नई दिल्ली, 19 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली पुलिस ने एक फर्जी केमिस्ट को गिरफ्तार किया है, जिसने 40 से अधिक लोगों को दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 स्थित अग्रवाल मेडिकल सेंटर में सर्जरी के लिए भेजा था।
जांच से पता चला है कि अस्पताल में ‘डॉक्टरों’ ने आवश्यक डिग्री या प्राधिकार के बिना मरीजों पर चिकित्सा प्रक्रियाएं आजमाईं।
आरोपी की पहचान प्रह्लादपुर निवासी जुल्फिकार (42) के रूप में हुई है, जो संगम विहार में क्लिनिक-कम-मेडिसिन नाम से दुकान चलाता था।
पुलिस ने बताया कि जुल्फिकार बिना वैध लाइसेंस के होम्योपैथी और एलोपैथी दवाएं बेचता था।
मंगलवार को पुलिस ने अयोग्य व्यक्तियों द्वारा नियोजित सर्जरी के फर्जी सर्जरी नोट बनाने वाले नीरज अग्रवाल, उनकी पत्नी पूजा अग्रवाल, महेंद्र (पूर्व लैब तकनीशियन) और जसप्रीत को गिरफ्तार किया था।
पुलिस के अनुसार, चिकित्सा प्रक्रियाओं के दौरान और बाद में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि एक महिला मरीज ने उस अस्पताल में अपना गर्भाशय खो दिया।
पूछताछ करने पर जुल्फिकार ने पुलिस को बताया कि संगम विहार में कुछ लड़कों द्वारा बांटे गए कार्ड पर उसका नंबर लिखा होने के बाद उसने नीरज अग्रवाल से संपर्क किया।
डीसीपी (दक्षिण) ने चंदन चौधरी बताया, “नीरज अग्रवाल जुल्फिकार को उसके द्वारा रेफर किए गए प्रत्येक मरीज के लिए 35 प्रतिशत कमीशन देता था। जुल्फिकार ने पथरी निकालने या डिलीवरी जैसे ऑपरेशन की जरूरत वाले मरीजों को अग्रवाल के क्लिनिक में रेफर किया था।”
अग्रवाल से जुल्फिकार को भुगतान उसके मोबाइल नंबर से जुड़े फोन लेनदेन ऐप के जरिए किया गया था।
डीसीपी ने कहा, “उनका यह धंधा लगभग 5-6 वर्षों से चल रहा था। रेफर किए गए नए मरीज असगर अली थे, जिनकी दुर्भाग्य से इलाज के दौरान मौत हो गई।”
अधिकारी ने कहा, “असगर अली की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण लेप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टोमी की जटिलताओं के कारण रक्तस्रावी आघात बताया गया है।”
कुल मिलाकर, जुल्फिकार ने प्रसव, गर्भपात और पथरी के ऑपरेशन सहित विभिन्न उपचारों के लिए लगभग 40 से 50 मरीजों को अग्रवाल के पास भेजा।
चौधरी ने कहा, “अग्रवाल आमतौर पर प्रसव और पथरी के ऑपरेशन के लिए 15,000 से 20,000 रुपये और गर्भपात के लिए 5,000 से 6,000 रुपये लेता था।”
पुलिस के अनुसार, 10 अक्टूबर, 2022 को संगम विहार की एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई कि उसके पति ने 19 सितंबर, 2022 को अग्रवाल मेडिकल सेंटर में पित्ताशय की पथरी निकलवाई थी। शुरुआत में अग्रवाल ने दावा किया कि एक ‘प्रसिद्ध’ सर्जन – जसप्रीत सिंह – सर्जरी करेंगे। हालांकि, सर्जरी से ठीक पहले उन्हें बताया गया कि कुछ आपात स्थिति के कारण जसप्रीत सिंह ऑपरेशन नहीं करेंगे।
सर्जरी तब अग्रवाल और पूजा के साथ महेंद्र सिंह ने मिलकर की थी।
महिला ने अपनी शिकायत में कहा कि बाद में पता चला कि महेंद्र सिंह और पूजा फर्जी डॉक्टर हैं।
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसके पति को सर्जरी के बाद गंभीर दर्द का अनुभव हुआ और बेहोश हो जाने पर उसे सफदरजंग अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
चौधरी के मुताबिक, जांच में पता चला कि सर्जरी के दौरान जसप्रीत सिंह मौजूद नहीं था और अग्रवाल ने फर्जी दस्तावेज बनाए थे।
लापरवाही से मरीजों की मौत के लिए अग्रवाल मेडिकल सेंटर के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में सात शिकायतें दर्ज की गईं।
27 अक्टूबर, 2023 को एक अन्य मरीज जय नारायण की सर्जरी के बाद मौत हो गई। एक मेडिकल बोर्ड ने मेडिकल सेंटर में कमियां पाईं, जबकि आगे की जांच में अग्रवाल द्वारा बार-बार फर्जी दस्तावेज तैयार करने का खुलासा हुआ।
–आईएएनएस
एसजीके