तेल अवीव, 9 दिसंबर (आईएएनएस)। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि इजरायली सेना घायल फिलिस्तीनियों को अस्पतालों में ले जाने की अनुमति नहीं दे रही है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता अशरफ अल क़ेदरा ने कहा कि इज़रायली सेना उन क्षेत्रों से घायलों और शहीदों को निकालने के लिए एम्बुलेंस के आगमन को रोक रही है, जहां उसके सैन्य बल मौजूद हैं। घायलों का खून बह रहा है और उन्हें अस्पताल ले जाने की अनुमति नहीं है।
आईडीएफ स्कूलों और आवासीय इलाकों में पूरे परिवारों का नरसंहार कर रहा है। बयान में कहा गया है कि पिछले घंटों के दौरान केवल 313 लोगों के शव और केवल 558 घायल लोग ही अस्पतालों में पहुंचे और बड़ी संख्या में पीड़ित अभी भी मलबे के नीचे और सड़कों पर हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि इजरायली आक्रमण की शुरुआत के बाद से इजरायली आक्रमण में मरने वालों की संख्या बढ़कर 17,487 हो गई है। इजरायली आक्रमण के शिकार 70 फीसदी बच्चे और महिलाएं हैं।
इजरायली सेना अभी भी गाजा पट्टी से 36 स्वास्थ्य कर्मियों को गिरफ्तार कर रही थी, जिसमें अल-शिफा अस्पताल के महानिदेशक डॉ. मुहम्मद अबू सल्मिया भी शामिल हैं।
मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा, दक्षिण में स्वास्थ्य की स्थिति बेहद विनाशकारी है। अस्पतालों ने विभागों और गहन देखभाल में अपनी क्षमता खो दी है। वहां ऑक्युपेंसी 262 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
बयान में कहा गया है कि ब्लड बैंकों ने बल्ड यूनिटों के लिए वायरस परीक्षण खो दिया है, और बल्ड यूनिटों को परीक्षण के बिना स्थानांतरित किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा, हम अंतरराष्ट्रीय संस्थानों से उत्तरी गाजा में शिफा मेडिकल कॉम्प्लेक्स और अस्पतालों को सुरक्षा, दवाएं और ईंधन प्रदान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का आह्वान करते हैं ताकि चिकित्सा टीमें उन्हें फिर से शुरू कर सकें और घायलों और बीमारों को बचा सकें।
बयान में सभी पक्षों से चिकित्सा आपूर्ति और ईंधन के प्रवाह और प्रतिदिन सैकड़ों घायलों के बाहर निकलने को सुनिश्चित करने के लिए एक सुरक्षित मानवीय गलियारा प्रदान करने की अपील की गई है।
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने बयान में अंतरराष्ट्रीय निकायों से उत्तरी गाजा को तत्काल फील्ड अस्पताल उपलब्ध कराने का आह्वान और अनुरोध किया है। रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति और विश्व स्वास्थ्य संगठन को इजरायली कब्जे वाले बलों द्वारा हिरासत में लिए गए स्वास्थ्य कर्मियों को रिहा करने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी होगी।
–आईएएनएस
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