नई दिल्ली, 19 अक्टूबर ( आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े किसानों के संगठन भारतीय किसान संघ- बीकेएस ने मोदी सरकार द्वारा एमएसपी में वृद्धि से किसानों को लाभ मिलने की बात कहते हुए इस फैसले का स्वागत किया है लेकिन इसके साथ ही बीकेएस ने सरकार से टैक्स सिस्टम को बदलने पर भी ध्यान देने की मांग की है।
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्र ने सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा आगामी सत्र 2024-25 के लिए अनाजों के समर्थन मूल्य में वृद्धि किए जाने का ऐलान स्वागत योग्य है। लागत के आधार पर लाभकारी मूल्य की दिशा में समर्थन मूल्य में बढ़त किसानों की आर्थिक उन्नति का ठोस कदम है।
लेकिन, इसके साथ ही सरकार से टैक्स सिस्टम को बदलने पर भी ध्यान देने की मांग करते हुए मोहिनी मोहन मिश्र ने कहा कि मंडियों व बाजारों में किसान विक्रेता है। फिर भी सरकारें विभिन्न प्रकार से टैक्स वसूली किसानों से करती है। उनकी मांग है कि राज्य सरकारें तत्काल इस पर रोक लगायें।
मिश्र ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की आयात निर्यात नीति में बदलाव का लाभ लेने के लिये कुछ व्यापारी समूह किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे खरीदने का प्रयास करते हैं।जबकि, अधिकतर निर्यातक व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर खरीद करना चाहते हैं। इस तरह से अंतत: किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। किसान संघ के अनुसार, इस प्रकार के उदाहरण सोयाबीन, प्याज और बासमती चावल के निर्यात में देखने को मिले हैं। जिनको लेकर संघ चिंतित है।
बीकेएस महामंत्री ने कहा कि एमएसपी के बढ़ने से किसानों की स्थिति में निसंदेह सुधार होगा, लेकिन मंडियों में लगने वाले टैक्स की मार से अभी भी किसान आहत हैं। यदि इस इंतजाम को भी किसान हितैषी बना दिया जाए तो ये बड़ी उपलब्धि होगी। किसान संघ का कहना कि सरकार को अपनी आयात-निर्यात नीतियों में बदलाव करने से पहले सर्वप्रथम किसानों के हितों को देखना चाहिए। संघ ने किसानों से भी आग्रह किया है कि वे कम लागत के साथ अधिक आय देने वाली फसलों की ओर उन्मुख हों ताकि किसानों की स्थिति बेहतर हो सके।
–आईएएनएस
एसटीपी/एबीएम