कोलकाता, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार से हलफनामा मांगा कि पुलिस मध्य कोलकाता में नए सचिवालय भवन के सामने धरना- प्रदर्शन की अनुमति देने में अनिच्छुक क्यों है, जबकि राजभवन के सामने ऐसे ही प्रदर्शन के लिए अनुमति दी जा चुकी है।
न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ ने राज्य सरकार को 16 अक्टूबर तक अदालत में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया, जिस दिन मामले की अगली सुनवाई होगी।
राज्य में असंगठित श्रमिकों का एक संघ नए सचिवालय भवन के सामने धरना-प्रदर्शन करना चाहता था, जिसमें राज्य सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों के साथ-साथ उच्च न्यायालय के कुछ अनुभाग भी शामिल हैं।
पुलिस द्वारा अनुमति नहीं दिए जाने के बाद एसोसिएशन ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
एसोसिएशन के वकील ने बताया कि राजभवन के सामने सालभर धारा 144 लागू होने के बावजूद गुरुवार की शाम वहां इसी तरह का धरना-प्रदर्शन करने के लिए पुलिस ने तृणमूल कांग्रेस को अनुमति दे दी।
वकील ने सवाल किया, “अगर राजभवन के सामने धरना-प्रदर्शन की अनुमति दी जा सकती है, तो नए सचिवालय भवन के सामने इसी तरह के प्रदर्शन के लिए अनुमति क्यों नहीं दी जाएगी।”
उनकी दलील को स्वीकार करते हुए जस्टिस सेनगुप्ता ने राज्य सरकार से 16 अक्टूबर तक इस मामले में हलफनामा दाखिल करने को कहा।
–आईएएनएस
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