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Home Today's Special News

मवेशी घोटाला : सीबीआई ने सहकारी बैंक में 50 बेनामी खातों का पता लगाया

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January 5, 2023
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मवेशी घोटाला : सीबीआई ने सहकारी बैंक में 50 बेनामी खातों का पता लगाया
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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

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मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

–आईएएनएस

केसी/एसकेपी

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

–आईएएनएस

केसी/एसकेपी

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

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मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

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–आईएएनएस

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

–आईएएनएस

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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कोलकाता, 5 जनवरी (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी घोटाले की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार को राज्य के सहकारी बैंक में करीब 50 बेनामी बैंक खातों का पता लगाया।

प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

इससे पहले, सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ-साथ उनके कुछ करीबी सहयोगियों और परिवार के सदस्यों के कई बैंक खातों को फ्रीज कर दिया था। लेकिन वह सभी खाते सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के बैंकों में थे।

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प्रारंभिक अनुमानों से पता चला है कि इन 50 बैंक खातों से लगभग 10 करोड़ रुपये जिला मुख्यालय सूरी में बीरभूम जिला केंद्रीय सहकारी बैंक में रखे गए थे।

मामले में जांच अधिकारी सुशांत भट्टाचार्य के नेतृत्व में सीबीआई की एक टीम ने गुरुवार को उक्त बैंक के कार्यालय पर छापा मारा और फर्जी बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया। एक सूत्र ने कहा कि, खाते एक ही जिले के अलग-अलग सीमांत किसानों के नाम पर खोले गए थे, लेकिन इन खातों के लिए सभी आवेदन पत्रों के साथ-साथ सभी लेन-देन पर्चियों में केवल एक हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था।

छापे के दौरान, भट्टाचार्य को बैंक के प्रबंधक से पूछते हुए भी सुना गया था कि उसने बेहिसाब धन को एक खाते में बदलने की प्रक्रिया में सहायता करने के लिए क्या किया। सूत्र ने कहा कि इन 50 खातों के लेन-देन के विवरण से पता चला है कि इन खातों के माध्यम से राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग के कुछ चेक भी भुनाए गए थे।

सीबीआई को संदेह है कि कुछ स्थानीय चावल मिलों के पशु-तस्करी संचालकों के साथ संबंध थे, जो स्थानीय किसानों से सस्ती दरों पर धान खरीदते थे, उस धान को मिलों में चावल में परिवर्तित करने के बाद, उन्हें राज्य के खाद्य और आपूर्ति विभाग को बेच देते थे। यह पहली बार है जब कोई सहकारी बैंक पशु तस्करी मामले में सीबीआई के रडार पर आया है।

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