कोच्चि, 10 जनवरी (आईएएनएस)। केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से ट्रांसजेंडर की मांग पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा, जो लड़की के रूप में पैदा हुई थी, लेकिन हाल ही में लिंग और नाम बदल दिया है और अपने 10वीं और 12वीं कक्षा के सीबीएसई प्रमाणपत्रों में बदलाव करना चाहती है।
न्यायमूर्ति वी.जी. अरुण ने कहा कि याचिका अनूठी है और सीबीएसई के वकील को मामले पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, पेचीदा स्थिति, आमतौर पर हमारे सामने ऐसा कोई अनुरोध नहीं आता है। अदालत ने मामले को 20 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दिया।
याचिकाकर्ता युवा डिग्री धारक है जिसने कहा कि वह अपनी स्नातकोत्तर डिग्री हासिल करना चाहता है। और उसके लिए उसे अपने हाल ही में चुने गए नाम के अनुरूप सीबीएसई के तहत अपने 10वीं और 12वीं के प्रमाणपत्रों को बदलना होगा और नई फोटो लगानी होगी।
याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) नियम, 2020 के तहत, एक बार जब कोई व्यक्ति लिंग बदलता है, तो परिवर्तन सभी सरकारी दस्तावेजों में परिलक्षित होना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने अपने दस्तावेजों में बदलाव के लिए सीबीएसई से संपर्क किया था, लेकिन सीबीएसई ने उससे कहा कि उसके स्कूल प्रमाणपत्र में संशोधन के लिए पहले उसके जन्म प्रमाण पत्र को बदलना होगा।
लेकिन जब जन्म प्रमाण पत्र में संशोधन किया गया तब भी सीबीएसई ने उसके 10वीं और 12वीं कक्षा के प्रमाणपत्रों में विवरण नहीं बदला, जिससे उसे अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
–आईएएनएस
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