नई दिल्ली, 6 जनवरी (आईएएनएस)। एमसीडी हाउस के पहले दिन हंगामे और नामित पार्षदों को लेकर कार्यवाही रोके जाने के बाद एलजी हाउस ने कहा कि उपराज्यपाल ने उन्हें मिली शक्तियों के तहत 10 लोगों को नामित किया था।
एलजी हाउस ने कहा- उपराज्यपाल, जो प्रशासक हैं, उन्होंने दिल्ली नगर निगम अधिनियम (डीएमसी अधिनियम), 1957 की धारा 3(3)(बी)(आई) के तहत निहित शक्तियों के अनुसरण में 10 व्यक्तियों को नामित किया है।
एल-जी सचिवालय केबयान में कहा गया है, डीएमसी अधिनियम, 1957 की धारा 3(3)(बी)(आई), इस प्रकार है: 10 व्यक्ति जिनकी आयु 25 वर्ष से अधिक है और जिनके पास विशेष जानकारी या अनुभव है नगरपालिका प्रशासन में, प्रशासक द्वारा नामित किए जा सकते हैं।
एमसीडी अधिनियम, 1957 की धारा 2(1) के तहत प्रशासक उपराज्यपाल है, यह स्पष्ट रूप से प्रदान किया गया है। डीएमसी अधिनियम, 1957 की धारा 2(1) इस प्रकार है: प्रशासक का अर्थ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के उपराज्यपाल से है।
बयान में कहा गया है, उपरोक्त तथ्यात्मक, कानूनी और संवैधानिक प्रावधान है और आम आदमी पार्टी द्वारा इससे विचलित करने/इस बारे में भ्रम पैदा करने का कोई भी प्रयास और कुछ नहीं बल्कि इसकी छल, घोर झूठ और जानबूझकर गुमराह करने की कोशिश है।
इस बीच, एमसीडी के पीठासीन अधिकारी, जिन्हें उपराज्यपाल ने महापौर चुनाव की अध्यक्षता के लिए नामित किया था, उन्होंने कहा, हमने उपराज्यपाल को स्थिति से अवगत करा दिया है और अब वह पार्षदों की बैठक की आगे की तारीख तय करेंगे।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम