नई दिल्ली, 12 जनवरी (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यहां गुरुवार को कहा कि महामारी के दौर ने देश के स्वास्थ्य सुविधाओं के ढांचे और वितरण प्रणाली को मजबूत करने का अवसर दिया है।
उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के मिशन संचालन समूह (एमएसजी) की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
एमएसजी, एनएचएम की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था है, जो मिशन के तहत नीतियों और कार्यक्रम कार्यान्वयन पर निर्णय लेती है।
मंत्री ने कहा कि पहली बार स्वास्थ्य को केंद्र के समग्र दृष्टिकोण के तहत विकास के एजेंडे से जोड़ा जा रहा है।
मंडाविया ने एनएचएम के तहत उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, 31 दिसंबर, 2022 तक 1.50 लाख आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) के लक्ष्य से अधिक, 1.54 लाख से अधिक उप स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को एबी-एचडब्ल्यूसी के रूप में बदल दिया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति 2017 (एनएचपी 2017) के दृष्टिकोण के साथ, एबी-एचडब्ल्यूसीसमुदायों के बीच व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा 12 से अधिक स्वास्थ्य सेवा पैकेज नि:शुल्क उपलब्ध हैं।
मंडाविया ने वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों और उनकी सर्वोत्तम प्रथाओं को समझने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, भारत का अपना स्वास्थ्य सेवा मॉडल हो सकता है, जो इसकी क्षेत्रीय जरूरतों के अनुरूप होगा और स्थानीय ताकत व चुनौतियों के अनुकूल होगा। सरकार अंत्योदय के दर्शन के साथ आगे बढ़ते हुए देश के हर कोने में प्रत्येक व्यक्ति को सस्ती, सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की इच्छा रखती है।
एनएचएम के एमएसजी ने पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों की पुष्टि सहित विभिन्न एजेंडा बिंदुओं पर चर्चा की। एमएसजी की 7वीं बैठक के दौरान लिए गए निर्णयों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट पर चर्चा की गई और यह निर्णय लिया गया कि एक संतृप्त और समग्र दृष्टिकोण लागू किया जाए, जिसमें स्वास्थ्य के सभी पहलुओं को शामिल किया गया हो और जिसकी समुदाय पर उल्लेखनीय पहुंच और प्रभाव हो।
निक्षय मित्र पहल के तहत प्रगति की सराहना करते हुए मंडाविया ने प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुसार 2025 तक टीबी उन्मूलन की जरूरत पर जोर दिया। एमएसजी ने निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य दृष्टिकोण की ओर ध्यान केंद्रित करने पर भी विचार-विमर्श किया, जो समुदाय में समग्र कल्याण दृष्टिकोण की वकालत करता है। इसके अलावा, एमएसजी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने पर चर्चा की और एनएचएम के तहत नई पहल के हिस्से के रूप में मौजूदा स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचे को उन्नत और मजबूत करने के लिए नई तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया।
इस मौके पर केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार, स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल भी मौजूद थे।
–आईएएनएस
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