1965 के युद्ध में पाकिस्तानी एयरफोर्स के अचानक किए हमले में भारत के कई फाइटर जेट धराशायी
हो गए थे। यही नहीं, लड़ाकू विमानों में जीपीएस और रडार नहीं लगे होने की वजह से स्क्वॉड्रन लीडर
विलियम ग्रीन भारत की बजाय पाकिस्तान में लैंड कर गए थे। यह वह वक्त था जब भारत दूसरे
देशों से फाइटर जेट खरीद रहा था। अब वक्त बदला है जब रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता के
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्र के साथ भारत दुनिया के टॉप 25 रक्षा उत्पाद निर्यातकों में शामिल हो
चुका है। भारत के स्वदेशी जेट विमान तेजस की डिमांड पूरी दुनिया में हो रही है। दुनिया के बड़े-बड़े
देशों ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस समेत
छह देशों ने भारत के तेजस विमान में रुचि दिखाई है। वहीं मलेशिया पहले ही इस विमान को
खरीदने की तैयारी में है। भारत ने मलेशिया को 18 तेजस बेचने की पेशकश की है। लोकसभा में एक
लिखित प्रश्न का उत्तर में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने यह जानकारी दी। इसके अनुसार अर्जेंटीना
और मिस्र ने भी तेजस विमानों में दिलचस्पी दिखाई है। गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना 83 तेजस
विमानों के लिए पहले ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ करार कर चुकी है।