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Home Today's Special News

दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील, गुरुग्राम का एक्यूआई 529 पर

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January 10, 2023
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दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील, गुरुग्राम का एक्यूआई 529 पर
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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

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नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

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शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

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मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

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सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

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मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 10 जनवरी (आईएएनएस)। दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार को गंभीर श्रेणी में रहा, जबकि राजधानी में पीएम 2.5 का स्तर 421 और गुरुग्राम में पीएम 2.5 का स्तर 529 रहा। मौसम पूवार्नुमान और अनुसंधान (सफर) ने यह जानकारी दी।

मंगलवार को मथुरा रोड, पूसा, दिल्ली विश्वविद्यालय, लोधी रोड, आईआईटी दिल्ली और आयानगर में एक्यूआई 488, 425, 410, 410, 402 और 416 दर्ज किया गया।

नोएडा में एक्यूआई गंभीर श्रेणी के तहत 458 पर पहुंच गया।

शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 को संतोषजनक, 101 और 200 को मध्यम, 201 और 300 को खराब, 301 और 400 को बहुत खराब और 401 और 500 को गंभीर माना जाता है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी 2022 में भारत का सबसे प्रदूषित शहर था, जहां पीएम 2.5 का स्तर सुरक्षित सीमा से दोगुना से अधिक था और तीसरा उच्चतम औसत सघनता पीएम10 थी।

पीएम 2.5 छोटे कण होते हैं, जो फेफड़ों और रक्त में प्रवेश कर सकते हैं और इसका व्यास 2.5 माइक्रोन से कम होता है।

सीपीसीबी डेटा ने कहा, शीर्ष प्रदूषित शहरों में पीएम 2.5 स्तर के संबंध में दिल्ली 99.71 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ पहले स्थान पर, हरियाणा में पड़ोसी फरीदाबाद 95.64 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ दूसरे स्थान पर और गाजियाबाद का पीएम 2.5 91.25 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के साथ तीसरे स्थान पर रहा।

विशेषज्ञों ने कहा कि घने कोहरे की स्थिति में बिना ज्यादा धूप और बहुत कम तापमान, शांत हवाओं और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता अचानक और अप्रत्याशित रूप से खराब हो गई।

हवा की गुणवत्ता बिगड़ने के साथ दिल्ली सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाले चार पहिया वाहनों के उपयोग पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया।

दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संशोधित जीआरएपी के संचालन के लिए उप-समिति ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूवार्नुमान की समीक्षा की है।

आदेश में कहा गया, संशोधित जीआरएपी के चरण 3 और मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत प्रदान किए गए निर्देशों के अनुसार, यह आदेश दिया जाता है कि बीएस-3, पेट्रोल और बीएस-4, डीजल एलएमवीएस (4 पहिया वाहन) को चलाने पर प्रतिबंध रहेगा। दिल्ली के एनसीटी में तत्काल प्रभाव से दिनांक 12:02:23 तक या जीआरएपी चरण में नीचे की ओर संशोधन तक, जो भी पहले हो (आपातकालीन सेवाओं में तैनात वाहनों, पुलिस वाहनों और प्रवर्तन के लिए उपयोग किए जाने वाले सरकारी वाहनों को छोड़कर) प्रतिबंध रहेगा।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर चलने वाले ऐसे किसी भी वाहन पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194 (1) के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें 20,000 रुपये का जुर्माना है।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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