इंफाल, 11 नवंबर (आईएएनएस)। राज्य सरकार की ‘शैक्षणिक लापरवाही’ के विरोध में शनिवार को मणिपुर के चुराचांदपुर में व्यावसायिक पाठ्यक्रम कर रहे हजारों छात्रों ने एक विरोध रैली आयोजित की।
संयुक्त छात्र निकाय (जेएसबी) ने कथित तौर पर मणिपुर सरकार द्वारा कुकी-ज़ो समुदाय के छात्रों के साथ भेदभाव के खिलाफ रैली का आयोजन किया।
रैली में जिले के विभिन्न निजी और सरकारी कॉलेजों और स्कूलों के हजारों छात्रों ने भाग लिया। विस्थापित मेडिकल, इंजीनियरिंग, नर्सिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के छात्रों ने आरोप लगाया कि वे अपनी पढ़ाई जारी रखने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने में विफल रही है।
छह महीने से अधिक समय से चली आ रही जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए छात्र सरकार से नजदीकी राज्यों में वैकल्पिक व्यवस्था की मांग कर रहे हैं, ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
आंदोलनकारी छात्रों ने दावा किया कि इंफाल में उनके समकक्ष छात्र बिना किसी समस्या के कक्षाएं ले रहे हैं और सेमेस्टर परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं।
छात्र दस्तावेजों, प्रमाणपत्रों, संपत्तियों, अध्ययन सामग्री और उनके सामान को जलाने सहित अपने अन्य मुद्दों पर प्रकाश डालते हैं। छात्र सीडीएस इन्फोटेक ऑनलाइन परीक्षा के माध्यम से ऑनलाइन परीक्षा फिर से शुरू करने की भी मांग कर रहे थे, जिसे 3 मई को हिंसा भड़कने के बाद बंद कर दिया गया था।
जेएसबी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक ज्ञापन भेजा, जिसमें अपनी मांगों और सामने आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डाला गया।
जेएसबी ने चुराचांदपुर जिले में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना, पहाड़ी जिलों में तकनीकी और अन्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना, पहाड़ी जिलों में स्थित संगठनों को आदिवासी सशक्तिकरण के लिए जनजातीय मामलों के मंत्रालय और अन्य मंत्रालयों के तहत धन और लाभ के वितरण की भी मांग की।
–आईएएनएस
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