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Home ताज़ा समाचार

सुकमा में दिन में डरने वाले अब रात में भी मोटर साइकिल से यात्रा करने लगे : भूपेश बघेल

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September 24, 2023
in ताज़ा समाचार
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सुकमा, 24 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके को धुर नक्सली इलाके के तौर पर पहचाना जाता रहा है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल पहले लोग दिन में छिंदगढ़ से आने में डरते थे, मगर अब तो रात में भी मोटरसाइकिल से आने-जाने लगे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

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उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

—आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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सुकमा, 24 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके को धुर नक्सली इलाके के तौर पर पहचाना जाता रहा है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल पहले लोग दिन में छिंदगढ़ से आने में डरते थे, मगर अब तो रात में भी मोटरसाइकिल से आने-जाने लगे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

—आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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सुकमा, 24 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके को धुर नक्सली इलाके के तौर पर पहचाना जाता रहा है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल पहले लोग दिन में छिंदगढ़ से आने में डरते थे, मगर अब तो रात में भी मोटरसाइकिल से आने-जाने लगे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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सुकमा, 24 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके को धुर नक्सली इलाके के तौर पर पहचाना जाता रहा है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल पहले लोग दिन में छिंदगढ़ से आने में डरते थे, मगर अब तो रात में भी मोटरसाइकिल से आने-जाने लगे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

—आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

सुकमा, 24 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके को धुर नक्सली इलाके के तौर पर पहचाना जाता रहा है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल पहले लोग दिन में छिंदगढ़ से आने में डरते थे, मगर अब तो रात में भी मोटरसाइकिल से आने-जाने लगे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

—आईएएनएस

एसएनपी/एसजीके

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सुकमा, 24 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके को धुर नक्सली इलाके के तौर पर पहचाना जाता रहा है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल पहले लोग दिन में छिंदगढ़ से आने में डरते थे, मगर अब तो रात में भी मोटरसाइकिल से आने-जाने लगे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

—आईएएनएस

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सुकमा, 24 सितंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ के सुकमा इलाके को धुर नक्सली इलाके के तौर पर पहचाना जाता रहा है, मगर अब हालात बदल रहे हैं। इस बात का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पांच साल पहले लोग दिन में छिंदगढ़ से आने में डरते थे, मगर अब तो रात में भी मोटरसाइकिल से आने-जाने लगे हैं।

मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

इस अवसर पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा, ‘‘हमारी सरकार में स्वास्थ्य, शिक्षा और विकास के काम तेजी से हो रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को हमारी सरकार की योजनाओं का लाभ मिल रहा है।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, ‘‘त्यौहार मनाने के लिए आदिवासी परब सम्मान निधि योजना के तहत 10-10 हजार रुपये दे रहे हैं। हमारी बोली, संस्कृति, परंपरा और भाषा को सहेजने का काम हमने किया है। सुकमा जिला हमारे दक्षिण छत्तीसगढ़ का प्रवेश द्वार है। ये पीछे नहीं रहना चाहिए। हम लगातार आपके हित में कार्य कर रहे हैं। विकास के काम हो रहे हैं। जिस प्रकार से सुकमा विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है, इस गति को रुकने नहीं देना है। आने वाले समय में भी विकास होता रहेगा।’‘

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मुख्यमंत्री बघेल ने छिंदगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में सौगातों की बरसात की और कहा, पहले सुकमा और छिंदगढ़ की स्थिति क्या थी और इन पांच सालों में क्या परिवर्तन आया, इसे आप से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। पिछली बार भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आया था। उस दौरान आपने निर्माण कार्य, आजीविका से जुड़े अधोसंरचना और स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल की मांग की थी। सुकमा वो जगह थी, जहां लोग दिन में भी दरभाघाटी पार कर आने से डरते थे और आज रात को भी मोटरसाइकिल से आते-जाते हैं। यह क्षेत्र अब आवागमन की सुरक्षा की दृष्टि से भी सुगम हुआ है। उन्होंने आगे कहा, छिंदगढ़ का आज ऐसा कोई गांव नहीं है जो पक्की सड़क से न जुड़ा हो। सुकमा ब्लॉक के अधिकांश गांव पक्की सड़क से जुड़ चुके हैं। कोंटा में भी अब पहुंच मार्ग और पक्की सड़कों का निर्माण तेजी से हो रहा है। पुल-पुलिया का निर्माण लगातार जारी है। जो स्कूल बंद थे, उन्हें हमने फिर से शुरू करवा दिए।

उन्‍होंने कहा, ‘‘पहले यहां पंचायत के चुनाव नहीं होते थे पहली बार है कि सुकमा जिले के हर पंचायत के चुनाव हुए हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि आज मुझे इस बात की भी खुशी है एल्मागुड़ा में 15 अगस्त को पूरा गांव बिजली से जगमगा उठा। जहां बिजली नहीं पहुंच पा रही है। वहां सोलर लाइट पहुंचाया गया इसके जरिए बिजली पहुंची है। जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं थे, आज उन्हें राशन मिल रहा है, उनका राशनकार्ड, और मजदूर कार्ड बन गया है। इस सुदूर अंचल में आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल खुल रहे। अमृत मिशन योजना के तहत घर-घर पानी पहुंच रहा है। विकास के कार्य लगातार हो रहे हैं। मैं आप सभी को बधाई देता हूं।”

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