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Home Today's Special News

सूदखोरों के खिलाफ गुजरात पुलिस के अभियान से उम्मीदें, लेकिन संदेह बरकरार

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January 15, 2023
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सूदखोरों के खिलाफ गुजरात पुलिस के अभियान से उम्मीदें, लेकिन संदेह बरकरार
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गांधीनगर, 15 जनवरी (आईएएनएस)। गुजरात पुलिस ने सूदखोरों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। पुलिस ने केवल एक सप्ताह में 762 सूदखोरों के खिलाफ 416 आपराधिक शिकायतें दर्ज की हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह अभियान सूदखोरों द्वारा उत्पीड़न को समाप्त कर पाएगा।

गुजरात के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने 3 जनवरी को अपने बल को निजी फाइनेंसरों के खिलाफ शिकायतों को सुनने के लिए एक लोक दरबार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। तभी से हर जिले, कस्बे और महानगरों में इस तरह के लोक दरबार आयोजित किए जा रहे हैं।

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने की रायबरेली घटना की निंदा, बोले-यह सामाजिक न्याय के खिलाफ अपराध

राज्य पुलिस के द्वारा प्रकाशित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस एक्शन मोड में है और शुक्रवार तक 316 निजी फाइनेंसरों को गिरफ्तार कर चुकी है। कुछ समय के लिए कर्जदारों को कुछ राहत तो मिलेगी, लेकिन क्या लंबे समय के लिए उत्पीड़न और धमकियां बंद हो जाएंगी।

यह संदेहपूर्ण है, लेकिन उपभोक्ता फोरम और एक्शन कमेटी का लक्ष्य भविष्य में भी ऐसे कर्जदारों को हर संभव सहायता देना है। समिति के अध्यक्ष मुकेश पारिख ने कहा कि यह कर्जदारों को फ्री कानूनी मार्गदर्शन प्रदान करेगा और सूदखोरों के खिलाफ मामला दर्ज करने में मदद करेगा।

भावनगर के राहुल पाटिल ने राजभा गोहिल से 25 हजार रुपए उधार लिए थे। उसने 13,000 रुपये चुकाए, फिर भी उसे राजभा और उसके सहयोगी कल्पेश मेहता द्वारा धमकी दी गई कि अगर उसने पूरे पैसे नहीं चुकाए तो वे उसकी मौजूदगी में उसकी पत्नी का बलात्कार करेंगे।

राहुल पाटिल ने मई 2022 में फांसी लगा ली। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और जब पीड़िता की बहन ने इस मामले को प्रधानमंत्री कार्यालय में उठाया, तब पुलिस ने पिछले सप्ताह फाइनेंसरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

वहीं कुछ खुशकिस्मत हैं और पुलिस की कार्रवाई से उन्हें बड़ी राहत मिली है। ऐसा ही एक मामला सूरत की नयनाबेन विरानी का है, जिन्होंने निजी फाइनेंसरों से 8 लाख रुपये उधार लिए थे। उधार चुकाने में विफल रहने पर फाइनेंसरों ने उसके घर पर कब्जा कर लिया और घर को वापस करने के लिए उन्होंने उससे 80 लाख रुपये की मांग की।

हालांकि, पुलिस के हस्तक्षेप के कारण उसे अपनी संपत्ति के दस्तावेज और कब्जा वापस मिल गया। जब पुलिस का सूदखारों के खिलाफ अभियान चल रहा था, तब 12 जनवरी को 27 वर्षीय चेतन पाथर ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया।

चेतन पाथर ने संदीप पंजाबभाई से 6 लाख रुपये उधार लिए थे। 11 जनवरी की रात संदीप और कुछ अन्य लोगों ने कार में चेतन का अपहरण कर लिया और उसे अपने गांव ले गए थे। संदीप ने चेतन को 13 चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। अधिक प्रताड़ना के डर से उसने आत्महत्या का प्रयास किया। अब उसका इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है।

–आईएएनएस

एफजेड/एसकेपी

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गांधीनगर, 15 जनवरी (आईएएनएस)। गुजरात पुलिस ने सूदखोरों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। पुलिस ने केवल एक सप्ताह में 762 सूदखोरों के खिलाफ 416 आपराधिक शिकायतें दर्ज की हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह अभियान सूदखोरों द्वारा उत्पीड़न को समाप्त कर पाएगा।

गुजरात के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने 3 जनवरी को अपने बल को निजी फाइनेंसरों के खिलाफ शिकायतों को सुनने के लिए एक लोक दरबार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। तभी से हर जिले, कस्बे और महानगरों में इस तरह के लोक दरबार आयोजित किए जा रहे हैं।

राज्य पुलिस के द्वारा प्रकाशित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस एक्शन मोड में है और शुक्रवार तक 316 निजी फाइनेंसरों को गिरफ्तार कर चुकी है। कुछ समय के लिए कर्जदारों को कुछ राहत तो मिलेगी, लेकिन क्या लंबे समय के लिए उत्पीड़न और धमकियां बंद हो जाएंगी।

यह संदेहपूर्ण है, लेकिन उपभोक्ता फोरम और एक्शन कमेटी का लक्ष्य भविष्य में भी ऐसे कर्जदारों को हर संभव सहायता देना है। समिति के अध्यक्ष मुकेश पारिख ने कहा कि यह कर्जदारों को फ्री कानूनी मार्गदर्शन प्रदान करेगा और सूदखोरों के खिलाफ मामला दर्ज करने में मदद करेगा।

भावनगर के राहुल पाटिल ने राजभा गोहिल से 25 हजार रुपए उधार लिए थे। उसने 13,000 रुपये चुकाए, फिर भी उसे राजभा और उसके सहयोगी कल्पेश मेहता द्वारा धमकी दी गई कि अगर उसने पूरे पैसे नहीं चुकाए तो वे उसकी मौजूदगी में उसकी पत्नी का बलात्कार करेंगे।

राहुल पाटिल ने मई 2022 में फांसी लगा ली। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और जब पीड़िता की बहन ने इस मामले को प्रधानमंत्री कार्यालय में उठाया, तब पुलिस ने पिछले सप्ताह फाइनेंसरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

वहीं कुछ खुशकिस्मत हैं और पुलिस की कार्रवाई से उन्हें बड़ी राहत मिली है। ऐसा ही एक मामला सूरत की नयनाबेन विरानी का है, जिन्होंने निजी फाइनेंसरों से 8 लाख रुपये उधार लिए थे। उधार चुकाने में विफल रहने पर फाइनेंसरों ने उसके घर पर कब्जा कर लिया और घर को वापस करने के लिए उन्होंने उससे 80 लाख रुपये की मांग की।

हालांकि, पुलिस के हस्तक्षेप के कारण उसे अपनी संपत्ति के दस्तावेज और कब्जा वापस मिल गया। जब पुलिस का सूदखारों के खिलाफ अभियान चल रहा था, तब 12 जनवरी को 27 वर्षीय चेतन पाथर ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया।

चेतन पाथर ने संदीप पंजाबभाई से 6 लाख रुपये उधार लिए थे। 11 जनवरी की रात संदीप और कुछ अन्य लोगों ने कार में चेतन का अपहरण कर लिया और उसे अपने गांव ले गए थे। संदीप ने चेतन को 13 चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। अधिक प्रताड़ना के डर से उसने आत्महत्या का प्रयास किया। अब उसका इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है।

–आईएएनएस

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गांधीनगर, 15 जनवरी (आईएएनएस)। गुजरात पुलिस ने सूदखोरों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। पुलिस ने केवल एक सप्ताह में 762 सूदखोरों के खिलाफ 416 आपराधिक शिकायतें दर्ज की हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह अभियान सूदखोरों द्वारा उत्पीड़न को समाप्त कर पाएगा।

गुजरात के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने 3 जनवरी को अपने बल को निजी फाइनेंसरों के खिलाफ शिकायतों को सुनने के लिए एक लोक दरबार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। तभी से हर जिले, कस्बे और महानगरों में इस तरह के लोक दरबार आयोजित किए जा रहे हैं।

राज्य पुलिस के द्वारा प्रकाशित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस एक्शन मोड में है और शुक्रवार तक 316 निजी फाइनेंसरों को गिरफ्तार कर चुकी है। कुछ समय के लिए कर्जदारों को कुछ राहत तो मिलेगी, लेकिन क्या लंबे समय के लिए उत्पीड़न और धमकियां बंद हो जाएंगी।

यह संदेहपूर्ण है, लेकिन उपभोक्ता फोरम और एक्शन कमेटी का लक्ष्य भविष्य में भी ऐसे कर्जदारों को हर संभव सहायता देना है। समिति के अध्यक्ष मुकेश पारिख ने कहा कि यह कर्जदारों को फ्री कानूनी मार्गदर्शन प्रदान करेगा और सूदखोरों के खिलाफ मामला दर्ज करने में मदद करेगा।

भावनगर के राहुल पाटिल ने राजभा गोहिल से 25 हजार रुपए उधार लिए थे। उसने 13,000 रुपये चुकाए, फिर भी उसे राजभा और उसके सहयोगी कल्पेश मेहता द्वारा धमकी दी गई कि अगर उसने पूरे पैसे नहीं चुकाए तो वे उसकी मौजूदगी में उसकी पत्नी का बलात्कार करेंगे।

राहुल पाटिल ने मई 2022 में फांसी लगा ली। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई और जब पीड़िता की बहन ने इस मामले को प्रधानमंत्री कार्यालय में उठाया, तब पुलिस ने पिछले सप्ताह फाइनेंसरों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की।

वहीं कुछ खुशकिस्मत हैं और पुलिस की कार्रवाई से उन्हें बड़ी राहत मिली है। ऐसा ही एक मामला सूरत की नयनाबेन विरानी का है, जिन्होंने निजी फाइनेंसरों से 8 लाख रुपये उधार लिए थे। उधार चुकाने में विफल रहने पर फाइनेंसरों ने उसके घर पर कब्जा कर लिया और घर को वापस करने के लिए उन्होंने उससे 80 लाख रुपये की मांग की।

हालांकि, पुलिस के हस्तक्षेप के कारण उसे अपनी संपत्ति के दस्तावेज और कब्जा वापस मिल गया। जब पुलिस का सूदखारों के खिलाफ अभियान चल रहा था, तब 12 जनवरी को 27 वर्षीय चेतन पाथर ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया।

चेतन पाथर ने संदीप पंजाबभाई से 6 लाख रुपये उधार लिए थे। 11 जनवरी की रात संदीप और कुछ अन्य लोगों ने कार में चेतन का अपहरण कर लिया और उसे अपने गांव ले गए थे। संदीप ने चेतन को 13 चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। अधिक प्रताड़ना के डर से उसने आत्महत्या का प्रयास किया। अब उसका इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है।

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गुजरात के पुलिस महानिदेशक आशीष भाटिया ने 3 जनवरी को अपने बल को निजी फाइनेंसरों के खिलाफ शिकायतों को सुनने के लिए एक लोक दरबार की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। तभी से हर जिले, कस्बे और महानगरों में इस तरह के लोक दरबार आयोजित किए जा रहे हैं।

राज्य पुलिस के द्वारा प्रकाशित किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस एक्शन मोड में है और शुक्रवार तक 316 निजी फाइनेंसरों को गिरफ्तार कर चुकी है। कुछ समय के लिए कर्जदारों को कुछ राहत तो मिलेगी, लेकिन क्या लंबे समय के लिए उत्पीड़न और धमकियां बंद हो जाएंगी।

यह संदेहपूर्ण है, लेकिन उपभोक्ता फोरम और एक्शन कमेटी का लक्ष्य भविष्य में भी ऐसे कर्जदारों को हर संभव सहायता देना है। समिति के अध्यक्ष मुकेश पारिख ने कहा कि यह कर्जदारों को फ्री कानूनी मार्गदर्शन प्रदान करेगा और सूदखोरों के खिलाफ मामला दर्ज करने में मदद करेगा।

भावनगर के राहुल पाटिल ने राजभा गोहिल से 25 हजार रुपए उधार लिए थे। उसने 13,000 रुपये चुकाए, फिर भी उसे राजभा और उसके सहयोगी कल्पेश मेहता द्वारा धमकी दी गई कि अगर उसने पूरे पैसे नहीं चुकाए तो वे उसकी मौजूदगी में उसकी पत्नी का बलात्कार करेंगे।

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वहीं कुछ खुशकिस्मत हैं और पुलिस की कार्रवाई से उन्हें बड़ी राहत मिली है। ऐसा ही एक मामला सूरत की नयनाबेन विरानी का है, जिन्होंने निजी फाइनेंसरों से 8 लाख रुपये उधार लिए थे। उधार चुकाने में विफल रहने पर फाइनेंसरों ने उसके घर पर कब्जा कर लिया और घर को वापस करने के लिए उन्होंने उससे 80 लाख रुपये की मांग की।

हालांकि, पुलिस के हस्तक्षेप के कारण उसे अपनी संपत्ति के दस्तावेज और कब्जा वापस मिल गया। जब पुलिस का सूदखारों के खिलाफ अभियान चल रहा था, तब 12 जनवरी को 27 वर्षीय चेतन पाथर ने जहर खाकर आत्महत्या का प्रयास किया।

चेतन पाथर ने संदीप पंजाबभाई से 6 लाख रुपये उधार लिए थे। 11 जनवरी की रात संदीप और कुछ अन्य लोगों ने कार में चेतन का अपहरण कर लिया और उसे अपने गांव ले गए थे। संदीप ने चेतन को 13 चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया। अधिक प्रताड़ना के डर से उसने आत्महत्या का प्रयास किया। अब उसका इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है।

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