पटना, 11 जनवरी (आईएएनएस)। बिहार में चल रही जाति आधारित गणना को असंवैधानिक बताते हुए इसपर रोक लगाने की लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है, वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को कहा कि जाति आधारित गणना गरीबों के विकास की बनाई जाने वाली योजनाओं के लिए काफी मददगार साबित होगी।
उन्होंने कहा कि दुनिया भर के देश और सरकारें अपनी योजनाओं, बजट आवंटन, विभिन्न विभागों, उनकी कार्यप्रणाली, मैनपावर, प्रशिक्षण इत्यादि को प्रभावी बनाने और व्यवस्थात्मक सुधार के लिए हर प्रकार के आंकड़े जुटाती है।
उन्होंने कहा कि यह सब जानते है कि भारतीय समाज में एक व्यक्ति की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति और प्रगति में उसकी जाति का असर कमोबेश रहता है। अगर जाति के आधार पर पिछड़ापन आया तो पिछड़ेपन का निदान भी जाति के आधार पर आंकड़े जुटाकर ही किया जा सकता है।
राजद नेता ने कहा कि जाति आधारित जनगणना से विभिन्न वर्गों, गरीबों व समूहों की सटीक और समग्र जानकारी उपलब्ध होगी, सटीक योजनाओं को बनाया जा सकेगा, अनुचित व्यय, लीकेज या संसाधनों की बबार्दी को रोका जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि वंचित वर्गों को चिन्हित करने से उनके उत्थान के लिए कदम उठाना पहले से कहीं अधिक आसान एवं व्यवस्थित होगा तथा लोगों तक कहीं अधिक प्रभावी ढंग से सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि पूर्वाग्रह त्याग अगर कोई जाति आधारित गणना से जुटाए गए वैज्ञानिक ²ष्टिकोण से महत्वपूर्ण आंकड़ों के इन लाभों पर चिंतन करेगा तो उसे नि:सन्देह ही इसके सकारात्मक प्रभावों को समझने में देर नहीं लगेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए ही इस जनहित के कदम के विषय में भ्रम पैदा कर रही है।
–आईएएनएस
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