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यूट्यूब, टेलीग्राम ने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल पर आईटी मंत्रालय के नोटिस का दिया जवाब

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October 7, 2023
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यूट्यूब, टेलीग्राम ने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल पर आईटी मंत्रालय के नोटिस का दिया जवाब
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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शनिवार को किसी भी प्रकार के चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) को हटाने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि सीएसएएम और संबंधित कंटेंट पर उनकी जीरो-टोलरेंस पॉलिसी है।

यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि नाबालिगों को खतरे में डालने वाला कोई भी कंटेंट उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

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प्रवक्ता ने कहा, “हमने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज और ऑनलाइन शोषण से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी और टीमों में भारी निवेश किया है और इसे जितनी जल्दी हो सके दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।”

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ”2023 की दूसरी तिमाही में, हमने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 2.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए। हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूट्यूब के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के अनुसार, बाल यौन शोषण से सफलतापूर्वक लड़ने का इसका एक मजबूत रिकॉर्ड है।

यूट्यूब छोटे साझेदारों और गैर सरकारी संगठनों को विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी की पेशकश करके उद्योग के साथ काम कर रहा है।

यूट्यूब लाइव फीचर्स को प्रतिबंधित करता है, कमेंट्स को डिसेबल करता है और संभावित जोखिम भरी स्थितियों में नाबालिगों वाले या “बच्चों के लिए बने” वीडियो की कैटेगिरी में शामिल वीडियो की अनुशंसाओं को सीमित करता है।

एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम ने कहा कि वह हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर कानूनी और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर से भारतीय इंटरनेट पर बाल अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सामग्री से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के मामले में।

एक बयान में, टेलीग्राम ने कहा कि सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्टों के जवाब में यह हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा संचालित किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो-टोलरेंस पॉलिसी रखता है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”हम ऐसे किसी भी उल्लंघन के जवाब में देश के कानून द्वारा निर्धारित तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हैं। जब सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्ट की जाती है, तो हम आपत्तिजनक मटेरियल को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू करते हैं। हटाने के लिए हमारा औसत प्रतिक्रिया समय 10-12 घंटे है, जो उपरोक्त नियमों द्वारा निर्धारित 24 घंटे की अनुमेय समय सीमा के भीतर है।”

टेलीग्राम ने कहा कि उनके पास एक स्पेशल टीम भी है, जो चाइल्ड एब्यूज कैटेगिरी के अंतर्गत आने वाली सभी अवैध कंटेंट को हटाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी ने कहा, ”आईटी अधिनियम की धारा 79 के अनुपालन में, टेलीग्राम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79 और सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट को तत्काल हटाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा जारी किसी भी संबंधित नोटिस का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने के महत्व पर जोर दिया गया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, ”आईटी अधिनियम के तहत नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका सुरक्षित आश्रय वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।”

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी कि नोटिस के अनुपालन में किसी भी देरी के चलते आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सेफ हॉर्बर प्रोटेक्शन वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है।

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने अभी तक भारत सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शनिवार को किसी भी प्रकार के चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) को हटाने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि सीएसएएम और संबंधित कंटेंट पर उनकी जीरो-टोलरेंस पॉलिसी है।

यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि नाबालिगों को खतरे में डालने वाला कोई भी कंटेंट उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा, “हमने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज और ऑनलाइन शोषण से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी और टीमों में भारी निवेश किया है और इसे जितनी जल्दी हो सके दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।”

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ”2023 की दूसरी तिमाही में, हमने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 2.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए। हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूट्यूब के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के अनुसार, बाल यौन शोषण से सफलतापूर्वक लड़ने का इसका एक मजबूत रिकॉर्ड है।

यूट्यूब छोटे साझेदारों और गैर सरकारी संगठनों को विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी की पेशकश करके उद्योग के साथ काम कर रहा है।

यूट्यूब लाइव फीचर्स को प्रतिबंधित करता है, कमेंट्स को डिसेबल करता है और संभावित जोखिम भरी स्थितियों में नाबालिगों वाले या “बच्चों के लिए बने” वीडियो की कैटेगिरी में शामिल वीडियो की अनुशंसाओं को सीमित करता है।

एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम ने कहा कि वह हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर कानूनी और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर से भारतीय इंटरनेट पर बाल अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सामग्री से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के मामले में।

एक बयान में, टेलीग्राम ने कहा कि सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्टों के जवाब में यह हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा संचालित किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो-टोलरेंस पॉलिसी रखता है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”हम ऐसे किसी भी उल्लंघन के जवाब में देश के कानून द्वारा निर्धारित तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हैं। जब सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्ट की जाती है, तो हम आपत्तिजनक मटेरियल को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू करते हैं। हटाने के लिए हमारा औसत प्रतिक्रिया समय 10-12 घंटे है, जो उपरोक्त नियमों द्वारा निर्धारित 24 घंटे की अनुमेय समय सीमा के भीतर है।”

टेलीग्राम ने कहा कि उनके पास एक स्पेशल टीम भी है, जो चाइल्ड एब्यूज कैटेगिरी के अंतर्गत आने वाली सभी अवैध कंटेंट को हटाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी ने कहा, ”आईटी अधिनियम की धारा 79 के अनुपालन में, टेलीग्राम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79 और सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट को तत्काल हटाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा जारी किसी भी संबंधित नोटिस का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने के महत्व पर जोर दिया गया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, ”आईटी अधिनियम के तहत नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका सुरक्षित आश्रय वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।”

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी कि नोटिस के अनुपालन में किसी भी देरी के चलते आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सेफ हॉर्बर प्रोटेक्शन वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है।

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने अभी तक भारत सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शनिवार को किसी भी प्रकार के चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) को हटाने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि सीएसएएम और संबंधित कंटेंट पर उनकी जीरो-टोलरेंस पॉलिसी है।

यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि नाबालिगों को खतरे में डालने वाला कोई भी कंटेंट उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा, “हमने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज और ऑनलाइन शोषण से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी और टीमों में भारी निवेश किया है और इसे जितनी जल्दी हो सके दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।”

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ”2023 की दूसरी तिमाही में, हमने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 2.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए। हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूट्यूब के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के अनुसार, बाल यौन शोषण से सफलतापूर्वक लड़ने का इसका एक मजबूत रिकॉर्ड है।

यूट्यूब छोटे साझेदारों और गैर सरकारी संगठनों को विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी की पेशकश करके उद्योग के साथ काम कर रहा है।

यूट्यूब लाइव फीचर्स को प्रतिबंधित करता है, कमेंट्स को डिसेबल करता है और संभावित जोखिम भरी स्थितियों में नाबालिगों वाले या “बच्चों के लिए बने” वीडियो की कैटेगिरी में शामिल वीडियो की अनुशंसाओं को सीमित करता है।

एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम ने कहा कि वह हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर कानूनी और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर से भारतीय इंटरनेट पर बाल अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सामग्री से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के मामले में।

एक बयान में, टेलीग्राम ने कहा कि सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्टों के जवाब में यह हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा संचालित किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो-टोलरेंस पॉलिसी रखता है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”हम ऐसे किसी भी उल्लंघन के जवाब में देश के कानून द्वारा निर्धारित तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हैं। जब सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्ट की जाती है, तो हम आपत्तिजनक मटेरियल को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू करते हैं। हटाने के लिए हमारा औसत प्रतिक्रिया समय 10-12 घंटे है, जो उपरोक्त नियमों द्वारा निर्धारित 24 घंटे की अनुमेय समय सीमा के भीतर है।”

टेलीग्राम ने कहा कि उनके पास एक स्पेशल टीम भी है, जो चाइल्ड एब्यूज कैटेगिरी के अंतर्गत आने वाली सभी अवैध कंटेंट को हटाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी ने कहा, ”आईटी अधिनियम की धारा 79 के अनुपालन में, टेलीग्राम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79 और सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट को तत्काल हटाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा जारी किसी भी संबंधित नोटिस का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने के महत्व पर जोर दिया गया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, ”आईटी अधिनियम के तहत नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका सुरक्षित आश्रय वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।”

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी कि नोटिस के अनुपालन में किसी भी देरी के चलते आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सेफ हॉर्बर प्रोटेक्शन वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है।

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने अभी तक भारत सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शनिवार को किसी भी प्रकार के चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) को हटाने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि सीएसएएम और संबंधित कंटेंट पर उनकी जीरो-टोलरेंस पॉलिसी है।

यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि नाबालिगों को खतरे में डालने वाला कोई भी कंटेंट उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा, “हमने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज और ऑनलाइन शोषण से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी और टीमों में भारी निवेश किया है और इसे जितनी जल्दी हो सके दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।”

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ”2023 की दूसरी तिमाही में, हमने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 2.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए। हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूट्यूब के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के अनुसार, बाल यौन शोषण से सफलतापूर्वक लड़ने का इसका एक मजबूत रिकॉर्ड है।

यूट्यूब छोटे साझेदारों और गैर सरकारी संगठनों को विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी की पेशकश करके उद्योग के साथ काम कर रहा है।

यूट्यूब लाइव फीचर्स को प्रतिबंधित करता है, कमेंट्स को डिसेबल करता है और संभावित जोखिम भरी स्थितियों में नाबालिगों वाले या “बच्चों के लिए बने” वीडियो की कैटेगिरी में शामिल वीडियो की अनुशंसाओं को सीमित करता है।

एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम ने कहा कि वह हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर कानूनी और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर से भारतीय इंटरनेट पर बाल अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सामग्री से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के मामले में।

एक बयान में, टेलीग्राम ने कहा कि सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्टों के जवाब में यह हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा संचालित किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो-टोलरेंस पॉलिसी रखता है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”हम ऐसे किसी भी उल्लंघन के जवाब में देश के कानून द्वारा निर्धारित तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हैं। जब सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्ट की जाती है, तो हम आपत्तिजनक मटेरियल को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू करते हैं। हटाने के लिए हमारा औसत प्रतिक्रिया समय 10-12 घंटे है, जो उपरोक्त नियमों द्वारा निर्धारित 24 घंटे की अनुमेय समय सीमा के भीतर है।”

टेलीग्राम ने कहा कि उनके पास एक स्पेशल टीम भी है, जो चाइल्ड एब्यूज कैटेगिरी के अंतर्गत आने वाली सभी अवैध कंटेंट को हटाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी ने कहा, ”आईटी अधिनियम की धारा 79 के अनुपालन में, टेलीग्राम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79 और सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट को तत्काल हटाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा जारी किसी भी संबंधित नोटिस का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने के महत्व पर जोर दिया गया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, ”आईटी अधिनियम के तहत नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका सुरक्षित आश्रय वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।”

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी कि नोटिस के अनुपालन में किसी भी देरी के चलते आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सेफ हॉर्बर प्रोटेक्शन वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है।

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने अभी तक भारत सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शनिवार को किसी भी प्रकार के चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) को हटाने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि सीएसएएम और संबंधित कंटेंट पर उनकी जीरो-टोलरेंस पॉलिसी है।

यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि नाबालिगों को खतरे में डालने वाला कोई भी कंटेंट उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा, “हमने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज और ऑनलाइन शोषण से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी और टीमों में भारी निवेश किया है और इसे जितनी जल्दी हो सके दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।”

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ”2023 की दूसरी तिमाही में, हमने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 2.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए। हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूट्यूब के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के अनुसार, बाल यौन शोषण से सफलतापूर्वक लड़ने का इसका एक मजबूत रिकॉर्ड है।

यूट्यूब छोटे साझेदारों और गैर सरकारी संगठनों को विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी की पेशकश करके उद्योग के साथ काम कर रहा है।

यूट्यूब लाइव फीचर्स को प्रतिबंधित करता है, कमेंट्स को डिसेबल करता है और संभावित जोखिम भरी स्थितियों में नाबालिगों वाले या “बच्चों के लिए बने” वीडियो की कैटेगिरी में शामिल वीडियो की अनुशंसाओं को सीमित करता है।

एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम ने कहा कि वह हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर कानूनी और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर से भारतीय इंटरनेट पर बाल अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सामग्री से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के मामले में।

एक बयान में, टेलीग्राम ने कहा कि सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्टों के जवाब में यह हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा संचालित किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो-टोलरेंस पॉलिसी रखता है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”हम ऐसे किसी भी उल्लंघन के जवाब में देश के कानून द्वारा निर्धारित तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हैं। जब सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्ट की जाती है, तो हम आपत्तिजनक मटेरियल को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू करते हैं। हटाने के लिए हमारा औसत प्रतिक्रिया समय 10-12 घंटे है, जो उपरोक्त नियमों द्वारा निर्धारित 24 घंटे की अनुमेय समय सीमा के भीतर है।”

टेलीग्राम ने कहा कि उनके पास एक स्पेशल टीम भी है, जो चाइल्ड एब्यूज कैटेगिरी के अंतर्गत आने वाली सभी अवैध कंटेंट को हटाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी ने कहा, ”आईटी अधिनियम की धारा 79 के अनुपालन में, टेलीग्राम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79 और सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट को तत्काल हटाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा जारी किसी भी संबंधित नोटिस का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने के महत्व पर जोर दिया गया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, ”आईटी अधिनियम के तहत नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका सुरक्षित आश्रय वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।”

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी कि नोटिस के अनुपालन में किसी भी देरी के चलते आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सेफ हॉर्बर प्रोटेक्शन वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है।

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने अभी तक भारत सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शनिवार को किसी भी प्रकार के चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) को हटाने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि सीएसएएम और संबंधित कंटेंट पर उनकी जीरो-टोलरेंस पॉलिसी है।

यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि नाबालिगों को खतरे में डालने वाला कोई भी कंटेंट उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा, “हमने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज और ऑनलाइन शोषण से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी और टीमों में भारी निवेश किया है और इसे जितनी जल्दी हो सके दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।”

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ”2023 की दूसरी तिमाही में, हमने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 2.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए। हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूट्यूब के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के अनुसार, बाल यौन शोषण से सफलतापूर्वक लड़ने का इसका एक मजबूत रिकॉर्ड है।

यूट्यूब छोटे साझेदारों और गैर सरकारी संगठनों को विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी की पेशकश करके उद्योग के साथ काम कर रहा है।

यूट्यूब लाइव फीचर्स को प्रतिबंधित करता है, कमेंट्स को डिसेबल करता है और संभावित जोखिम भरी स्थितियों में नाबालिगों वाले या “बच्चों के लिए बने” वीडियो की कैटेगिरी में शामिल वीडियो की अनुशंसाओं को सीमित करता है।

एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम ने कहा कि वह हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर कानूनी और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर से भारतीय इंटरनेट पर बाल अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सामग्री से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के मामले में।

एक बयान में, टेलीग्राम ने कहा कि सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्टों के जवाब में यह हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा संचालित किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो-टोलरेंस पॉलिसी रखता है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”हम ऐसे किसी भी उल्लंघन के जवाब में देश के कानून द्वारा निर्धारित तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हैं। जब सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्ट की जाती है, तो हम आपत्तिजनक मटेरियल को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू करते हैं। हटाने के लिए हमारा औसत प्रतिक्रिया समय 10-12 घंटे है, जो उपरोक्त नियमों द्वारा निर्धारित 24 घंटे की अनुमेय समय सीमा के भीतर है।”

टेलीग्राम ने कहा कि उनके पास एक स्पेशल टीम भी है, जो चाइल्ड एब्यूज कैटेगिरी के अंतर्गत आने वाली सभी अवैध कंटेंट को हटाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी ने कहा, ”आईटी अधिनियम की धारा 79 के अनुपालन में, टेलीग्राम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79 और सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट को तत्काल हटाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा जारी किसी भी संबंधित नोटिस का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने के महत्व पर जोर दिया गया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, ”आईटी अधिनियम के तहत नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका सुरक्षित आश्रय वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।”

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी कि नोटिस के अनुपालन में किसी भी देरी के चलते आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सेफ हॉर्बर प्रोटेक्शन वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है।

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने अभी तक भारत सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

–आईएएनएस

पीके/एबीएम

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शनिवार को किसी भी प्रकार के चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) को हटाने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि सीएसएएम और संबंधित कंटेंट पर उनकी जीरो-टोलरेंस पॉलिसी है।

यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि नाबालिगों को खतरे में डालने वाला कोई भी कंटेंट उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा, “हमने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज और ऑनलाइन शोषण से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी और टीमों में भारी निवेश किया है और इसे जितनी जल्दी हो सके दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।”

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ”2023 की दूसरी तिमाही में, हमने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 2.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए। हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूट्यूब के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के अनुसार, बाल यौन शोषण से सफलतापूर्वक लड़ने का इसका एक मजबूत रिकॉर्ड है।

यूट्यूब छोटे साझेदारों और गैर सरकारी संगठनों को विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी की पेशकश करके उद्योग के साथ काम कर रहा है।

यूट्यूब लाइव फीचर्स को प्रतिबंधित करता है, कमेंट्स को डिसेबल करता है और संभावित जोखिम भरी स्थितियों में नाबालिगों वाले या “बच्चों के लिए बने” वीडियो की कैटेगिरी में शामिल वीडियो की अनुशंसाओं को सीमित करता है।

एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम ने कहा कि वह हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर कानूनी और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर से भारतीय इंटरनेट पर बाल अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सामग्री से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के मामले में।

एक बयान में, टेलीग्राम ने कहा कि सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्टों के जवाब में यह हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा संचालित किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो-टोलरेंस पॉलिसी रखता है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”हम ऐसे किसी भी उल्लंघन के जवाब में देश के कानून द्वारा निर्धारित तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हैं। जब सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्ट की जाती है, तो हम आपत्तिजनक मटेरियल को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू करते हैं। हटाने के लिए हमारा औसत प्रतिक्रिया समय 10-12 घंटे है, जो उपरोक्त नियमों द्वारा निर्धारित 24 घंटे की अनुमेय समय सीमा के भीतर है।”

टेलीग्राम ने कहा कि उनके पास एक स्पेशल टीम भी है, जो चाइल्ड एब्यूज कैटेगिरी के अंतर्गत आने वाली सभी अवैध कंटेंट को हटाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी ने कहा, ”आईटी अधिनियम की धारा 79 के अनुपालन में, टेलीग्राम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79 और सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट को तत्काल हटाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा जारी किसी भी संबंधित नोटिस का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने के महत्व पर जोर दिया गया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, ”आईटी अधिनियम के तहत नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका सुरक्षित आश्रय वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।”

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी कि नोटिस के अनुपालन में किसी भी देरी के चलते आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सेफ हॉर्बर प्रोटेक्शन वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है।

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने अभी तक भारत सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शनिवार को किसी भी प्रकार के चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटेरियल (सीएसएएम) को हटाने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने के लिए आईटी मंत्रालय के नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि सीएसएएम और संबंधित कंटेंट पर उनकी जीरो-टोलरेंस पॉलिसी है।

यूट्यूब के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया कि नाबालिगों को खतरे में डालने वाला कोई भी कंटेंट उन्हें स्वीकार्य नहीं है।

प्रवक्ता ने कहा, “हमने चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज और ऑनलाइन शोषण से लड़ने के लिए प्रौद्योगिकी और टीमों में भारी निवेश किया है और इसे जितनी जल्दी हो सके दूर करने के लिए कदम उठाए हैं।”

यूट्यूब के प्रवक्ता ने कहा, ”2023 की दूसरी तिमाही में, हमने अपनी बाल सुरक्षा नीतियों के उल्लंघन के लिए 94,000 से अधिक चैनल और 2.5 मिलियन से ज्यादा वीडियो हटा दिए। हम नाबालिगों और परिवारों को यथासंभव सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूट्यूब के अंदर और बाहर के विशेषज्ञों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”

गूगल के स्वामित्व वाले प्लेटफॉर्म के अनुसार, बाल यौन शोषण से सफलतापूर्वक लड़ने का इसका एक मजबूत रिकॉर्ड है।

यूट्यूब छोटे साझेदारों और गैर सरकारी संगठनों को विशेषज्ञता और प्रौद्योगिकी की पेशकश करके उद्योग के साथ काम कर रहा है।

यूट्यूब लाइव फीचर्स को प्रतिबंधित करता है, कमेंट्स को डिसेबल करता है और संभावित जोखिम भरी स्थितियों में नाबालिगों वाले या “बच्चों के लिए बने” वीडियो की कैटेगिरी में शामिल वीडियो की अनुशंसाओं को सीमित करता है।

एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफ़ॉर्म टेलीग्राम ने कहा कि वह हमेशा अपने प्लेटफॉर्म पर कानूनी और नैतिक मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, खास तौर से भारतीय इंटरनेट पर बाल अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और बलात्कार और सामूहिक बलात्कार सामग्री से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के मामले में।

एक बयान में, टेलीग्राम ने कहा कि सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्टों के जवाब में यह हमारे प्लेटफॉर्म पर यूजर्स द्वारा संचालित किसी भी गैरकानूनी गतिविधियों के प्रति जीरो-टोलरेंस पॉलिसी रखता है।

कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, ”हम ऐसे किसी भी उल्लंघन के जवाब में देश के कानून द्वारा निर्धारित तत्काल और कड़ी कार्रवाई करते हैं। जब सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट की रिपोर्ट की जाती है, तो हम आपत्तिजनक मटेरियल को हटाने के लिए त्वरित कार्रवाई शुरू करते हैं। हटाने के लिए हमारा औसत प्रतिक्रिया समय 10-12 घंटे है, जो उपरोक्त नियमों द्वारा निर्धारित 24 घंटे की अनुमेय समय सीमा के भीतर है।”

टेलीग्राम ने कहा कि उनके पास एक स्पेशल टीम भी है, जो चाइल्ड एब्यूज कैटेगिरी के अंतर्गत आने वाली सभी अवैध कंटेंट को हटाने की दिशा में काम कर रही है।

कंपनी ने कहा, ”आईटी अधिनियम की धारा 79 के अनुपालन में, टेलीग्राम सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी अधिनियम) की धारा 79 और सीपी/सीएसएएम/आरजीआर कंटेंट को तत्काल हटाने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेश कानून प्रवर्तन एजेंसियों (एलईए) द्वारा जारी किसी भी संबंधित नोटिस का अनुपालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने शुक्रवार को सोशल मीडिया बिचौलियों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके प्लेटफॉर्म पर किसी भी सीएसएएम तक पहुंच को तुरंत और स्थायी रूप से हटाने या अक्षम करने के महत्व पर जोर दिया गया था।

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, ”आईटी अधिनियम के तहत नियम सोशल मीडिया मध्यस्थों से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए। यदि वे तेजी से कार्रवाई नहीं करते हैं, तो आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनका सुरक्षित आश्रय वापस ले लिया जाएगा और भारतीय कानून के तहत परिणाम भुगतने होंगे।”

मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया मध्यस्थों को चेतावनी दी कि नोटिस के अनुपालन में किसी भी देरी के चलते आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनकी सेफ हॉर्बर प्रोटेक्शन वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है।

एक्स कॉर्प (पूर्व में ट्विटर) ने अभी तक भारत सरकार के नोटिस का जवाब नहीं दिया था।

–आईएएनएस

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