नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। गोवा समुद्री सम्मेलन (जीएमसी) – 2023 का चौथा संस्करण 29 से 31 अक्टूबर 2023 तक भारतीय नौसेना द्वारा नेवल वॉर कॉलेज, गोवा के तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। यह सम्मेलन भारतीय नौसेना की आउटरीच पहल है। जीएमसी-23 में, भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार 12 हिंद महासागर तटीय क्षेत्रों के नौसेना प्रमुखों की मेजबानी करेंगे।
इनमें बांग्लादेश, कोमोरोस, इंडोनेशिया, मेडागास्कर, मलेशिया सहित मॉरीशस, म्यांमार, सेशेल्स, सिंगापुर, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह समुद्री सुरक्षा के अभ्यासकर्ताओं और शिक्षाविदों के सामूहिक ज्ञान को परिणामोन्मुख समुद्री विचार प्राप्त करने और उसका उपयोग करने के लिए एक बहुराष्ट्रीय मंच प्रदान करता है।
इस द्विवार्षिक कार्यक्रम के पिछले संस्करण 2017, 2019 और 2021 में आयोजित किए गए थे। यह समसामयिक और भविष्य की समुद्री चुनौतियों से निपटने के लिए नौसेना प्रमुखों, समुद्री एजेंसियों के प्रमुखों द्वारा विचारों के आदान-प्रदान के साथ-साथ सहकारी रणनीतियों को प्रस्तुत करने और साझेदार समुद्री एजेंसियों के बीच अंतरसंचालनता को बढ़ाने के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है।
जीएमसी के इस वर्ष के संस्करण का विषय “हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा, सामान्य समुद्री प्राथमिकताओं को सहयोगात्मक शमन ढांचे में परिवर्तित करना” है। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में समुद्री सुरक्षा हासिल करने की दिशा में समुद्री क्षेत्र में ‘समावेशी और सहयोगात्मक प्रयासों’ की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस सम्मेलन के मुख्य अतिथि हैं और वह जीएमसी-23 का मुख्य भाषण भी देंगे। इस सम्मेलन के प्रतिभागियों को चार सत्रों में प्रख्यात वक्ताओं और विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने का अवसर मिलेगा।
हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में समुद्री सुरक्षा हासिल करने के लिए नियामक और कानूनी ढांचे में आए अंतराल की पहचान करना, समुद्री खतरों और चुनौतियों के सामूहिक शमन के लिए जीएमसी राष्ट्रों के लिए एक सामान्य बहुपक्षीय समुद्री रणनीति और संचालन प्रोटोकॉल तैयार करना, पूरे आईओआर में उत्कृष्टता केंद्र के साथ सहयोगात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रमों की पहचान और स्थापना, सामूहिक समुद्री दक्षताओं का सृजन करने की दिशा में आईओआर में मौजूदा बहुपक्षीय संगठनों के माध्यम से की जाने वाली गतिविधियों का लाभ उठाना है।
इस सम्मेलन के हिस्से के रूप में, आने वाले गणमान्य व्यक्तियों को “मेक इन इंडिया प्रदर्शनी” में भारत के स्वदेशी जहाज निर्माण उद्योग को देखने और स्वदेशी युद्धपोतों के साथ-साथ डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (डीएसआरवी) की क्षमताओं को देखने का अवसर भी उपलब्ध कराया जाएगा।
–आईएएनएस
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