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Home खेल

महिला बने ट्रांसजेंडर की महिला क्रिकेट में भागीदारी पर आईसीसी ने लगाया प्रतिबंध

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November 21, 2023
in खेल
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महिला बने ट्रांसजेंडर की महिला क्रिकेट में भागीदारी पर आईसीसी ने लगाया प्रतिबंध
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दुबई, 21 नवंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों और पुरुष से महिला में लिंग परिवर्तन उपचार कराने वाली खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया।

आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

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खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

–आईएएनएस

एएमजे/आरआर

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दुबई, 21 नवंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों और पुरुष से महिला में लिंग परिवर्तन उपचार कराने वाली खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया।

आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

–आईएएनएस

एएमजे/आरआर

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दुबई, 21 नवंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों और पुरुष से महिला में लिंग परिवर्तन उपचार कराने वाली खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया।

आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

–आईएएनएस

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

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मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

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मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

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खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

–आईएएनएस

एएमजे/आरआर

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दुबई, 21 नवंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों और पुरुष से महिला में लिंग परिवर्तन उपचार कराने वाली खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया।

आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

–आईएएनएस

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दुबई, 21 नवंबर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों और पुरुष से महिला में लिंग परिवर्तन उपचार कराने वाली खिलाड़ियों को भाग लेने की अनुमति नहीं देने का फैसला किया।

आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

–आईएएनएस

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

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मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

–आईएएनएस

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

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मैच अधिकारियों के लिए वेतन-समानता

मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

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आईसीसी बोर्ड द्वारा अंतर्राष्ट्रीय खेल के लिए नए जेंडर नियमों को मंजूरी देने के बाद किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन को प्राप्त करने वाले किसी भी व्यक्ति को अनुमति नहीं देने का निर्णय प्रभावी हुआ।

खेल के हितधारकों के साथ 9 महीने की परामर्श प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया गया।

नई नीति निम्नलिखित सिद्धांतों (प्राथमिकता के क्रम में), महिलाओं के खेल की अखंडता की सुरक्षा, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेशन पर आधारित है।

आईसीसी ने मंगलवार को एक विज्ञप्ति में कहा, “इसका मतलब है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी जो किसी भी प्रकार के पुरुष यौवन से गुजर चुके हैं, वे किसी भी सर्जरी या लिंग परिवर्तन उपचार के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे।”

समीक्षा, जिसका नेतृत्व डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति ने किया था। पूरी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है। जबकि, घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता प्रत्येक व्यक्तिगत सदस्य बोर्ड का मामला है, जो स्थानीय स्तर पर प्रभावित हो सकता है।

मंगलवार को आईसीसी की विज्ञप्ति में कहा गया कि नियमों की दो साल के भीतर समीक्षा की जाएगी।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी ज्योफ एलार्डिस ने कहा, “लिंग पात्रता नियमों में बदलाव एक व्यापक परामर्श प्रक्रिया के परिणामस्वरूप हुए और विज्ञान पर आधारित हैं और समीक्षा के दौरान विकसित किए गए मूल सिद्धांतों के अनुरूप हैं। एक खेल के रूप में समावेशिता हमारे लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है। लेकिन हमारी प्राथमिकता अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा की रक्षा करना था।

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मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की समिति (सीईसी) ने महिला मैच अधिकारियों के विकास में तेजी लाने के लिए एक योजना का समर्थन किया। जिसमें पुरुष और महिला क्रिकेट में आईसीसी अंपायरों के लिए मैच दिवस के वेतन को बराबर करना और जनवरी 2024 से प्रत्येक आईसीसी महिला चैम्पियनशिप श्रृंखला में एक तटस्थ अंपायर सुनिश्चित करना शामिल है।

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