चेन्नई, 8 सितंबर (आईएएनएस)। मद्रास उच्च न्यायालय ने एक प्रमुख टिप्पणी में कहा है कि एक शक्तिहीन आम आदमी से जमीन हड़पने के लिए राजनीतिक शक्ति और प्रभाव का उपयोग करना दिन-दहाड़े डकैती से कम नहीं है।
न्यायमूर्ति एस.एम. सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी हाल ही में सत्तारूढ़ डीएमके पार्टी से जुड़े एक वार्ड सचिव एस. रामलिंगम के खिलाफ 65 वर्षीय मकान मालकिन आर. गिरिजा द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए की।
पीठ ने कहा कि मकान मालकिन और उनके पति वरिष्ठ नागरिक हैं, जो लंबे समय से पीड़ित हैं। वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करना राज्य और जिला कलेक्टर का कर्तव्य है।
आरोपी ने अदालत के आदेश के बावजूद महिला की संपत्ति खाली करने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने पुलिस विभाग को 48 घंटे के भीतर डीएमके नेता की बेदखली सुनिश्चित करने का आदेश दिया था।
अपना घर किराए पर देने वाली महिला ने अदालत को बताया कि बकाया किराए का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है और आरोपी राजनेता ने अपने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए पांच साल से बकाया भुगतान नहीं किया है।
बेदखली से बचने और बकाया किराया वसूलने के लिए किराया नियंत्रण मामलों में लंबी अदालती कार्यवाही का दुरुपयोग किया जा रहा है। नए अधिनियमों के तहत भी कानूनी विशेषज्ञों की मदद से कानूनी कार्यवाही को लंबा खींचने का प्रयास किया जाता है। पीठ ने कहा, ऐसे प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए।
पुलिस ने अदालत के आदेश के अनुसार आरोपी डीएमके नेता को याचिकाकर्ता मकान मालकिन के स्वामित्व वाले परिसर से बेदखल कर दिया है।
–आईएएनएस
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