बेंगलुरु, 3 सितंबर (आईएएनएस)। पैमाने के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कल्याण योजना कही जाने वाली गृह लक्ष्मी योजना के कार्यान्वयन के बाद कर्नाटक कांग्रेस सरकार सातवें आसमान पर है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से 1.10 करोड़ महिला परिवार प्रमुखों को 2,000 रुपये मासिक भत्ता दिया गया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने वादा किया है कि वे मुफ्त योजनाओं को लागू करने के अपने वादे पर कायम रहेंगे।
आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि गृह ज्योति (मुफ्त बिजली) योजना 1.56 करोड़ परिवारों तक पहुंच गई है और उनका बिजली बिल जीरो है, 48.5 करोड़ बार महिलाओं ने शक्ति योजना के तहत बसों में मुफ्त यात्रा की है और 1.39 करोड़ परिवारों को अन्न भाग्य मुफ्त चावल कार्यक्रम से लाभ हुआ है।
सिद्धारमैया ने कहा था कि युवा निधि कार्यक्रम जिसके तहत बेरोजगार स्नातकों, डिप्लोमा धारकों को क्रमशः 2,000 रुपये और 1,500 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा, जल्द ही लॉन्च किया जाएगा।
राहुल गांधी ने कहा है कि कर्नाटक में शुरू की गई गारंटी योजनाएं देश के लिए रोल मॉडल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन्हें देश के बाकी हिस्सों में भी दोहराया जाएगा। कांग्रेस कर्नाटक में अपना दबदबा कायम रखने के लिए पूरी तरह तैयार है क्योंकि बीजेपी अंदरूनी कलह में फंसी हुई है।
हालांकि, समाज के एक वर्ग में चिंताएं व्यक्त की गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक में लागू गारंटी योजनाओं का विशेष उल्लेख किया है और चेतावनी दी है कि ये योजनाएं राज्य को दिवालियापन की ओर ले जाएंगी।
भाजपा के राज्य मीडिया समन्वयक करुणाकर कसाले ने आईएएनएस को बताया कि गारंटी योजनाओं को पूर्ण पैमाने पर लागू नहीं किया गया है। कांग्रेस सरकार आर्थिक बोझ को नहीं समझ रही है।
कांग्रेस नेतृत्व को सिर्फ आगामी लोकसभा चुनाव की चिंता है। राष्ट्रीय चुनाव के बाद शह-मात की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न पदों पर स्थानांतरण की दरों में भारी वृद्धि देखी गई है।
केवल साधारण बसों में ही मुफ्त यात्रा की अनुमति है। उन्होंने शिकायत की कि राज्य के स्वामित्व वाली बसों के कंडक्टर और ड्राइवर अपने वेतन की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ”कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से एक किलोमीटर भी सड़क नहीं बनाई गई है। कोई विकास नहीं हुआ। सीमेंट, जैली स्टोन, लूज रेत की खरीद बंद कर दी गई है।”
कसाले ने कहा कि एक मजदूर प्रति माह 15,000 रुपये आसानी से कमा सकता है। विकास परियोजनाएं रुकने से उन्हें 2,000 रुपये मासिक भत्ते से संतुष्ट होना पड़ेगा।
राजनीतिक विश्लेषक चन्नबसप्पा रुद्रप्पा ने आईएएनएस को बताया कि राज्य में मुफ्त योजनाएं अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। कांग्रेस नेतृत्व गारंटी योजनाओं को लागू करने में गंभीरता से लगा हुआ है। कर्नाटक में हर तीसरे घर को किसी न किसी योजना से लाभ हुआ है। सबसे ज्यादा लाभ निम्न मध्यम वर्ग और गरीबों को मिल रहा है।
योजनाओं में शामिल होने के लिए पुरुषों और महिलाओं की बैंकों में भीड़ उमड़ रही है, राशन की दुकानों के आगे कतारें लगी हुई हैं। सरकार का अनुमान है कि मुफ्त सुविधाओं पर हर साल 56,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि एससी और एसटी कल्याण योजनाओं के लिए आरक्षित 13,000 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर दिया गया है, जबकि धन जुटाने के लिए उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया गया है।
विकास के लिए फंड जारी होना बंद हो गया है और विधायक इसे मुद्दा बना रहे हैं। हालांकि, गारंटी लागू कर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने खुद को मजबूत किया है। इस समय पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा या पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा भी उन्हें चुनौती नहीं दे सकते।
–आईएएनएस
पीके/एसकेपी