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Home Today's Special News

केंद्र ने 651 जिलों में नए जन औषधि केंद्र खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी

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January 12, 2023
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केंद्र ने 651 जिलों में नए जन औषधि केंद्र खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
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नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्र ने विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों में नए जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

सभी को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएमबीजेपी को 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा लॉन्च किया गया था।

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इस योजना के तहत देशभर में पहले से ही 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।

पीएमबीजेपी की उत्पाद टोकरी में 1,759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों को कवर करते हैं।

यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले गए प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में) प्रदान किया जाता है। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में पहचाने गए हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्र ने विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों में नए जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

सभी को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएमबीजेपी को 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा लॉन्च किया गया था।

इस योजना के तहत देशभर में पहले से ही 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।

पीएमबीजेपी की उत्पाद टोकरी में 1,759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों को कवर करते हैं।

यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले गए प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में) प्रदान किया जाता है। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में पहचाने गए हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्र ने विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों में नए जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

सभी को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएमबीजेपी को 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा लॉन्च किया गया था।

इस योजना के तहत देशभर में पहले से ही 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।

पीएमबीजेपी की उत्पाद टोकरी में 1,759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों को कवर करते हैं।

यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले गए प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में) प्रदान किया जाता है। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में पहचाने गए हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्र ने विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों में नए जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

सभी को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएमबीजेपी को 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा लॉन्च किया गया था।

इस योजना के तहत देशभर में पहले से ही 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।

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यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले गए प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में) प्रदान किया जाता है। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में पहचाने गए हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

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यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले गए प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में) प्रदान किया जाता है। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में पहचाने गए हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

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इस योजना के तहत देशभर में पहले से ही 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।

पीएमबीजेपी की उत्पाद टोकरी में 1,759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों को कवर करते हैं।

यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले गए प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में) प्रदान किया जाता है। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में पहचाने गए हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

–आईएएनएस

एसजीके/एएनएम

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नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्र ने विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों में नए जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

सभी को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएमबीजेपी को 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा लॉन्च किया गया था।

इस योजना के तहत देशभर में पहले से ही 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।

पीएमबीजेपी की उत्पाद टोकरी में 1,759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों को कवर करते हैं।

यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले गए प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में) प्रदान किया जाता है। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में पहचाने गए हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्र ने विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 651 जिलों में नए जन औषधि केंद्र खोलने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) की कार्यान्वयन एजेंसी, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

सभी को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पीएमबीजेपी को 2008 में रसायन और उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा लॉन्च किया गया था।

इस योजना के तहत देशभर में पहले से ही 9,000 से अधिक जन औषधि केंद्र काम कर रहे हैं। सरकार ने मार्च 2024 तक जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 करने का लक्ष्य रखा है।

पीएमबीजेपी की उत्पाद टोकरी में 1,759 दवाएं और 280 सर्जिकल उपकरण शामिल हैं, जो सभी प्रमुख चिकित्सीय समूहों को कवर करते हैं।

यह योजना स्थायी और नियमित कमाई के साथ स्वरोजगार का अवसर प्रदान करती है। पीएमबीजेपी के तहत वित्तीय सहायता के रूप में प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है और पूर्वोत्तर राज्यों में खोले गए प्रत्येक जन औषधि केंद्र को 2 लाख रुपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन (आईटी और इन्फ्रा व्यय के लिए प्रतिपूर्ति के रूप में) प्रदान किया जाता है। नीति आयोग द्वारा आकांक्षी जिलों के रूप में पहचाने गए हिमालयी क्षेत्र, द्वीप क्षेत्र और पिछड़े क्षेत्रों में महिला उद्यमियों, पूर्व सैनिकों, दिव्यांगों, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति द्वारा जन औषधि केंद्र खोले गए हैं।

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