कोलकाता, 17 जनवरी (आईएएनएस)। कलकत्ता हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ ने पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले में संलिप्तता को लेकर सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक और पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीपीई) के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
भट्टाचार्य फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने जुर्माना लगाते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है कि ऐसा व्यक्ति डब्ल्यूबीबीपीई का प्रमुख कैसे हो सकता है।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह भी निर्देश दिया कि भट्टाचार्य को प्रेसीडेंसी सेंट्रल करेक्शनल होम में वित्तीय दंड का नोटिस दिया जाए, जहां उन्हें अभी रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि डब्ल्यूबीबीपीई के पूर्व अध्यक्ष को नोटिस दिए जाने के 15 दिनों के भीतर जुर्माने की राशि अदालत में जमा कराने की व्यवस्था करनी होगी।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने माला रानी पाल द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया, जो 2014 में प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रवेश परीक्षा में शामिल हुई थी।
अपनी याचिका में पाल ने आरोप लगाया कि उसे अभी तक सूचित नहीं किया गया है कि वह परीक्षा में योग्य है या नहीं। उसने यह भी आरोप लगाया कि चूंकि उसे 2014 में अपनी स्थिति के बारे में पता नहीं था, इसलिए वह 2016 और 2020 में इसी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकी, जिसके बाद उसकी आयु सीमा समाप्त हो गई।
न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने वित्तीय दंड का आदेश देते हुए कहा, प्रत्येक परीक्षार्थी को परीक्षा के परिणाम जानने का अधिकार है। लेकिन दुर्भाग्य से इस मामले में ऐसा नहीं हुआ, क्योंकि डब्ल्यूबीबीपीई का नेतृत्व एक ऐसे व्यक्ति ने किया था।
मामले की अगली सुनवाई 30 जनवरी को होगी।
–आईएएनएस
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