लखनऊ, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 वर्षों में एक बार लगने वाले आस्था के पर्व महाकुंभ-2025 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है। प्रयागराज स्थित पवित्र संगम स्थल पर महाकुंभ को दिव्य, भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
2,000 करोड़ रूपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स धरातल पर आ चुके हैं, जिन्हें जल्द से जल्द पूर्ण कराने पर फोकस है। वहीं, 3738 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विभागों के 260 परियोजनाओं की समीक्षा शुरू हो गई है। इस बार महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक यानी 45 दिन चलेगा। मेला में 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। 40 लाख श्रद्धालु शाही स्नानों में आ सकते हैं, वहीं 40 लाख कल्पवासी हो सकते हैं।
ऐसे में बाकायदा डिजिटल म्यूजियम बनाए जाएंगे तथा आई ट्रिपल सी, आईटी और ड्रोन से मेला क्षेत्र की निगरानी के लिए सुचारू व्यवस्था की जाएगी। मेला क्षेत्र में रोप-वे, पीपा पुल, आरओबी, पुलों आदि के निर्माण कार्य को समय से पूरा किए जाने व वीआईपी के साथ सामान्य श्रद्धालुओं के ठहरने की भी पर्याप्त व्यवस्था किए जाने पर फोकस किया जा रहा है।
नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने लगभग 3,738 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न विभागों द्वारा अब तक अनुमोदित 260 परियोजनाओं की समीक्षा की। मंगलवार को समीक्षा बैठक में उन्होंने अधिकारियों को प्रगति कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करने मूलभूत सुविधाओं के साथ पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति, पार्किंग आदि की सुचारू व्यवस्था करने, सड़कों व चौराहा से अतिक्रमण हटाने के साथ चौड़ीकरण और सुंदरीकरण के कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि महाकुंभ की तैयारियों में किसी भी प्रकार की कमी न रह जाए इसलिए स्थानीय वासियों और जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित कर उनके सुझावों पर कार्य किया जाए।
मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने अब तक की तैयारियों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महाकुंभ- 2025 में अधिक श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। मेला क्षेत्र को 4 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल और 25 सेक्टरों में बसाया जाएगा तथा लगभग 1800 हेक्टेयर में पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। 13 किमी लंबी 7 रिवर फ्रंट रोड, ग्रीन बेल्ट का विकास, पेयजल, शौचालय, विद्युत व्यवस्था तथा वेंडिंग जोन की व्यवस्था भी करायी जाएगी।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से वित्त पोषित 7 घाटों में सरस्वती घाट, किला घाट, दशाश्वमेघ घाट, नौकायान घाट, ज्ञान गंगा आश्रम घाट, महेवा घाट तथा रसूला घाट का भी विकास किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत चेंजिंग रूम, पेयजल, विद्युत, पार्किंग, गेट, साइनेज, बेंच, कूड़ादान, ग्रीन बेल्ट एवं शौचालयों आदि का निर्माण कराया जा रहा है।
–आईएएनएस
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