सहारनपुर, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि भारत में एक विशेषता है कि वह पूरी दुनिया को धर्म की राह दिखा रहा है।
सरसंघचालक मोहन भागवत गुरुवार को सहारनपुर के पंत विहार स्थित श्री कृष्ण ज्ञान मंदिर के रजत जयंती महोत्सव में शिरकत करने पहुंचे।
इस दौरान उन्होंने कहा कि सारी दुनिया का धर्म एक है, जबकि पंथ और संप्रदाय अलग हो सकते हैं। धर्म सभी को जोड़कर रखता है। धर्म शाश्वत है। इसका अंत होगा तो सृष्टि समाप्त होगी। संत भी अलग-अलग संप्रदाय के होते हैं, लेकिन अंदर से सब एक हैं।
उन्होंने कहा कि भागवत गीता में भारत के जीवन का निचोड़ है। जिसमें कहा गया है कि कुशलता पूर्वक काम करो। जो भी करो उत्तम करो। जीवन में किसी भी स्थिति से भागना नहीं है। डटकर मुकाबला करना है। स्थिति बदलती रहती है। भारत में एक विशेषता है कि वह पूरी दुनिया को धर्म की राह दिखा रहा है।
संघ प्रमुख ने कहा कि हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करता है। प्रकृति के साथ मानवता चले, यह भारत का कर्तव्य है। सृष्टि को धर्म की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि धर्म साश्वत है, अगर यह खत्म हुआ तो श्रृष्टि भी खत्म हो जाएगी। इसलिए कुशलतापूर्वक कार्य करें। कभी भी अपने अंदर अंहकार मत लाओ। पवित्रता जरूरी है। व्यक्ति को श्रद्धा, दान और त्याग की भावना रखनी होगी। जीवन मे आने वाली परिस्थितियों से भागना नहीं है, इनका मुकाबला करो। यदि भाग गए तो जिंदा होते हुए भी मौत के समान है। प्रकृति के साथ चलें, यह धर्म की आवश्यकता है। दुनिया में ऐसे भी लोग हैं जो दुष्ट हैं, उनसे घबराना नहीं है। हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है। सभी को साथ लेकर चलें।
–आईएएनएस
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