पणजी/नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की और उनसे कर्नाटक की विवादित कालसा-भंडूरी बांध के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को दी गई मंजूरी वापस लेने का आग्रह किया।
गोवा विधानसभा के अध्यक्ष रमेश तावडकर, पर्यावरण मंत्री नीलेश कबराल, जल संसाधन मंत्री सुभाष शिरोडकर, वन मंत्री विश्वजीत राणे, प्रोटोकॉल मंत्री मौविन गोडिन्हो (सभी भाजपा), ऊर्जा मंत्री सुदीन धवलीकर (एमजीपी) और निर्दलीय विधायक चंद्रकांत शेट्टी इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
इस मौके पर केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्रीपद नाइक और राज्यसभा सदस्य विनय तेंदुलकर भी मौजूद थे।
सावंत ने ट्वीट किया, महादेई पर गोवा सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने आज नई दिल्ली में माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी से मुलाकात की और पुरस्कार में दिए गए महादेई जल प्रबंधन प्राधिकरण के तत्काल गठन का आग्रह किया और सीडब्ल्यूसी द्वारा स्वीकृत डीपीआर को वापस लेने का भी आग्रह किया।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने जब से घोषणा की है कि केंद्र ने उनके राज्य में बहुचर्चित कलसा-भंडूरी बांध परियोजना को मंजूरी दे दी है, गोवा में लोगों ने इस मुद्दे पर अपना गुस्सा निकालना शुरू कर दिया है और जनसभाएं आयोजित की जा रही हैं।
कई सामाजिक कार्यकर्ता, संगठन और विपक्षी दल गोवा बचाओ – महादेई बचाओ के बैनर तले आ गए हैं और 16 जनवरी को उत्तरी गोवा के सैंक्वेलिम में एक जनसभा करेंगे।
गोवा और कर्नाटक इस समय एक केंद्रीय न्यायाधिकरण में महादेई नदी पर कालसा-भंडुरा बांध परियोजना के विवाद से जूझ रहे हैं।
महादेई कर्नाटक से निकलती है और पणजी में अरब सागर में मिलती है, जबकि नदी कर्नाटक में 28.8 किमी की दूरी तय करती है। गोवा में इसकी लंबाई 81.2 किलोमीटर है। कर्नाटक नदी पर बांध बनाने की योजना बना रहा है, जिसका उद्देश्य पानी को अपने उत्तरी क्षेत्र में स्थित मालाप्रभा बेसिन की तरफ मोड़ना है।
–आईएएनएस
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