कोलकाता, 10 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के धुपगुड़ी विधानसभा क्षेत्र में हाल ही में संपन्न उपचुनाव के नतीजों को लेकर विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा है कि चुनाव नतीजे कांग्रेस और सीपीआई(एम) के भीतर उन वर्गों को लुभाने का साधन जो विपक्षी इंडिया ब्लॉक के मुद्दे पर अपने राष्ट्रीय नेतृत्व से असंतुष्ट हैं।
हाल ही में “ममता को कोई वोट नहीं” अभियान शुरू करने वाले विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि धूपगुड़ी उपचुनाव के नतीजों ने साबित कर दिया है कि कांग्रेस-सीपीआई (एम) ब्लॉक के उम्मीदवार के पक्ष में जाने वाला प्रत्येक तृणमूल विरोधी वोट राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी को फायदा पहुंचाएगा। उन्हाेंने अपील की है कि कांग्रेस और सीपीआई (एम) के भीतर जो लोग, तृणमूल कांग्रेस के कुशासन से निराश हैं, उन्हें या तो सीधे भाजपा में शामिल होना चाहिए या बाहर से भगवा खेमे का समर्थन करना चाहिए।
”विपक्ष के नेता ने कहा, “उपचुनाव में कांग्रेस समर्थित सीपीआई (एम) के उम्मीदवार ईश्वर चंद्र रॉय को कुल मतदान का 6.52 प्रतिशत वोट मिले। इसने उन्हें तीसरे स्थान पर धकेल दिया लेकिन तृणमूल कांग्रेस विरोधी वोटों में विभाजन से सत्तारूढ़ पार्टी को मदद मिली। कांग्रेस और सीपीआई (एम) दोनों के शीर्ष नेता वास्तव में अपने समर्थकों और समर्पित मतदाताओं को गुमराह कर रहे हैं, और उन्हें इस भूलभुलैया से बाहर आना चाहिए।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस और सीपीआई (एम) नेतृत्व ने मिलकर एक सम्मानित सेवानिवृत्त शिक्षक रॉय को इस तरह की भ्रामक गतिविधियों में बलि का बकरा बना दिया।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि बागी कांग्रेस नेता और कलकत्ता उच्च न्यायालय के वकील कौस्तव बागची ने भी उपचुनावों के अपने विश्लेषण में कुछ इसी तरह की बात कही थी। धूपगुड़ी उपचुनाव का परिणाम एक और उदाहरण है कि इंडिया ब्लॉक की बैठकों में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एक ही मंच साझा करने वाले कांग्रेस नेताओं ने जमीनी स्तर के पार्टी कार्यकर्ताओं या समर्पित मतदाताओं को सही संकेत नहीं भेजा है। मुझे उम्मीद है कि नतीजे आंखें खोलने वाले होंगे।
–आईएएनएस
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