मुंबई, 17 नवंबर (आईएएनएस)। न्यायमूर्ति संदीप शिंदे (सेवानिवृत्त) के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा नियुक्त समिति पात्र कुनबी-मराठों और मराठा-कुनबियों को जाति प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने के लिए महाराष्ट्र के तीन सप्ताह के दौरे पर जाएगी।
एक अधिकारी ने शुक्रवार को यहां बताया कि समिति सरकारी निर्देश के अनुसार राज्य के सभी राजस्व प्रभागों की यात्रा करेगी। इसकी शुरुआत 22 नवंबर को अमरावती डिवीजन से होगी। समिति नागपुर (23 नवंबर), कोल्हापुर-सांगली (28 नवंबर), पुणे (29 नवंबर), नासिक (2 दिसंबर), सिंधुदुर्ग-रत्नागिरी (11 दिसंबर), और कोंकण डिवीजन (14 दिसंबर) का भी दौरा करेगी।
यह घोषणा आज दोपहर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद की गई। समिति के शिवबा संगठन के नेता मनोज जरांगे-पाटिल द्वारा दिए गए 24 दिसंबर के अल्टीमेटम से पहले अपना काम पूरा करने की संभावना है।
बाद में, शिंदे ने मीडियाकर्मियों से कहा कि कुछ हलकों में आशंकाओं के विपरीत मराठा समुदाय को आरक्षण देने की योजना से मौजूदा ओबीसी कोटा प्रभावित नहीं होगा।
जरांगे-पाटिल वर्तमान में राज्य के कुछ जिलों के दौरे पर हैं और मराठा आरक्षण के लिए समर्थन जुटाने के लिए विशाल सार्वजनिक बैठकों को संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि वे 24 दिसंबर तक चुप रहेंगे। इसके बाद भी अगर सरकार आरक्षण की घोषणा करने में विफल रहती है, तो जालना में 29 अगस्त से शुरू हुए आंदोलन को और तेज कर देंगे। ढाई महीने से लंबे आंदोलन के दौरान वह दो बार भूख हड़ताल कर चुके हैं और विरोध-प्रदर्शनों का नेतृत्व किया है।
जरांगे-पाटिल ने एक सार्वजनिक रैली में सरकार पर कटाक्ष करते हुए दावा किया कि उनके आंदोलन के फलस्वरूप ही राज्य प्रशासन ने 70 वर्षों से अधिक समय तक ठंडे बस्ते में रखने के बाद कोटा मुद्दे पर काम करना शुरू कर दिया है।
–आईएएनएस
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