अहमदाबाद, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। गुजरात उच्च न्यायालय ने बुधवार को ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक और मोरबी पुल ढहने की घटना के मुख्य संदिग्ध जयसुख पटेल की अंतरिम जमानत याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
यह फैसला तब आया, जब पटेल की नियमित जमानत याचिका पर विचार होना बाकी है।
पिछले अक्टूबर में मोरबी पुल हादसे में 135 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद पटेल ने 31 जनवरी को आत्महत्या कर ली। उनकी फर्म के संचालन और रखरखाव के तहत पुल के कारण पटेल को गैर-इरादतन हत्या के आरोपों का सामना करना पड़ा।
पुलिस द्वारा 27 जनवरी को दाखिल आरोपपत्र में पुल की मरम्मत और उन्नयन कार्यों की देखरेख और मार्गदर्शन के लिए पटेल को सीधे तौर पर दोषी ठहराया गया है।
मामले की देखरेख कर रहे न्यायमूर्ति दिव्येश जोशी ने संकेत दिया कि नियमित जमानत याचिका पर 27 अक्टूबर को विचार-विमर्श किया जाएगा।
पटेल का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता निरूपम नानावती ने नियमित जमानत मंजूर करने में अदालत की ओर से की गई देरी पर प्रकाश डाला और इसके लिए समय की कमी को जिम्मेदार ठहराया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, न्यायमूर्ति जोशी ने सिफारिश की कि प्राथमिक नियमित जमानत याचिका योजना के अनुसार आगे बढ़नी चाहिए।
–आईएएनएस
एसजीके