नई दिल्ली, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मिड और स्मॉल-कैप रैली आंशिक रूप से खुदरा निवेश से प्रेरित है और चूंकि इस व्यापक बाजार में मूल्यांकन अधिक है, इसलिए निवेशकों को कुछ सावधानी बरतनी होगी। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार ने ये बात कही है।
एसएंडपी 500 में 8-दिवसीय बढ़त का सिलसिला फेड प्रमुख जेरोम पॉवेल के एक कठोर बयान से रुक गया कि “फेड जरूरत पड़ने पर नीति को कड़ा करने में संकोच नहीं करेगा।”
उन्होंने कहा कि यह चिंता कि ‘दरें लंबे समय तक ऊंची रह सकती हैं’ शेयर बाजारों के लिए एक बाधा के रूप में बनी रहेगी, लेकिन इसे नीचे खींचने की संभावना नहीं है।
भारतीय बाजार की बनावट से संकेत मिलता है कि ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति काम करती रहेगी।
संवत 2080 में, आकर्षक मूल्यांकन और प्रभावशाली वृद्धि के कारण वित्तीय स्थिति अच्छा रहने की संभावना है। वित्तीय क्षेत्र में निरंतर एफआईआई बिकवाली, जो इस क्षेत्र को प्रभावित कर रही है, केवल अस्थायी होगी। उन्होंने कहा कि 2 साल की अवधि वाले निवेशकों के लिए, प्रमुख निजी बैंक और 3 या 4 पीएसयू बैंक अच्छे रिटर्न की संभावना दिखाते हैं।
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 135 अंक गिरकर 64,697 पर है। एमएंडएम 2 फीसदी से ज्यादा गिरावट के साथ टॉप पर है। टाइटन और एचसीएल टेक में 1 फीसदी की गिरावट है।
–आईएएनएस
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