वाशिंगटन, 26 सितंबर (आईएएनएस)। संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने बीते जून में कनाडा में एक सिख कार्यकर्ता की हत्या के तुरंत बाद सिख समुदाय में सक्रिय कम से कम तीन अमेरिकियों को चेतावनी दी थी कि उनकी जान खतरे में है।
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय खुफिया एजेंसी को जिम्मेदार ठहराया है। यह आकलन कथित तौर पर कनाडाई और अमेरिकी खुफिया स्रोतों द्वारा समर्थित है। इस मामले ने भारत सरकार के साथ ओटावा के संबंधों में दरार पैदा कर दी है।
मीडिया आउटलेट की रिपोर्ट के अनुसार,भारत ने कनाडा सरकार के दावों को “बेतुका और प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया। इसने दुनिया भर में सिख अलगाववादियों के खिलाफ खतरों के साथ-साथ हत्या से पहले के हफ्तों में ब्रिटेन और पाकिस्तान में संदिग्ध मौतों के सिख कार्यकर्ताओं के दावों की फिर से जांच को प्रेरित किया है।
अमेरिकन सिख कॉकस कमेटी के समन्वयक के रूप में कार्यरत 69 वर्षीय अमेरिकी नागरिक प्रितपाल सिंह ने मीडिया आउटलेट को पुष्टि की कि उन्हें और उनके दो अन्य सहयोगियों को कनाडाई नागरिक निज्जर की हत्या के बाद एफबीआई ने बुलाया था। कनाडाई नागरिक निज्जर की 18 जून को सरे में पूजा स्थल के ठीक बाहर हत्या कर दी गई थी।
एफबीआई को नागरिकों को चेतावनी देनी चाहिए अगर उन्हें पता चले कि कानूनी संरक्षण के तहत उनकी जान खतरे में है। शुरू मेंप्रितपाल सिंह ने को बताया कि उसका मानना है कि अनिर्दिष्ट खुफिया जानकारी मिली है कि उनकी जान को खतरा है। कुछ दिनों बाद एफबीआई ने सिंह को और अधिक विशिष्ट सुरक्षा निर्देश दिए। इंटरसेप्ट ने सबसे पहले मामले की सूचना दी।
एफबीआई ने न्यूयॉर्क स्थित 70 वर्षीय पत्रकार अमरजीत सिंह नामक एक अन्य अमेरिकी को भी चेतावनी दी, जिन्होंने कहा कि उन्हें पहली बार 22 जून को अपने जीवन के खिलाफ संभावित खतरे के बारे में सतर्क किया गया था।
सिंह ने गार्जियन को बताया कि एफबीआई ने उनसे तब संपर्क किया जब वह एक राजकीय यात्रा के दौरान वाशिंगटन में मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से लौट रहे थे, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने अमेरिका-भारत संबंधों को इतिहास में किसी भी समय की तुलना में अधिक मजबूत, करीबी और अधिक गतिशील बताया था।
एक साक्षात्कार में अमरजीत सिंह ने सार्वजनिक रूप से पहली बार खतरे के विवरण का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि एफबीआई से प्रारंभिक कॉल के बाद कुछ सप्ताह बाद एक लंबी व्यक्तिगत बैठक हुई, जिसमें उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट था कि अधिकारी भारत द्वारा उनके जीवन पर संभावित खतरे के प्रति आगाह कर रहे थे।
मीडिया आउटलेट के अनुसार, ब्रिटिश कोलंबिया गुरुद्वारा परिषद के प्रवक्ता मोनिंदर सिंह, निज्जर सहित पांच लोगों में से एक थे, जिन्हें 2022 में कनाडाई अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि उनकी जान खतरे में है।
हमें कभी नहीं बताया गया कि यह खतरा क्या था या यह कहां से आ रहा था। सिंह ने कहा कि लेकिन हमारी सक्रियता और स्पष्टवादिता के कारण हमने मान लिया कि इसके पीछे यह भारत है! “हम उम्मीद करते हैं कि वे मीडिया में हम पर हमला करेंगे, या चरित्र हनन करेंगे, इसलिए यह चौंकाने वाला था।”
–आईएएनएस
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