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Home Today's Special News

डीजीसीए ने एयरलाइंस से कहा- पालतू जानवरों को फ्लाइट में ले जाने पर पॉलिसी तैयार करें

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January 17, 2023
in Today's Special News, अभिमत, इंदौर, उज्जैन, खेल, ग्वालियर, चंबल, जबलपुर, जानकारी, तकनीकी, ताज़ा समाचार, नर्मदापुरम, ब्लॉग, भोपाल, मनोरंजन, रीवा, लाइफ स्टाइल, विचार, शहडोल, सागर
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डीजीसीए ने एयरलाइंस से कहा- पालतू जानवरों को फ्लाइट में ले जाने पर पॉलिसी तैयार करें
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नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइनों से कहा है कि वह फ्लाइट में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए एक नीति (पॉलिसी) तैयार करें और यात्रियों की बेहतर समझ के लिए इसे अपनी वेबसाइटों पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें।

नियामक के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने अभी तक यात्री डिब्बे में पालतू जानवर ले जाने के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।

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यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी एयरलाइंस को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए अपनी संबंधित नीतियां बनाने की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर में विमानन सुरक्षा नियामकों ने केबिन के अंदर पालतू जानवरों ले जाने के लिए कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने अपनी एयरलाइनों को इसके लिए संबंधित प्रक्रियाएं विकसित करने की अनुमति दी है।

डीजीसीए ने कहा- इसी तरह, विमान नियम, 1937 के नियम 24सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, डीजीसीए ने एयरलाइनों को 1985 के एआईसी 9 में निर्दिष्ट सामान्य शर्तों के पालन के अधीन विमान में भारत से और भारत के भीतर, जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को ले जाने की अनुमति दी है।

आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त नियमों के दायरे में, एयरलाइनों को पालतू जानवरों को केबिन में ले जाने के लिए अपनी खुद की प्रक्रिया तैयार करने की अनुमति है चूंकि उड़ान की सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उड़ान के पायलट-इन-कमांड की होती है।

अधिकारी ने कहा, सभी एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि वह यात्रियों की बेहतर समझ के लिए पालतू जानवरों को ले जाने की नीति तैयार करें और इसे अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें। हाल ही में, एक एयरलाइन ने बेंगलुरु में एक परिवार के पालतू जानवर को उड़ान के अंदर अनुमति नहीं दी। एयरलाइन के अनुसार, फ्लाइट का कमांडर पालतू जानवर के पिंजरे और थूथन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं था, यही वजह है कि वह इसे केबिन में ले जाने की इजाजत नहीं दे सकता था।

एयरलाइन के अनुसार, घरेलू उड़ानों में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए निर्धारित नीति में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पालतू जानवरों को ले जाने की अनुमति उड़ान के कमांडर की मंजूरी के अधीन है।

–आईएएनएस

केसी/एएनएम

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नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइनों से कहा है कि वह फ्लाइट में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए एक नीति (पॉलिसी) तैयार करें और यात्रियों की बेहतर समझ के लिए इसे अपनी वेबसाइटों पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें।

नियामक के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने अभी तक यात्री डिब्बे में पालतू जानवर ले जाने के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।

यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी एयरलाइंस को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए अपनी संबंधित नीतियां बनाने की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर में विमानन सुरक्षा नियामकों ने केबिन के अंदर पालतू जानवरों ले जाने के लिए कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने अपनी एयरलाइनों को इसके लिए संबंधित प्रक्रियाएं विकसित करने की अनुमति दी है।

डीजीसीए ने कहा- इसी तरह, विमान नियम, 1937 के नियम 24सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, डीजीसीए ने एयरलाइनों को 1985 के एआईसी 9 में निर्दिष्ट सामान्य शर्तों के पालन के अधीन विमान में भारत से और भारत के भीतर, जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को ले जाने की अनुमति दी है।

आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त नियमों के दायरे में, एयरलाइनों को पालतू जानवरों को केबिन में ले जाने के लिए अपनी खुद की प्रक्रिया तैयार करने की अनुमति है चूंकि उड़ान की सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उड़ान के पायलट-इन-कमांड की होती है।

अधिकारी ने कहा, सभी एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि वह यात्रियों की बेहतर समझ के लिए पालतू जानवरों को ले जाने की नीति तैयार करें और इसे अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें। हाल ही में, एक एयरलाइन ने बेंगलुरु में एक परिवार के पालतू जानवर को उड़ान के अंदर अनुमति नहीं दी। एयरलाइन के अनुसार, फ्लाइट का कमांडर पालतू जानवर के पिंजरे और थूथन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं था, यही वजह है कि वह इसे केबिन में ले जाने की इजाजत नहीं दे सकता था।

एयरलाइन के अनुसार, घरेलू उड़ानों में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए निर्धारित नीति में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पालतू जानवरों को ले जाने की अनुमति उड़ान के कमांडर की मंजूरी के अधीन है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइनों से कहा है कि वह फ्लाइट में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए एक नीति (पॉलिसी) तैयार करें और यात्रियों की बेहतर समझ के लिए इसे अपनी वेबसाइटों पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें।

नियामक के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने अभी तक यात्री डिब्बे में पालतू जानवर ले जाने के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।

यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी एयरलाइंस को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए अपनी संबंधित नीतियां बनाने की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर में विमानन सुरक्षा नियामकों ने केबिन के अंदर पालतू जानवरों ले जाने के लिए कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने अपनी एयरलाइनों को इसके लिए संबंधित प्रक्रियाएं विकसित करने की अनुमति दी है।

डीजीसीए ने कहा- इसी तरह, विमान नियम, 1937 के नियम 24सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, डीजीसीए ने एयरलाइनों को 1985 के एआईसी 9 में निर्दिष्ट सामान्य शर्तों के पालन के अधीन विमान में भारत से और भारत के भीतर, जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को ले जाने की अनुमति दी है।

आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त नियमों के दायरे में, एयरलाइनों को पालतू जानवरों को केबिन में ले जाने के लिए अपनी खुद की प्रक्रिया तैयार करने की अनुमति है चूंकि उड़ान की सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उड़ान के पायलट-इन-कमांड की होती है।

अधिकारी ने कहा, सभी एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि वह यात्रियों की बेहतर समझ के लिए पालतू जानवरों को ले जाने की नीति तैयार करें और इसे अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें। हाल ही में, एक एयरलाइन ने बेंगलुरु में एक परिवार के पालतू जानवर को उड़ान के अंदर अनुमति नहीं दी। एयरलाइन के अनुसार, फ्लाइट का कमांडर पालतू जानवर के पिंजरे और थूथन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं था, यही वजह है कि वह इसे केबिन में ले जाने की इजाजत नहीं दे सकता था।

एयरलाइन के अनुसार, घरेलू उड़ानों में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए निर्धारित नीति में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पालतू जानवरों को ले जाने की अनुमति उड़ान के कमांडर की मंजूरी के अधीन है।

–आईएएनएस

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नई दिल्ली, 17 जनवरी (आईएएनएस)। विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने एयरलाइनों से कहा है कि वह फ्लाइट में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए एक नीति (पॉलिसी) तैयार करें और यात्रियों की बेहतर समझ के लिए इसे अपनी वेबसाइटों पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें।

नियामक के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने अभी तक यात्री डिब्बे में पालतू जानवर ले जाने के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।

यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी एयरलाइंस को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए अपनी संबंधित नीतियां बनाने की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर में विमानन सुरक्षा नियामकों ने केबिन के अंदर पालतू जानवरों ले जाने के लिए कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने अपनी एयरलाइनों को इसके लिए संबंधित प्रक्रियाएं विकसित करने की अनुमति दी है।

डीजीसीए ने कहा- इसी तरह, विमान नियम, 1937 के नियम 24सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, डीजीसीए ने एयरलाइनों को 1985 के एआईसी 9 में निर्दिष्ट सामान्य शर्तों के पालन के अधीन विमान में भारत से और भारत के भीतर, जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को ले जाने की अनुमति दी है।

आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त नियमों के दायरे में, एयरलाइनों को पालतू जानवरों को केबिन में ले जाने के लिए अपनी खुद की प्रक्रिया तैयार करने की अनुमति है चूंकि उड़ान की सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उड़ान के पायलट-इन-कमांड की होती है।

अधिकारी ने कहा, सभी एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि वह यात्रियों की बेहतर समझ के लिए पालतू जानवरों को ले जाने की नीति तैयार करें और इसे अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें। हाल ही में, एक एयरलाइन ने बेंगलुरु में एक परिवार के पालतू जानवर को उड़ान के अंदर अनुमति नहीं दी। एयरलाइन के अनुसार, फ्लाइट का कमांडर पालतू जानवर के पिंजरे और थूथन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं था, यही वजह है कि वह इसे केबिन में ले जाने की इजाजत नहीं दे सकता था।

एयरलाइन के अनुसार, घरेलू उड़ानों में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए निर्धारित नीति में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पालतू जानवरों को ले जाने की अनुमति उड़ान के कमांडर की मंजूरी के अधीन है।

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नियामक के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने अभी तक यात्री डिब्बे में पालतू जानवर ले जाने के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।

यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी एयरलाइंस को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए अपनी संबंधित नीतियां बनाने की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर में विमानन सुरक्षा नियामकों ने केबिन के अंदर पालतू जानवरों ले जाने के लिए कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने अपनी एयरलाइनों को इसके लिए संबंधित प्रक्रियाएं विकसित करने की अनुमति दी है।

डीजीसीए ने कहा- इसी तरह, विमान नियम, 1937 के नियम 24सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, डीजीसीए ने एयरलाइनों को 1985 के एआईसी 9 में निर्दिष्ट सामान्य शर्तों के पालन के अधीन विमान में भारत से और भारत के भीतर, जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को ले जाने की अनुमति दी है।

आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त नियमों के दायरे में, एयरलाइनों को पालतू जानवरों को केबिन में ले जाने के लिए अपनी खुद की प्रक्रिया तैयार करने की अनुमति है चूंकि उड़ान की सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उड़ान के पायलट-इन-कमांड की होती है।

अधिकारी ने कहा, सभी एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि वह यात्रियों की बेहतर समझ के लिए पालतू जानवरों को ले जाने की नीति तैयार करें और इसे अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें। हाल ही में, एक एयरलाइन ने बेंगलुरु में एक परिवार के पालतू जानवर को उड़ान के अंदर अनुमति नहीं दी। एयरलाइन के अनुसार, फ्लाइट का कमांडर पालतू जानवर के पिंजरे और थूथन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं था, यही वजह है कि वह इसे केबिन में ले जाने की इजाजत नहीं दे सकता था।

एयरलाइन के अनुसार, घरेलू उड़ानों में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए निर्धारित नीति में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पालतू जानवरों को ले जाने की अनुमति उड़ान के कमांडर की मंजूरी के अधीन है।

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नियामक के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) ने अभी तक यात्री डिब्बे में पालतू जानवर ले जाने के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है।

यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी एयरलाइंस को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए अपनी संबंधित नीतियां बनाने की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर में विमानन सुरक्षा नियामकों ने केबिन के अंदर पालतू जानवरों ले जाने के लिए कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने अपनी एयरलाइनों को इसके लिए संबंधित प्रक्रियाएं विकसित करने की अनुमति दी है।

डीजीसीए ने कहा- इसी तरह, विमान नियम, 1937 के नियम 24सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, डीजीसीए ने एयरलाइनों को 1985 के एआईसी 9 में निर्दिष्ट सामान्य शर्तों के पालन के अधीन विमान में भारत से और भारत के भीतर, जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को ले जाने की अनुमति दी है।

आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त नियमों के दायरे में, एयरलाइनों को पालतू जानवरों को केबिन में ले जाने के लिए अपनी खुद की प्रक्रिया तैयार करने की अनुमति है चूंकि उड़ान की सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उड़ान के पायलट-इन-कमांड की होती है।

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यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी एयरलाइंस को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए अपनी संबंधित नीतियां बनाने की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर में विमानन सुरक्षा नियामकों ने केबिन के अंदर पालतू जानवरों ले जाने के लिए कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने अपनी एयरलाइनों को इसके लिए संबंधित प्रक्रियाएं विकसित करने की अनुमति दी है।

डीजीसीए ने कहा- इसी तरह, विमान नियम, 1937 के नियम 24सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, डीजीसीए ने एयरलाइनों को 1985 के एआईसी 9 में निर्दिष्ट सामान्य शर्तों के पालन के अधीन विमान में भारत से और भारत के भीतर, जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को ले जाने की अनुमति दी है।

आगे यह भी स्पष्ट किया जाता है कि उक्त नियमों के दायरे में, एयरलाइनों को पालतू जानवरों को केबिन में ले जाने के लिए अपनी खुद की प्रक्रिया तैयार करने की अनुमति है चूंकि उड़ान की सुरक्षा की अंतिम जिम्मेदारी उड़ान के पायलट-इन-कमांड की होती है।

अधिकारी ने कहा, सभी एयरलाइनों को सलाह दी जाती है कि वह यात्रियों की बेहतर समझ के लिए पालतू जानवरों को ले जाने की नीति तैयार करें और इसे अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रदर्शित करें। हाल ही में, एक एयरलाइन ने बेंगलुरु में एक परिवार के पालतू जानवर को उड़ान के अंदर अनुमति नहीं दी। एयरलाइन के अनुसार, फ्लाइट का कमांडर पालतू जानवर के पिंजरे और थूथन से पूरी तरह संतुष्ट नहीं था, यही वजह है कि वह इसे केबिन में ले जाने की इजाजत नहीं दे सकता था।

एयरलाइन के अनुसार, घरेलू उड़ानों में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए निर्धारित नीति में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि पालतू जानवरों को ले जाने की अनुमति उड़ान के कमांडर की मंजूरी के अधीन है।

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यूएस में फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने अपनी एयरलाइंस को केबिन में पालतू जानवरों को ले जाने के लिए अपनी संबंधित नीतियां बनाने की अनुमति दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दुनिया भर में विमानन सुरक्षा नियामकों ने केबिन के अंदर पालतू जानवरों ले जाने के लिए कोई विशेष नीति जारी नहीं की है और उन्होंने अपनी एयरलाइनों को इसके लिए संबंधित प्रक्रियाएं विकसित करने की अनुमति दी है।

डीजीसीए ने कहा- इसी तरह, विमान नियम, 1937 के नियम 24सी के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, डीजीसीए ने एयरलाइनों को 1985 के एआईसी 9 में निर्दिष्ट सामान्य शर्तों के पालन के अधीन विमान में भारत से और भारत के भीतर, जानवरों, पक्षियों और सरीसृपों को ले जाने की अनुमति दी है।

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