नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। सीवोटर के एक विशेष राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण से पता चला है कि अधिकांश उत्तरदाता चाहते हैं कि देश का नाम ‘भारत’ हो। सर्वेक्षण में 3,350 लोगों ने हिस्सा लिया।
प्रत्येक 10 उत्तरदाताओं में से एक से भी कम का मानना है कि देश का नाम ‘इंडिया’ होना चाहिए।
जबकि, 40 प्रतिशत उत्तरदाता, जो खुद को इंडिया ब्लॉक के समर्थक के रूप में पहचानते हैं, देश को ‘भारत’ कहे जाने के विचार का समर्थन करते हैं। यही दृष्टिकोण दो-तिहाई एनडीए समर्थकों का भी है।
दिलचस्प बात यह है कि प्रत्येक 10 उत्तरदाताओं में से लगभग 4 की राय है कि इंडिया और भारत दोनों को देश के लिए विनिमेय नामों के रूप में रखा जाना चाहिए।
बता दें किइस मुद्दे पर विवाद पहली बार तब छिड़ा, जब भारत के राष्ट्रपति ने दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के उपलक्ष्य में भोज और रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण में ‘भारत’ शब्द का इस्तेमाल किया।
परंपरागत रूप से ऐसे निमंत्रणों में ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया जाता है। विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ ब्लॉक ने गंभीर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ‘भारत’ के नाम पर राजनीति करने का आरोप एनडीए पर लगाया है। उनका कहना है कि मौजूदा सरकार बढ़ती विपक्षी एकता से परेशान है।
इस मामले को लेकर विवाद तब बढ़ा जब आसियान बैठक के लिए इंडोनेशिया की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आधिकारिक यात्रा कार्यक्रम में उन्हें ‘भारत के प्रधानमंत्री’ के रूप में उल्लेख किया गया।
–आईएएनएस
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