टोरंटो, 18 सितंबर (आईएएनएस)। निर्देशक जयंत दिगंबर सोमलकर की पहली मराठी फिल्म ‘स्थल’ (ए मैच) ने रविवार को टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (टीआईएफएफ) में टॉप एशियन अवॉर्ड हासिल किया।
यह फिल्म एक युवा महिला की दमनकारी पितृसत्ता के खिलाफ लड़ाई की कहानी है जो उसके जीवन पर अपने फैसले थोपती है।
सामाजिक जागरुकता के मुद्दे पर बनी इस फिल्म को नेटवर्क फॉर द प्रमोशन ऑफ एशिया पैसिफिक सिनेमा (एनईटीपीएसी) अवॉर्ड से नवाजा गया। इस पर सोमलकर ने कहा कि यह फिल्म उनके लिए भी बहुत खास है, क्योंकि इसकी शूटिंग मेरे गृहनगर में हुई थी, जहां मेरा जन्म हुआ था।
साउथ एशिया के लिए टीआईएफएफ की सीनियर प्रोग्राम एडवाइजर के रूप में मीनाक्षी शेडे ने फिल्म को इस फेस्टिवल में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन्होंने कहा: “मैं एनईटीपीएसी अवॉर्ड ‘स्थल’ (ए मैच) को दिए जाने से बहुत खुश हूं।”
उन्होंने कहा, ”यह उन महिलाओं के बारे में एक सशक्त फिल्म है, जिन्हें शादी के लिए लड़के वालों के सामने पेश किया जाता है। यह उनके लिए बेहद अपमानजनक है क्योंकि उनके साथ गुलामों या किसी वस्तु की तरह व्यवहार किया जाता है। उनका मूल्यांकन इस बात के लिए किया जाता है…आपका नाम क्या है, आपकी ऊंचाई क्या है, आपकी शिक्षा क्या है, क्या आप खाना बना सकती हैं, क्या आप खेती कर सकती हैं… और लड़कों से कभी कोई सवाल नहीं पूछा जाता। शादी की ओर ले जाने की यह प्रक्रिया लड़कियों के परिवारों के लिए आर्थिक और मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत अपमानजनक है।”
शेडे ने कहा कि फिल्म फेस्टिवल में इस फिल्म को अवॉर्ड मिलना इसलिए भी जरुरी है, क्योंकि यह फिल्म महाराष्ट्र के पिछड़े क्षेत्र के तथाकथित किसान आत्महत्या मामले में गहरे आर्थिक संकट को बारीकी से उजागर करती है।
”यह फिल्म निर्देशक की जीवनी पर आधारित कहानी है। उन्होंने इसकी शूटिंग अपने गृहनगर गांव डोंगरगांव में की थी, जिसे किसानों की आत्महत्या का क्षेत्र भी कहा जाता है। इसलिए वह गंभीर सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को भी संबोधित करना चाहते हैं, जिसमें वह इस बेहद शक्तिशाली फिल्म के संदर्भ को रखते हैं।”
–आईएएनएस
पीके/एसकेपी