जयपुर, 21 जनवरी (आईएएनएस)। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को कॉलेज के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान कहा कि उन्हें कोरोना कहा जाता है।
पायलट महाराजा कॉलेज में पुस्तकालय के उद्घाटन समारोह के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम लिए बगैर खूब व्यंग्यात्मक टिप्पणी भी की।
उन्होंने कहा, राजनीति में मैंने अपने दिवंगत पिता से बहुत कुछ देखा और सीखा है। राजनीतिक क्षेत्र में मैंने उन्हें बड़ों पर जीत हासिल करते हुए देखा है। जब आप जनभावना पर मुद्दों पर खड़े होते हैं तो लोग ताली बजाते हैं। दूसरों का अपमान करना और छोटी-छोटी बातें कहना अच्छी बात नहीं है। आप सभी जानते हैं कि मेरे बारे में क्या कहा गया।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें पायलट महाराजा कॉलेज में छात्रों के साथ बातचीत करते नजर आ रहे हैं। पायलट छात्रों से पूछते हैं: मेरे बारे में क्या कहा गया था? छात्रों ने ऊंची आवाज में कहा कोरोना। पायलट फिर पूछते हैं: मुझे बताओ कि मेरे बारे में पहले क्या कहा गया था? जवाब आया निक्कमा।
पायलट आगे युवाओं से पूछते नजर आते हैं: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए क्या आपको मेहनत में कोई कमी नजर आई? संघर्ष में कोई कमी नजर आई? युवाओं ने हर बार नहीं जवाब दिया। वीडियो कई लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है, टिप्पणियों को मुख्यमंत्री गहलोत पर अप्रत्यक्ष हमला माना जा रहा है।
गुरुवार को कर्मचारी संगठनों के साथ सीएम गहलोत की बजट पूर्व बातचीत का एक वीडियो सामने आया जिसमें उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता पायलट का नाम लिए बगैर अपने जूनियर पार्टी सहयोगी की तुलना कोरोना से कर दी।
बुधवार को बातचीत के दौरान जब संविदा कर्मचारियों के नेता शमशेर खान ने मुख्यमंत्री से किसी से न मिलने की शिकायत की तो गहलोत ने टोकते हुए कहा, तुम ठीक कह रहे हो..पर अब मिलना शुरू हो गया है, पिछले सोमवार को मिला था। हुआ ये था कि हमारी पार्टी के अंदर कोरोना पहले आया और फिर बड़ा कोरोना आ गया।
उन्होंने कहा- पिछले पांच दिनों से मैंने केवल मुद्दों पर भाषण दिया है। किसी के खिलाफ कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाया गया है। व्यक्तिगत आलोचना करना, गाली देना और कठोर शब्द बोलना बहुत आसान है। 32 दांतों के पीछे बिना हड्डी वाली जीभ का संतुलन और इस्तेमाल करना बहुत जरूरी है। मुंह से निकली बात कभी वापस नहीं आती।
पायलट ने आगे कहा, इस पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। इसे मजबूत करने के लिए हम लगातार काम करें। पहली बार 2014 में राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया। उस वक्त हमारे पास सिर्फ 21 विधायक रह गए थे। लेकिन हमने साथ काम किया है।
–आईएएनएस
केसी/एएनएम