रोहतक, 8 सितंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य के किसान बाढ़ मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं, जबकि सरकार ने स्वीकार किया है कि 14 लाख एकड़ से अधिक फसल बर्बाद हो गई है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “केवल कुछ ही किसानों को नाममात्र का मुआवजा मिला है। हजारों करोड़ रुपये अभी भी लंबित हैं, क्योंकि सरकार ने मुआवजा देने की बजाय किसानों को पोर्टल के जाल में उलझा दिया है।”
मीडिया से बातचीत में विपक्ष के नेता ने कहा कि बीमा कंपनियों को सूचित करने में भी जान-बूझकर देरी की जा रही है।
उन्होंने कहा, “सरकार ने 25 जुलाई को बीमा अधिसूचित किया और यही कारण है कि किसान मई, जून और जुलाई में हुए नुकसान के लिए दावा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि किसानों को 72 घंटों के भीतर दावा दायर करना होता है।”
नेता ने कहा, “तीन महीने तक किसानों को यह नहीं पता था कि दावे के लिए किस कंपनी से आवेदन करना है। अगर सरकार ने समय पर कंपनियों को सूचित किया होता और किसान समय पर दावा दर्ज कराते, तो उन्हें अधिक बीमा राशि मिल सकती थी।”
उन्होंने रोहतक समेत प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा, “मुझे जहां भी जाने का मौका मिला, मुझे सड़कें खराब हालत में मिलीं। ऐसा लगता है मानो सरकार ने यह काम भगवान भरोसे छोड़ दिया है।”
हुड्डा ने कहा, ”औद्योगिक क्षेत्र बिजली की कमी से जूझ रहे हैं। एनसीआर क्षेत्र में जेनरेटर पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। ऐसे में अगर सरकार उद्योग को बिजली नहीं देगी तो उद्योग कैसे चलेंगे।”
उन्हाेंने आगे कहा, ”औद्योगिक क्षेत्रों के प्रति भाजपा-जजपा सरकार की उदासीनता पूरे हरियाणा में दिखाई दे रही है। कांग्रेस कार्यकाल के बाद पिछले नौ साल में एक भी नई आईएमटी स्थापित नहीं हुई। सरकार ने पहले से स्थापित आईएमटी को विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।”
–आईएएनएस
एमकेएस
रोहतक, 8 सितंबर (आईएएनएस)। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य के किसान बाढ़ मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं, जबकि सरकार ने स्वीकार किया है कि 14 लाख एकड़ से अधिक फसल बर्बाद हो गई है।
कांग्रेस नेता ने कहा, “केवल कुछ ही किसानों को नाममात्र का मुआवजा मिला है। हजारों करोड़ रुपये अभी भी लंबित हैं, क्योंकि सरकार ने मुआवजा देने की बजाय किसानों को पोर्टल के जाल में उलझा दिया है।”
मीडिया से बातचीत में विपक्ष के नेता ने कहा कि बीमा कंपनियों को सूचित करने में भी जान-बूझकर देरी की जा रही है।
उन्होंने कहा, “सरकार ने 25 जुलाई को बीमा अधिसूचित किया और यही कारण है कि किसान मई, जून और जुलाई में हुए नुकसान के लिए दावा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि किसानों को 72 घंटों के भीतर दावा दायर करना होता है।”
नेता ने कहा, “तीन महीने तक किसानों को यह नहीं पता था कि दावे के लिए किस कंपनी से आवेदन करना है। अगर सरकार ने समय पर कंपनियों को सूचित किया होता और किसान समय पर दावा दर्ज कराते, तो उन्हें अधिक बीमा राशि मिल सकती थी।”
उन्होंने रोहतक समेत प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों पर चिंता जताई।
उन्होंने कहा, “मुझे जहां भी जाने का मौका मिला, मुझे सड़कें खराब हालत में मिलीं। ऐसा लगता है मानो सरकार ने यह काम भगवान भरोसे छोड़ दिया है।”
हुड्डा ने कहा, ”औद्योगिक क्षेत्र बिजली की कमी से जूझ रहे हैं। एनसीआर क्षेत्र में जेनरेटर पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए गए हैं। ऐसे में अगर सरकार उद्योग को बिजली नहीं देगी तो उद्योग कैसे चलेंगे।”
उन्हाेंने आगे कहा, ”औद्योगिक क्षेत्रों के प्रति भाजपा-जजपा सरकार की उदासीनता पूरे हरियाणा में दिखाई दे रही है। कांग्रेस कार्यकाल के बाद पिछले नौ साल में एक भी नई आईएमटी स्थापित नहीं हुई। सरकार ने पहले से स्थापित आईएमटी को विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।”
–आईएएनएस
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