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Home ताज़ा समाचार

खड़गे के आरोपों पर बोली भाजपा, सवाल उठाने वाली कांग्रेस ही एनपीए संकट की सूत्रधार

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October 28, 2023
in ताज़ा समाचार
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खड़गे के आरोपों पर बोली भाजपा, सवाल उठाने वाली कांग्रेस ही एनपीए संकट की सूत्रधार
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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘डिफॉल्टर काल’ के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि इस देश में एनपीए संकट की सूत्रधार कांग्रेस ही रही है और देश की जनता 2024 में भाजपा को वोट देकर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को जवाब देगी।

खड़गे के एक्स पर किए गए पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “यह दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य, जो भारत के एनपीए संकट के सूत्रधार हैं, अपने द्वारा रची गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस रखते हैं।”

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मालवीय ने कई तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस हमें यह विश्वास दिलाएगी कि एनपीए संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कई समस्याग्रस्त ऋण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के दौर में ही दिए गए थे, यूपीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों पर ऋण देने के लिए भारी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस के करीबी अयोग्य कंपनियों और व्यापारियों को बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना कुछ गिरवी रखे सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया।

कांग्रेस के शासन के दौरान, इन ऋणों को छुपाया जाता रहा और मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसका पता तब चला जब 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) शुरू की गई। मोदी सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की 4आर रणनीति के कारण यूपीए सरकार के कार्यकाल की इन छिपी हुई एनपीए की स्थिति में सुधार हुआ।

मालवीय ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे छुपाने की कांग्रेस की रणनीति अपनाने के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से एनपीए समस्या का सामना किया और हल किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) को मजबूत किया, दिवाला और दिवालियापन संहिता को पारित किया, बेहतर ऋण वसूली के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान किया गया, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। यहां तक कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम 2018 पारित किया गया।

राइट-ऑफ के बारे में भी कांग्रेस नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मालवीय ने कहा कि बट्टे खाते में डालना छूट नहीं है। बैंक डिफॉल्ट के मामलों को वसूली के लिए कानूनी फोरम में आगे बढ़ाते हैं। पिछले 9 वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कदमों के कारण आज सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अब लाभ में है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसलिए, आधारहीन आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को शायद अपनी विरासत पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में, ये बैड ऋण बढ़े और अब विडंबना देखिए कि वही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की जनता गड़बड़ी पैदा करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों की बजाय भाजपा को वोट देकर अपना जवाब देगी।

–आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘डिफॉल्टर काल’ के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि इस देश में एनपीए संकट की सूत्रधार कांग्रेस ही रही है और देश की जनता 2024 में भाजपा को वोट देकर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को जवाब देगी।

खड़गे के एक्स पर किए गए पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “यह दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य, जो भारत के एनपीए संकट के सूत्रधार हैं, अपने द्वारा रची गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस रखते हैं।”

मालवीय ने कई तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस हमें यह विश्वास दिलाएगी कि एनपीए संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कई समस्याग्रस्त ऋण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के दौर में ही दिए गए थे, यूपीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों पर ऋण देने के लिए भारी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस के करीबी अयोग्य कंपनियों और व्यापारियों को बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना कुछ गिरवी रखे सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया।

कांग्रेस के शासन के दौरान, इन ऋणों को छुपाया जाता रहा और मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसका पता तब चला जब 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) शुरू की गई। मोदी सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की 4आर रणनीति के कारण यूपीए सरकार के कार्यकाल की इन छिपी हुई एनपीए की स्थिति में सुधार हुआ।

मालवीय ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे छुपाने की कांग्रेस की रणनीति अपनाने के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से एनपीए समस्या का सामना किया और हल किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) को मजबूत किया, दिवाला और दिवालियापन संहिता को पारित किया, बेहतर ऋण वसूली के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान किया गया, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। यहां तक कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम 2018 पारित किया गया।

राइट-ऑफ के बारे में भी कांग्रेस नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मालवीय ने कहा कि बट्टे खाते में डालना छूट नहीं है। बैंक डिफॉल्ट के मामलों को वसूली के लिए कानूनी फोरम में आगे बढ़ाते हैं। पिछले 9 वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कदमों के कारण आज सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अब लाभ में है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसलिए, आधारहीन आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को शायद अपनी विरासत पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में, ये बैड ऋण बढ़े और अब विडंबना देखिए कि वही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की जनता गड़बड़ी पैदा करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों की बजाय भाजपा को वोट देकर अपना जवाब देगी।

–आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘डिफॉल्टर काल’ के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि इस देश में एनपीए संकट की सूत्रधार कांग्रेस ही रही है और देश की जनता 2024 में भाजपा को वोट देकर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को जवाब देगी।

खड़गे के एक्स पर किए गए पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “यह दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य, जो भारत के एनपीए संकट के सूत्रधार हैं, अपने द्वारा रची गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस रखते हैं।”

मालवीय ने कई तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस हमें यह विश्वास दिलाएगी कि एनपीए संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कई समस्याग्रस्त ऋण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के दौर में ही दिए गए थे, यूपीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों पर ऋण देने के लिए भारी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस के करीबी अयोग्य कंपनियों और व्यापारियों को बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना कुछ गिरवी रखे सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया।

कांग्रेस के शासन के दौरान, इन ऋणों को छुपाया जाता रहा और मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसका पता तब चला जब 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) शुरू की गई। मोदी सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की 4आर रणनीति के कारण यूपीए सरकार के कार्यकाल की इन छिपी हुई एनपीए की स्थिति में सुधार हुआ।

मालवीय ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे छुपाने की कांग्रेस की रणनीति अपनाने के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से एनपीए समस्या का सामना किया और हल किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) को मजबूत किया, दिवाला और दिवालियापन संहिता को पारित किया, बेहतर ऋण वसूली के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान किया गया, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। यहां तक कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम 2018 पारित किया गया।

राइट-ऑफ के बारे में भी कांग्रेस नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मालवीय ने कहा कि बट्टे खाते में डालना छूट नहीं है। बैंक डिफॉल्ट के मामलों को वसूली के लिए कानूनी फोरम में आगे बढ़ाते हैं। पिछले 9 वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कदमों के कारण आज सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अब लाभ में है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसलिए, आधारहीन आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को शायद अपनी विरासत पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में, ये बैड ऋण बढ़े और अब विडंबना देखिए कि वही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की जनता गड़बड़ी पैदा करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों की बजाय भाजपा को वोट देकर अपना जवाब देगी।

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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘डिफॉल्टर काल’ के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि इस देश में एनपीए संकट की सूत्रधार कांग्रेस ही रही है और देश की जनता 2024 में भाजपा को वोट देकर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को जवाब देगी।

खड़गे के एक्स पर किए गए पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “यह दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य, जो भारत के एनपीए संकट के सूत्रधार हैं, अपने द्वारा रची गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस रखते हैं।”

मालवीय ने कई तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस हमें यह विश्वास दिलाएगी कि एनपीए संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कई समस्याग्रस्त ऋण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के दौर में ही दिए गए थे, यूपीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों पर ऋण देने के लिए भारी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस के करीबी अयोग्य कंपनियों और व्यापारियों को बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना कुछ गिरवी रखे सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया।

कांग्रेस के शासन के दौरान, इन ऋणों को छुपाया जाता रहा और मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसका पता तब चला जब 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) शुरू की गई। मोदी सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की 4आर रणनीति के कारण यूपीए सरकार के कार्यकाल की इन छिपी हुई एनपीए की स्थिति में सुधार हुआ।

मालवीय ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे छुपाने की कांग्रेस की रणनीति अपनाने के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से एनपीए समस्या का सामना किया और हल किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) को मजबूत किया, दिवाला और दिवालियापन संहिता को पारित किया, बेहतर ऋण वसूली के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान किया गया, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। यहां तक कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम 2018 पारित किया गया।

राइट-ऑफ के बारे में भी कांग्रेस नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मालवीय ने कहा कि बट्टे खाते में डालना छूट नहीं है। बैंक डिफॉल्ट के मामलों को वसूली के लिए कानूनी फोरम में आगे बढ़ाते हैं। पिछले 9 वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कदमों के कारण आज सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अब लाभ में है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसलिए, आधारहीन आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को शायद अपनी विरासत पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में, ये बैड ऋण बढ़े और अब विडंबना देखिए कि वही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की जनता गड़बड़ी पैदा करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों की बजाय भाजपा को वोट देकर अपना जवाब देगी।

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खड़गे के एक्स पर किए गए पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “यह दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य, जो भारत के एनपीए संकट के सूत्रधार हैं, अपने द्वारा रची गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस रखते हैं।”

मालवीय ने कई तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस हमें यह विश्वास दिलाएगी कि एनपीए संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कई समस्याग्रस्त ऋण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के दौर में ही दिए गए थे, यूपीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों पर ऋण देने के लिए भारी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस के करीबी अयोग्य कंपनियों और व्यापारियों को बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना कुछ गिरवी रखे सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया।

कांग्रेस के शासन के दौरान, इन ऋणों को छुपाया जाता रहा और मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसका पता तब चला जब 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) शुरू की गई। मोदी सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की 4आर रणनीति के कारण यूपीए सरकार के कार्यकाल की इन छिपी हुई एनपीए की स्थिति में सुधार हुआ।

मालवीय ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे छुपाने की कांग्रेस की रणनीति अपनाने के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से एनपीए समस्या का सामना किया और हल किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) को मजबूत किया, दिवाला और दिवालियापन संहिता को पारित किया, बेहतर ऋण वसूली के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान किया गया, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। यहां तक कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम 2018 पारित किया गया।

राइट-ऑफ के बारे में भी कांग्रेस नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मालवीय ने कहा कि बट्टे खाते में डालना छूट नहीं है। बैंक डिफॉल्ट के मामलों को वसूली के लिए कानूनी फोरम में आगे बढ़ाते हैं। पिछले 9 वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कदमों के कारण आज सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अब लाभ में है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसलिए, आधारहीन आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को शायद अपनी विरासत पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में, ये बैड ऋण बढ़े और अब विडंबना देखिए कि वही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की जनता गड़बड़ी पैदा करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों की बजाय भाजपा को वोट देकर अपना जवाब देगी।

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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘डिफॉल्टर काल’ के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि इस देश में एनपीए संकट की सूत्रधार कांग्रेस ही रही है और देश की जनता 2024 में भाजपा को वोट देकर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को जवाब देगी।

खड़गे के एक्स पर किए गए पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “यह दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य, जो भारत के एनपीए संकट के सूत्रधार हैं, अपने द्वारा रची गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस रखते हैं।”

मालवीय ने कई तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस हमें यह विश्वास दिलाएगी कि एनपीए संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कई समस्याग्रस्त ऋण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के दौर में ही दिए गए थे, यूपीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों पर ऋण देने के लिए भारी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस के करीबी अयोग्य कंपनियों और व्यापारियों को बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना कुछ गिरवी रखे सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया।

कांग्रेस के शासन के दौरान, इन ऋणों को छुपाया जाता रहा और मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसका पता तब चला जब 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) शुरू की गई। मोदी सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की 4आर रणनीति के कारण यूपीए सरकार के कार्यकाल की इन छिपी हुई एनपीए की स्थिति में सुधार हुआ।

मालवीय ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे छुपाने की कांग्रेस की रणनीति अपनाने के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से एनपीए समस्या का सामना किया और हल किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) को मजबूत किया, दिवाला और दिवालियापन संहिता को पारित किया, बेहतर ऋण वसूली के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान किया गया, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। यहां तक कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम 2018 पारित किया गया।

राइट-ऑफ के बारे में भी कांग्रेस नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मालवीय ने कहा कि बट्टे खाते में डालना छूट नहीं है। बैंक डिफॉल्ट के मामलों को वसूली के लिए कानूनी फोरम में आगे बढ़ाते हैं। पिछले 9 वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कदमों के कारण आज सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अब लाभ में है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसलिए, आधारहीन आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को शायद अपनी विरासत पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में, ये बैड ऋण बढ़े और अब विडंबना देखिए कि वही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की जनता गड़बड़ी पैदा करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों की बजाय भाजपा को वोट देकर अपना जवाब देगी।

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खड़गे के एक्स पर किए गए पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “यह दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य, जो भारत के एनपीए संकट के सूत्रधार हैं, अपने द्वारा रची गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस रखते हैं।”

मालवीय ने कई तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस हमें यह विश्वास दिलाएगी कि एनपीए संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कई समस्याग्रस्त ऋण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के दौर में ही दिए गए थे, यूपीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों पर ऋण देने के लिए भारी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस के करीबी अयोग्य कंपनियों और व्यापारियों को बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना कुछ गिरवी रखे सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया।

कांग्रेस के शासन के दौरान, इन ऋणों को छुपाया जाता रहा और मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसका पता तब चला जब 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) शुरू की गई। मोदी सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की 4आर रणनीति के कारण यूपीए सरकार के कार्यकाल की इन छिपी हुई एनपीए की स्थिति में सुधार हुआ।

मालवीय ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे छुपाने की कांग्रेस की रणनीति अपनाने के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से एनपीए समस्या का सामना किया और हल किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) को मजबूत किया, दिवाला और दिवालियापन संहिता को पारित किया, बेहतर ऋण वसूली के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान किया गया, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। यहां तक कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम 2018 पारित किया गया।

राइट-ऑफ के बारे में भी कांग्रेस नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मालवीय ने कहा कि बट्टे खाते में डालना छूट नहीं है। बैंक डिफॉल्ट के मामलों को वसूली के लिए कानूनी फोरम में आगे बढ़ाते हैं। पिछले 9 वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कदमों के कारण आज सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अब लाभ में है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसलिए, आधारहीन आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को शायद अपनी विरासत पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में, ये बैड ऋण बढ़े और अब विडंबना देखिए कि वही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की जनता गड़बड़ी पैदा करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों की बजाय भाजपा को वोट देकर अपना जवाब देगी।

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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के ‘डिफॉल्टर काल’ के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि इस देश में एनपीए संकट की सूत्रधार कांग्रेस ही रही है और देश की जनता 2024 में भाजपा को वोट देकर कांग्रेस और उसके सहयोगियों को जवाब देगी।

खड़गे के एक्स पर किए गए पोस्ट पर रिप्लाई करते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, “यह दिलचस्प है कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य, जो भारत के एनपीए संकट के सूत्रधार हैं, अपने द्वारा रची गई आपदा के समाधान पर सवाल उठाने का दुस्साहस रखते हैं।”

मालवीय ने कई तथ्यों और आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस हमें यह विश्वास दिलाएगी कि एनपीए संकट के लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार है, लेकिन कांग्रेस के सहयोगी, पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कई समस्याग्रस्त ऋण कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के दौर में ही दिए गए थे, यूपीए सरकार के कार्यकाल में बैंकों पर ऋण देने के लिए भारी राजनीतिक दबाव था और वे इतने लापरवाह थे कि उन्होंने कांग्रेस के करीबी अयोग्य कंपनियों और व्यापारियों को बिना किसी जांच-पड़ताल और बिना कुछ गिरवी रखे सैकड़ों और हजारों करोड़ रुपये का ऋण दिया।

कांग्रेस के शासन के दौरान, इन ऋणों को छुपाया जाता रहा और मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इसका पता तब चला जब 2015 में संपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (एक्यूआर) शुरू की गई। मोदी सरकार की मान्यता, संकल्प, पुनर्पूंजीकरण और सुधार की 4आर रणनीति के कारण यूपीए सरकार के कार्यकाल की इन छिपी हुई एनपीए की स्थिति में सुधार हुआ।

मालवीय ने कहा कि मोदी सरकार ने इसे छुपाने की कांग्रेस की रणनीति अपनाने के बजाय बहादुरी और ईमानदारी से एनपीए समस्या का सामना किया और हल किया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को मजबूत करने के लिए 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया, ऋण वसूली न्यायाधिकरणों (डीआरटी) को मजबूत किया, दिवाला और दिवालियापन संहिता को पारित किया, बेहतर ऋण वसूली के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा प्रदान किया गया, जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए। यहां तक कि जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और आर्थिक अपराधियों को रोकने के लिए आर्थिक भगोड़ा अपराधी अधिनियम 2018 पारित किया गया।

राइट-ऑफ के बारे में भी कांग्रेस नेताओं के आरोपों को खारिज करते हुए मालवीय ने कहा कि बट्टे खाते में डालना छूट नहीं है। बैंक डिफॉल्ट के मामलों को वसूली के लिए कानूनी फोरम में आगे बढ़ाते हैं। पिछले 9 वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है।

उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में एनडीए सरकार के परिवर्तनकारी कदमों के कारण आज सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंक अब लाभ में है। भाजपा नेता ने आगे कहा कि इसलिए, आधारहीन आरोप लगाने से पहले, कांग्रेस को शायद अपनी विरासत पर विचार करना चाहिए। कांग्रेस के शासनकाल में, ये बैड ऋण बढ़े और अब विडंबना देखिए कि वही कांग्रेस अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रहा है।

उन्होंने कहा कि 2024 में भारत की जनता गड़बड़ी पैदा करने वाली कांग्रेस और उसके सहयोगियों की बजाय भाजपा को वोट देकर अपना जवाब देगी।

–आईएएनएस

एसटीपी/एबीएम

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