जिनेवा, 29 सितंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने एथलीटों के स्वास्थ्य की रक्षा के उद्देश्य से एक नया बयान जारी किया है। आईओसी ने बताया कि यह बयान ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है और खेल में सापेक्ष ऊर्जा की कमी (आरईडी) पर केंद्रित है।
इस बयान में बताया गया है कि कैसे एक्सरसाइज के दौरान शरीर में एक सिंड्रोम विकसित होता है जो बर्न की गई कैलरी के कारण बॉडी एफीसिएंसी को प्रभावित करता है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, आईओसी ने कहा कि इसमें खेल में सापेक्ष ऊर्जा की कमी (आरईडी) पर अनुसंधान का मार्ग प्रशस्त किया है, जो कई शारीरिक प्रणालियों और कार्यों के साथ-साथ एथलीट के प्रदर्शन को भी प्रभावित करता है और इसे पहली बार 2014 में आईओसी द्वारा एक विशिष्ट इकाई के रूप में मान्यता दी गई थी।
बयान में बताया गया कि “यह सिंड्रोम अक्सर एथलीटों और उनके कोचों और टीम चिकित्सकों द्वारा पहचाना नहीं जाता है, और कैलोरी सेवन को सीमित करने से कथित अल्पकालिक प्रदर्शन लाभ के कारण ‘खेल संस्कृति’ द्वारा अनजाने में इसे बढ़ाया जा सकता है।”
प्रोफेसर मार्गो माउंटजॉय, आईओसी मेडिकल एंड साइंटिफिक कमीशन गेम्स ग्रुप के सदस्य और बयान के मुख्य लेखक ने कहा, “कई खेलों में पुरुष और महिला दोनों एथलीटों में यह आम है और हम इसके कारणों, सिंड्रोम के बारे में जागरूकता और स्वास्थ्य और प्रदर्शन के लिए इसके परिणामों के बारे में बहुत कुछ समझते हैं, फिर भी एथलीटों, उनकी चिकित्सा और प्रदर्शन सहायता टीमों के बीच यह कम है साथ ही आम जनता को इसके प्रति जागरूक करना होगा।”
–आईएएनएस
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