्य प्रदेश में मतदाता सूची की मैपिंग के काम में तेजी, नागरिकता साबित करने के लिए दिखाने होंगे दस्तावेज

अन्य सूत्रों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघाई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के कई क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मौत हुई है। सिचुआन में नगाबा के कीर्ति शमशान में इतने शव लाए गए कि कुछ गिद्धों को खिलाने के लिए रखे गए।

तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले नगाबा काउंटी के मेरुमा गांव में 7 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 15 बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। लेकिन चीनी सरकार ने समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किसी भी परीक्षण स्थल या सुविधाओं की पेशकश नहीं की है, जो बहुत ही चिंताजनक है।

सूत्र ने कहा कि हर दिन 10 से 15 शवों को कीर्ति मठ अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। लेकिन पिछले चार दिनों में करीब 10 कीर्ति भिक्षुओं की मौत हो गई है। मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले कई लोग भी बीमार पड़ गए हैं।

सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तिब्बत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां कोरोना नहीं पहुंचा है। एक सूत्र का कहना है कि मेरे अपने क्षेत्र में लोग अब तेज बुखार जैसे लक्षणों के साथ बीमार हो रहे हैं और बच्चों को वैक्सीन की डोज देने की इजाजत नहीं है, जोकि ज्यादा चिंताजनक है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया के कई देशों के साथ चीन कोरोना वायरस से जूझ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को काबू करने के उद्देश्य से सख्त लॉकडाउन लगया गया, जिसके बाद चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र के मुताबिक, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 7 दिसंबर को बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आरएएफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2 जनवरी को माल्ड्रो गोंगकर के ड्रिगुंग शमशान में 64, त्सेमोनलिंग कब्रिस्तान में 30, सेरा शमशान में 17 और 15 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सूत्र ने कहा कि इससे पहले ल्हासा क्षेत्र के इन शमशानों में हर दिन केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

अन्य सूत्रों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघाई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के कई क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मौत हुई है। सिचुआन में नगाबा के कीर्ति शमशान में इतने शव लाए गए कि कुछ गिद्धों को खिलाने के लिए रखे गए।

तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले नगाबा काउंटी के मेरुमा गांव में 7 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 15 बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। लेकिन चीनी सरकार ने समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किसी भी परीक्षण स्थल या सुविधाओं की पेशकश नहीं की है, जो बहुत ही चिंताजनक है।

सूत्र ने कहा कि हर दिन 10 से 15 शवों को कीर्ति मठ अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। लेकिन पिछले चार दिनों में करीब 10 कीर्ति भिक्षुओं की मौत हो गई है। मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले कई लोग भी बीमार पड़ गए हैं।

सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तिब्बत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां कोरोना नहीं पहुंचा है। एक सूत्र का कहना है कि मेरे अपने क्षेत्र में लोग अब तेज बुखार जैसे लक्षणों के साथ बीमार हो रहे हैं और बच्चों को वैक्सीन की डोज देने की इजाजत नहीं है, जोकि ज्यादा चिंताजनक है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया के कई देशों के साथ चीन कोरोना वायरस से जूझ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को काबू करने के उद्देश्य से सख्त लॉकडाउन लगया गया, जिसके बाद चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र के मुताबिक, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 7 दिसंबर को बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आरएएफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2 जनवरी को माल्ड्रो गोंगकर के ड्रिगुंग शमशान में 64, त्सेमोनलिंग कब्रिस्तान में 30, सेरा शमशान में 17 और 15 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सूत्र ने कहा कि इससे पहले ल्हासा क्षेत्र के इन शमशानों में हर दिन केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

अन्य सूत्रों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघाई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के कई क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मौत हुई है। सिचुआन में नगाबा के कीर्ति शमशान में इतने शव लाए गए कि कुछ गिद्धों को खिलाने के लिए रखे गए।

तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले नगाबा काउंटी के मेरुमा गांव में 7 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 15 बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। लेकिन चीनी सरकार ने समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किसी भी परीक्षण स्थल या सुविधाओं की पेशकश नहीं की है, जो बहुत ही चिंताजनक है।

सूत्र ने कहा कि हर दिन 10 से 15 शवों को कीर्ति मठ अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। लेकिन पिछले चार दिनों में करीब 10 कीर्ति भिक्षुओं की मौत हो गई है। मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले कई लोग भी बीमार पड़ गए हैं।

सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तिब्बत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां कोरोना नहीं पहुंचा है। एक सूत्र का कहना है कि मेरे अपने क्षेत्र में लोग अब तेज बुखार जैसे लक्षणों के साथ बीमार हो रहे हैं और बच्चों को वैक्सीन की डोज देने की इजाजत नहीं है, जोकि ज्यादा चिंताजनक है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया के कई देशों के साथ चीन कोरोना वायरस से जूझ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को काबू करने के उद्देश्य से सख्त लॉकडाउन लगया गया, जिसके बाद चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र के मुताबिक, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 7 दिसंबर को बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आरएएफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2 जनवरी को माल्ड्रो गोंगकर के ड्रिगुंग शमशान में 64, त्सेमोनलिंग कब्रिस्तान में 30, सेरा शमशान में 17 और 15 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सूत्र ने कहा कि इससे पहले ल्हासा क्षेत्र के इन शमशानों में हर दिन केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

अन्य सूत्रों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघाई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के कई क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मौत हुई है। सिचुआन में नगाबा के कीर्ति शमशान में इतने शव लाए गए कि कुछ गिद्धों को खिलाने के लिए रखे गए।

तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले नगाबा काउंटी के मेरुमा गांव में 7 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 15 बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। लेकिन चीनी सरकार ने समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किसी भी परीक्षण स्थल या सुविधाओं की पेशकश नहीं की है, जो बहुत ही चिंताजनक है।

सूत्र ने कहा कि हर दिन 10 से 15 शवों को कीर्ति मठ अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। लेकिन पिछले चार दिनों में करीब 10 कीर्ति भिक्षुओं की मौत हो गई है। मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले कई लोग भी बीमार पड़ गए हैं।

सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तिब्बत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां कोरोना नहीं पहुंचा है। एक सूत्र का कहना है कि मेरे अपने क्षेत्र में लोग अब तेज बुखार जैसे लक्षणों के साथ बीमार हो रहे हैं और बच्चों को वैक्सीन की डोज देने की इजाजत नहीं है, जोकि ज्यादा चिंताजनक है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया के कई देशों के साथ चीन कोरोना वायरस से जूझ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को काबू करने के उद्देश्य से सख्त लॉकडाउन लगया गया, जिसके बाद चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र के मुताबिक, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 7 दिसंबर को बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आरएएफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2 जनवरी को माल्ड्रो गोंगकर के ड्रिगुंग शमशान में 64, त्सेमोनलिंग कब्रिस्तान में 30, सेरा शमशान में 17 और 15 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सूत्र ने कहा कि इससे पहले ल्हासा क्षेत्र के इन शमशानों में हर दिन केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

अन्य सूत्रों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघाई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के कई क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मौत हुई है। सिचुआन में नगाबा के कीर्ति शमशान में इतने शव लाए गए कि कुछ गिद्धों को खिलाने के लिए रखे गए।

तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले नगाबा काउंटी के मेरुमा गांव में 7 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 15 बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। लेकिन चीनी सरकार ने समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किसी भी परीक्षण स्थल या सुविधाओं की पेशकश नहीं की है, जो बहुत ही चिंताजनक है।

सूत्र ने कहा कि हर दिन 10 से 15 शवों को कीर्ति मठ अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। लेकिन पिछले चार दिनों में करीब 10 कीर्ति भिक्षुओं की मौत हो गई है। मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले कई लोग भी बीमार पड़ गए हैं।

सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तिब्बत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां कोरोना नहीं पहुंचा है। एक सूत्र का कहना है कि मेरे अपने क्षेत्र में लोग अब तेज बुखार जैसे लक्षणों के साथ बीमार हो रहे हैं और बच्चों को वैक्सीन की डोज देने की इजाजत नहीं है, जोकि ज्यादा चिंताजनक है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया के कई देशों के साथ चीन कोरोना वायरस से जूझ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को काबू करने के उद्देश्य से सख्त लॉकडाउन लगया गया, जिसके बाद चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र के मुताबिक, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 7 दिसंबर को बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आरएएफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2 जनवरी को माल्ड्रो गोंगकर के ड्रिगुंग शमशान में 64, त्सेमोनलिंग कब्रिस्तान में 30, सेरा शमशान में 17 और 15 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सूत्र ने कहा कि इससे पहले ल्हासा क्षेत्र के इन शमशानों में हर दिन केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

अन्य सूत्रों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघाई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के कई क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मौत हुई है। सिचुआन में नगाबा के कीर्ति शमशान में इतने शव लाए गए कि कुछ गिद्धों को खिलाने के लिए रखे गए।

तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले नगाबा काउंटी के मेरुमा गांव में 7 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 15 बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। लेकिन चीनी सरकार ने समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किसी भी परीक्षण स्थल या सुविधाओं की पेशकश नहीं की है, जो बहुत ही चिंताजनक है।

सूत्र ने कहा कि हर दिन 10 से 15 शवों को कीर्ति मठ अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। लेकिन पिछले चार दिनों में करीब 10 कीर्ति भिक्षुओं की मौत हो गई है। मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले कई लोग भी बीमार पड़ गए हैं।

सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तिब्बत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां कोरोना नहीं पहुंचा है। एक सूत्र का कहना है कि मेरे अपने क्षेत्र में लोग अब तेज बुखार जैसे लक्षणों के साथ बीमार हो रहे हैं और बच्चों को वैक्सीन की डोज देने की इजाजत नहीं है, जोकि ज्यादा चिंताजनक है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया के कई देशों के साथ चीन कोरोना वायरस से जूझ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को काबू करने के उद्देश्य से सख्त लॉकडाउन लगया गया, जिसके बाद चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र के मुताबिक, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 7 दिसंबर को बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आरएएफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2 जनवरी को माल्ड्रो गोंगकर के ड्रिगुंग शमशान में 64, त्सेमोनलिंग कब्रिस्तान में 30, सेरा शमशान में 17 और 15 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सूत्र ने कहा कि इससे पहले ल्हासा क्षेत्र के इन शमशानों में हर दिन केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

अन्य सूत्रों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघाई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के कई क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मौत हुई है। सिचुआन में नगाबा के कीर्ति शमशान में इतने शव लाए गए कि कुछ गिद्धों को खिलाने के लिए रखे गए।

तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले नगाबा काउंटी के मेरुमा गांव में 7 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 15 बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। लेकिन चीनी सरकार ने समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किसी भी परीक्षण स्थल या सुविधाओं की पेशकश नहीं की है, जो बहुत ही चिंताजनक है।

सूत्र ने कहा कि हर दिन 10 से 15 शवों को कीर्ति मठ अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। लेकिन पिछले चार दिनों में करीब 10 कीर्ति भिक्षुओं की मौत हो गई है। मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले कई लोग भी बीमार पड़ गए हैं।

सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तिब्बत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां कोरोना नहीं पहुंचा है। एक सूत्र का कहना है कि मेरे अपने क्षेत्र में लोग अब तेज बुखार जैसे लक्षणों के साथ बीमार हो रहे हैं और बच्चों को वैक्सीन की डोज देने की इजाजत नहीं है, जोकि ज्यादा चिंताजनक है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

ADVERTISEMENT

वाशिंगटन, 5 जनवरी (आईएएनएस)। दुनिया के कई देशों के साथ चीन कोरोना वायरस से जूझ रहा है। दिसंबर की शुरुआत में चीनी अधिकारियों द्वारा कोरोना वायरस के प्रसार को काबू करने के उद्देश्य से सख्त लॉकडाउन लगया गया, जिसके बाद चीन के तिब्बती क्षेत्रों में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

तिब्बत में रहने वाले एक सूत्र के मुताबिक, तिब्बत की राजधानी ल्हासा में 7 दिसंबर को बीजिंग की शून्य-कोविड नीति के तहत प्रतिबंध हटाए जाने के बाद से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आरएएफ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 2 जनवरी को माल्ड्रो गोंगकर के ड्रिगुंग शमशान में 64, त्सेमोनलिंग कब्रिस्तान में 30, सेरा शमशान में 17 और 15 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। सूत्र ने कहा कि इससे पहले ल्हासा क्षेत्र के इन शमशानों में हर दिन केवल तीन से चार शवों का अंतिम संस्कार किया जाता था।

अन्य सूत्रों ने कहा कि सिचुआन, गांसु और किंघाई के पश्चिमी चीनी प्रांतों के कई क्षेत्रों में भी तिब्बतियों की मौत हुई है। सिचुआन में नगाबा के कीर्ति शमशान में इतने शव लाए गए कि कुछ गिद्धों को खिलाने के लिए रखे गए।

तिब्बत के एक अन्य सूत्र ने कहा कि अकेले नगाबा काउंटी के मेरुमा गांव में 7 दिसंबर से 3 जनवरी के बीच 15 बुजुर्ग तिब्बतियों की मौत हो गई थी। लेकिन चीनी सरकार ने समय पर चिकित्सा उपचार प्रदान करने के लिए किसी भी परीक्षण स्थल या सुविधाओं की पेशकश नहीं की है, जो बहुत ही चिंताजनक है।

सूत्र ने कहा कि हर दिन 10 से 15 शवों को कीर्ति मठ अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है। लेकिन पिछले चार दिनों में करीब 10 कीर्ति भिक्षुओं की मौत हो गई है। मृतकों और संक्रमितों के लिए प्रार्थना सभाओं में शामिल होने वाले कई लोग भी बीमार पड़ गए हैं।

सिचुआन के डर्ज काउंटी में रहने वाले एक तिब्बती ने अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि तिब्बत में एक भी जगह ऐसी नहीं है जहां कोरोना नहीं पहुंचा है। एक सूत्र का कहना है कि मेरे अपने क्षेत्र में लोग अब तेज बुखार जैसे लक्षणों के साथ बीमार हो रहे हैं और बच्चों को वैक्सीन की डोज देने की इजाजत नहीं है, जोकि ज्यादा चिंताजनक है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

Related Posts

क्या RCB बिकने वाली है
खेल

क्या RCB बिकने वाली है? पूर्व IPL प्रमुख ललित मोदी ने फ्रैंचाइज़ी के भविष्य पर अपनी राय रखी

September 30, 2025
मध्य प्रदेश में मतदाता सूची की मैपिंग के काम में तेजी, नागरिकता साबित करने के लिए दिखाने होंगे दस्तावेज
ताज़ा समाचार

मध्य प्रदेश में मतदाता सूची की मैपिंग के काम में तेजी, नागरिकता साबित करने के लिए दिखाने होंगे दस्तावेज

September 30, 2025
ताज़ा समाचार

ध्यान भटकाना चाहते थे पाकिस्तानी खिलाड़ी, बल्लेबाजी के दौरान बहुत सी बातें हुईं : तिलक वर्मा

September 30, 2025
ताज़ा समाचार

जुबीन गर्ग की मौत के मामले में एसआईटी ने उठाए सख्त कदम, प्रमुख लोगों से पूछताछ जारी

September 30, 2025
ताज़ा समाचार

तिलक वर्मा ने बचपन के कोच को दिया श्रेय, बोले- जब कोई नहीं जानता था, तब उनका साथ मिला

September 30, 2025
सपा का नया सियासी दांव: दलित वोट बैंक पर ‘वोट चोरी’ का हथियार, बसपा की कमजोरी पर निशाना
ताज़ा समाचार

सपा का नया सियासी दांव: दलित वोट बैंक पर ‘वोट चोरी’ का हथियार, बसपा की कमजोरी पर निशाना

September 30, 2025
Next Post
कर्नाटक के मुख्यमंत्री की तुलना पिल्ले से करने के पीछे मेरी अच्छी मंशा : सिद्दारमैया

कर्नाटक के मुख्यमंत्री की तुलना पिल्ले से करने के पीछे मेरी अच्छी मंशा : सिद्दारमैया

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ADVERTISEMENT

Contact us

Address

Deshbandhu Complex, Naudra Bridge Jabalpur 482001

Mail

deshbandhump@gmail.com

Mobile

9425156056

Important links

  • राशि-भविष्य
  • वर्गीकृत विज्ञापन
  • लाइफ स्टाइल
  • मनोरंजन
  • ब्लॉग

Important links

  • देशबन्धु जनमत
  • पाठक प्रतिक्रियाएं
  • हमें जानें
  • विज्ञापन दरें
  • ई पेपर

Related Links

  • Mayaram Surjan
  • Swayamsiddha
  • Deshbandhu

Social Links

116128
Total views : 6027193
Powered By WPS Visitor Counter

Published by Abhas Surjan on behalf of Patrakar Prakashan Pvt.Ltd., Deshbandhu Complex, Naudra Bridge, Jabalpur – 482001 |T:+91 761 4006577 |M: +91 9425156056 Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions The contents of this website is for reading only. Any unauthorised attempt to temper / edit / change the contents of this website comes under cyber crime and is punishable.

Copyright @ 2022 Deshbandhu. All rights are reserved.

  • Disclaimer, Privacy Policy & Other Terms & Conditions
No Result
View All Result
  • राष्ट्रीय
  • अंतरराष्ट्रीय
  • लाइफ स्टाइल
  • अर्थजगत
  • मनोरंजन
  • खेल
  • अभिमत
  • धर्म
  • विचार
  • ई पेपर

Copyright @ 2022 Deshbandhu-MP All rights are reserved.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password? Sign Up

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In