नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने सरकार और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों से सड़क सुरक्षा अभियान के तहत पर्यावरण को जोड़ने का आग्रह किया है, क्योंकि सड़कों पर वाहनों के आवागमन से वायु प्रदूषण बढ़ता है, जो मानव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
उन्होंने कहा, सड़क के बुनियादी ढांचे की मांग हर दिन बढ़ रही है। राष्ट्रीय राजधानी सहित विभिन्न राज्यों में सड़कों की क्षमता का अनुपात सड़कों पर वाहनों की संख्या से मेल नहीं खाता है, जिसके परिणामस्वरूप ट्रैफिक जाम लगता है और वायु प्रदूषण बढ़ता है, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
गोयल ने फास्ट-ट्रैकिंग रोड सेफ्टी थ्रू 5ईएस पर एक दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा, सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों की संख्या के अलावा, प्रदूषण से होने वाली मौतों को भी संबंधित अधिकारियों और सड़क सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए।
अंतर्राष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) के इंडिया चैप्टर द्वारा आयोजित सड़क सुरक्षा सप्ताह मंगलवार को संपन्न हुआ।
गोयल ने कहा, एक शहर में सड़कों की क्षमता के अनुपात में वाहनों की संख्या की अनुमति देने का प्रश्न नियोजन का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिस पर पर्यावरण के व्यापक हित में नीति का पता लगाने की जरूरत है, विशेष रूप से उन शहरों या क्षेत्रों के लिए जहां वायु गुणवत्ता मानदंडों के अनुरूप नहीं है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में सड़क विकास महानिदेशक पी.वी.वी.एस. रवि प्रसाद ने सम्मेलन में कहा, सड़क सुरक्षा और राजमार्ग निर्माण आपस में जुड़े हुए हैं। बढ़ते खतरे से निपटने और एक साथ निपटने की जरूरत है। देश में सड़क विकास के तेजी से बदलते लक्ष्य के कारण, सड़क सुरक्षा पीछे हट रही है। इसके अलावा, अधिकांश सड़क निर्माण परियोजनाएं भारत में हैं। कुछ ग्रीनफील्ड परियोजनाओं को छोड़कर देश रेट्रोफिटिंग कर रहा है।
आईआरएफ के इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष सतीश पारेख ने कहा, इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) का इंडिया चैप्टर दुर्घटनाओं को कम करने की अपनी पहल के हिस्से के रूप में इस सेमिनार का आयोजन कर रहा है, क्योंकि देश में सड़क नेटवर्क के विस्तार और परिवहन के विकास में जबरदस्त विकास और निरंतर वृद्धि हुई है। यह स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन, सड़क सुरक्षा पहल और दुर्घटना रोकथाम उपायों के माध्यम से यातायात संबंधी मुद्दों को दूर करने के लिए समाधान खोजने और नई नीतियों और रणनीतियों को निर्धारित करना तेजी से महत्वपूर्ण हो गया है।
–आईएएनएस
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