बीजिंग, 9 सितंबर (आईएएनएस)। भारत स्थित अस्थाई चीनी कार्यवाहक मा च्या ने 7 सितंबर को चाइना मीडिया ग्रुप के अधीनस्थ सीजीटीएन को साक्षात्कार दिया।
इस मौके पर मा च्या ने कहा कि चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग भारत सरकार के निमंत्रण पर जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए। इससे भारत पर चीन का समर्थन जाहिर हुआ।
जी-20 विश्व आर्थिक सहयोग का मुख्य मंच है और बहुपक्षीय मंच भी है। विश्व आर्थिक मंदी, विश्व अनवरत विकास में कठिनाई और सदी का बदलाव बढ़ने की स्थिति में हमें विश्व आर्थिक चुनौतियों के मुकाबले में पहले से कहीं अधिक मिलकर काम करने की जरूरत है।
हम इसकी प्रतीक्षा करते हैं कि नई दिल्ली शिखर सम्मेलन में विकास पर ध्यान केंद्रित कर साझेदारी मजबूत करने और विश्व आर्थिक व विकास में मौजूद चुनौतियों के मुकाबले में सहमति बनाई जाएगी, ताकि विश्व आर्थिक पुनरुत्थान और विश्व अनवरत विकास में सक्रिय योगदान किया जा सके।
मा च्या ने आगे कहा कि अब चीन और भारत के बीच संबंध स्थिर हैं। दोनों देशों के नेताओं के बीच संपर्क कायम रहता है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल दो बार मुलाकात की और द्विपक्षीय संबंध स्थिर बनाने की महत्वपूर्ण सहमति बनाई।
यह चीन-भारत संबंधों के विकास के लिए निर्देश है। स्वस्थ और स्थिर चीन-भारत संबंध दोनों देशों और जनता के मूल हितों के अनुरूप है। चीन भारत के साथ नेताओं के बीच संपन्न अहम सहमति का कार्यान्वयन कर द्विपक्षीय संबंधों को स्वस्थ और स्थिर रास्ते पर आगे बढ़ाना चाहता है।
मा च्या ने कहा कि चीन और भारत दोनों दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले देश, सबसे बड़े विकासशील देश और प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। इतना ही नहीं, चीन और भारत दोनों ब्रिक्स, एससीओ और जी-20 के सदस्य देश भी हैं।
विकास, जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार जैसे वैश्विक और बहुपक्षीय मुद्दों पर चीन और भारत के व्यापक समान हित हैं। हमें बहुपक्षीय सहयोग मजबूत कर संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास एजेंडा 2030 का कार्यान्वयन बढ़ाना चाहिए।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
–आईएएनएस