लखनऊ, 24 नवंबर (आईएएनएस)। काशी, अयोध्या के बाद अब कान्हा की धरती में विकास की नई तस्वीर दिखाई देगी। लोकसभा चुनाव में भाजपा इसे सियासी केंद्र के रूप में उभार कर नए हथियार के रूप में प्रयोग कर सकती है। इसके संकेत पीएम मोदी ने दे दिए हैं।
सियासत के जानकर कहते हैं कि नरेंद्र मोदी ने चुनाव जीतने के बाद काशी में बाबा विश्वनाथ का भव्य और दिव्य धाम बनाए जाने का काम शुरू किया था। दूसरे कार्यकाल में उसकी गूंज बहुत दूर तक सुनाई दे रही है। अब अयोध्या में रामलला वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अपने मंदिर में विराजमान होने वाले हैं। ऐसे में मथुरा का मुद्दा भी बार-बार उठ रहा है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ब्रज में विकास कार्य तेजी से शुरू हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस क्षेत्र को जो मिलना चाहिए था वो आजादी के बाद भी नहीं मिला। मैंने लालकिले के प्राचीर से एलान किया था कि मथुरा और ब्रज विकास की दौड़ में पीछे नहीं रहेंगे। भगवान के दर्शन और भी भव्य और दिव्य होंगे। पूरा क्षेत्र कान्हा की लीला से जुड़ा है। अलग-अलग राज्यों से लोग यहां आते हैं। केंद्र सबको जोड़कर विकास करेगा। जहां महाभारत होती है, वहां कृष्ण का आशीर्वाद होता है। हम इसी आशीर्वाद से विकास करेंगे।
राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी अपने एजेंडे में शामिल धार्मिक धरोहरों पर केंद्रित है। पीएम भी इस बात का ख्याल रखते हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मथुरा का उनका यह चौथा दौरा है। दौरे की खासियत ये है कि वह पहली बार श्रीकृष्ण जन्मस्थान दर्शन के लिए गए। यही नहीं, वह श्रीकृष्ण जन्मस्थान पहुंचने वाले पहले पीएम बने। उन्होंने 2024 की सियासी पारी के लिए एक बड़ी लकीर खींच दी है। संकेत दिया की काशी में बाबा विश्वनाथ कारिडोर बनने और अयोध्या में रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद पीएम मोदी का मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान के विकास पर फोकस किया है।
पांडेय ने कहा कि हिंदू संगठन लगातार अयोध्या के साथ काशी विश्वनाथ और मथुरा के पुनरुद्धार की आवाज उठाते रहे हैं। राम मंदिर का पुनरुद्धार संगठनों की अपेक्षाओं की अनुरूप हो रहा है। अयोध्या में राम मंदिर के बाद मथुरा के विकास की बात कर हिन्दुत्व को धार देने का काम किया है।
–आईएएनएस
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